Ghoomer Movie Review: जिंदगी अगर आपके मुंह पर दरवाजा मारे ना तो दरवाजा खोलते नहीं हैं, तोड़ते हैं. शराब के नशे में अभिषेक बच्चन जब फिल्म घूमर में ये डायलॉग बोलते हैं तो आपको लगता है कि अभिषेक ने भी दरवाजा तोड़ा ही है. इस बंदे के टैलेंट के साथ फिल्म इंडस्ट्री ने इंसाफ ही नहीं किया. क्या कमाल का एक्टर है, टैलेंट है तो सामने आ ही गया. इंसान चाहे तो कुछ भी कर सकता है और यही सीख ये फिल्म भी देती है और बड़ी शिद्दत से देती है.


कहानी
ये कहानी है अनिनी नाम की वुमन क्रिकेटर की जो इंडियन टीम में खेलना चाहती है. सेलेक्ट भी हो जाती है लेकिन एक एक्सीडेंट में उसका एक हाथ कट जाता है. तो अब वो बैटिंग नहीं कर सकती. फिर इंडियन टीम में कैसे खेलेगी. ऐसे में कभी टेस्ट क्रिकेट खेल चुके पदम सिंह सोढ़ी उसकी जिंदगी में आते हैं और उसे बताते हैं कि क्रिकेट का मतलब सिर्फ बैटिंग नहीं. बॉलिंग भी है और वो एक साथ से भी बॉलिंग कर सकती है. इसके बाद उसकी ट्रेनिंग होती है और वो फिर आगे क्या होता है ये आप समझ सकते हैं लेकिन जिस तरह से होता है वो काबिले तारीफ है.


कैसी है फिल्म
ट्रेलर से ही पता चल गया था कि फिल्म की कहानी क्या होगी लेकिन इसे जिस तरह से दिखाया गया है. मजा आ जाता है. पहला हाफ छोटा है और पहले हाफ में कहानी को बिल्ड किया गया है. यहां आपको लगता है कि फिल्म मुद्दे पर आने में वक्त लग रही है लेकिन फिर बाद में ये अहसास हो जाता है कि ये जरूरी था. उसके बाद सेकेंड हाफ में अभिषेक के सैयामी को ट्रेन करने से सीन क्रिकेट मैच के सीन. अमिताभ की कमेंट्री, सब जबरदस्त है. आप इस फिल्म के साथ ऐसे जुड़ जाते हैं जैसे आप खुद अनिनी के ट्रेनर हैं और आप एक सीख लेकर थिएटर से बाहर आते हैं कि जिंदगी में कुछ भी किया जा सकता है. 


एक्टिंग
अभिषेक बच्चन इस फिल्म की जान हैं. फर्स्ट हाफ में तो जब जब वो स्क्रीन पर आते हैं तभी मजा आता है. उन्होंने एक शराबी कोच का किरदार इस शिद्दत से निभाया है कि लगता है कि सही में इन्होंने पीकर एक्टिंग की है. लेकिन एबीपी लाइव को दिए इंटरव्यू में अभिषेक ने इसका राज भी खोला था कि उन्होंने ये किरदार कैसे निभाया. अभिषेक ने इस फिल्म को देखकर आपको लगता है कि वो हिंदी सिनेमा के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में एक हैं और वाकई अमिताभ बच्चन की विरासत को आगे ले जा रहे हैं. हां फिल्म इंडस्ट्री को ये बात समझनी होगी. सैयामी खेर का काम लाजवाब है. उन्होंने इस किरदार को शिद्दत से निभाया है औऱ उनकी मेहनत दिख रही है. ये उनके करियर का बेस्ट है. शबाना आजमी ने सैयामी की दादी का किरदार निभाया है. एक ऐसी दादी जो पोती को क्रिकेटर बनाना चाहती है. शबाना का किरादर बहुत प्यारा है और उनकी एक्टिंग जबरदस्त है. अमिताभ बच्चन का कैमियो एंड में फिल्म में एक अलग ही रंग ले आता है और उन्हें देखकर खूब मजा आता है. अंगद बेदी ने सैयामी के बॉयफ्रेंड के किरदार में काफी अच्छा काम किया है. उनका रोल छोटा है लेकिन अहम है और उनके सीन काफी असरदार हैं.


डायरेक्शन
आर बाल्की का डायरेक्शन उम्दा है. उन्होंने इस सब्जेक्ट को जिस तरह से ट्रीट किया है. वो वही कर सकते हैं. हर किरदार को जिस तरह से इस्तेमाल किया गया है वो छोटे से छोटे किरदार की अहमियत को बढ़ा देता है और यही अच्छे डायरेक्टर की खासियत है कि वो हर किरदार का सही और सटीक इस्तेमाल करता है. आर बाल्की ने इस फिल्म के जरिए एक बार फिर साबित किया है कि हिंदी सिनेमा के सबसे जबरदस्त डायरेक्टर्स में से एक हैं.


म्यूजिक
अमित त्रिवेदी का म्यूजिक काफी अच्छा है. फिल्म के फील के हिसाब से गाने फिट बैठते हैं. फिल्म का टाइटल ट्रैक को काफी जबरदस्त है और फिल्म में अलग ही फील ले आता है.


इस फिल्म को पूरी फैमिली के साथ देखना चाहिए और जरूर देखना चाहिए क्योंकि ऐसी फिल्में आपमें एक अलग ही तरह का जोश भर देती हैं और जिंदगी में अगर किसी बात को लेकर परेशान हैं और सोच रहे हैं कि जिंदगी थम गई है तो ये फिल्म देखिए. एक नया जोश आ जाएगा और हां थिएटर में ही देखिएगा क्योंकि घूमर को देखने का मजा थिएटर में ही आएगा.


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