एक्सप्लोरर
Hisaab Barabar Review: 27 रुपये 50 पैसे कटने पर बैंक का बड़ा फ्रॉड सामने लाने वाले टीसी की जबरदस्त कहानी
Hisaab Barabar Review: आर माधवन और कीर्ति कुल्हारी की फिल्म हिसाब बराबर 24 जनवरी को जी5 पर रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म को देखने से पहले पढ़ लं इसका रिव्यू.
हिसाब बरारबर
24-01-25 | हिंदी
सोशल
Director
अश्विन धीर
Starring
आर माधवन, कीर्ति कुल्हारी, नील नितिन मुकेश, रश्मि देसाई
Platform
ओटीटी प्लेटफॉर्म
Hisaab Barabar Review: ये फिल्म जो दिखाती है वो हम सबसे जुड़ा है. हमारे बैंक अकाउंट से जुड़ा है, और हम इसपर ध्यान तक नहीं देते. हम सब्जी वाले से, रिक्शा वाले से तो 10 रुपए के लिए बहस कर लेते हैं लेकिन ये ध्यान नहीं देते कि क्या बैंक भी हमारे खाते से 10 रुपए काट रहा है या ब्याज देने में गड़बड़ कर रहा है. ये फिल्म ऐसी एक गड़बड़ को दिखाती है जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता होगा लेकिन ये हजारों करोड़ का घोटाला है. इस फिल्म की कहानी ऐसी है कि सबको देखनी ही देखनी चाहिए.
कहानी
ये कहानी है रेलवे में टिकट चेकर राधे मोहन शर्मा यानि आर माधवन की जो हिसाब का पक्का है. 11 रुपए 50 पैसे मतलब 11 रुपए 50 पैसे, 12 नहीं. ईमानदारी से अपनी नौकरी कर रहे हैं राधे मोहन को बैंक के एक ऐसे घोटाले के बारे में पता चलता है जिसपर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा और जो करोड़ो लोगों से जुड़ा है और हजारों करोड़ का घोटाला है. इस घोटाले को कर रहा है एक बैंक का मालिक मिकी मेहता यानि नील नितिन मुकेश, कैसे राधे इस घोटाले का खुलासा करता है. उसमें इंस्पेक्टर पूनम जोशी यानि कीर्ति कुल्हारी कैसे दखल देती है, यही इस फिल्म की कहानी है.
कैसी है फिल्म
ये फिल्म सिर्फ और सिर्फ अपनी कहानी की वजह से हर हाल में देखी जानी चाहिए और यकीन मानिए ये फिल्म देखने के बाद आप अपनी बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करेंगे कि कहीं हमारे साथ भी तो ऐसा नहीं हो रहा. हर हजारों करोड़ के घोटालों के बारे में सुनते हैं लेकिन बैंक जब 5 या 10 रुपए काट लेता है तो ध्यान नहीं देते. ये फिल्म आपको ध्यान वहां लेकर जाएगी, इसकी कहानी करोड़ों लोगों से जुड़ी हुई है क्योंकि बैंक से लेना देना हममे से ज्यादातर लोगों का होता है. फिल्म दो घंटे की है, थोड़ी देर में मुद्दे पर आ जाती है. हालांकि इसमें भी घोटाले का खुलासा करने वाले राधे मोहन को बैंक का मालिक वैसे ही परेशान करता है जैसा हम कई बार देख चुके हैं लेकिन यहां ये कहानी की डिमांड है और इसके बिना ये कहानी दिखाना मुमकिन नहीं था. फिल्म का ट्रीटमेंट थोड़ा सा और बेहतर हो सकता था. स्क्रीनप्ले पर और मेहनत की जा सकती थी लेकिन कुछ कमियों के बावजूद ये फिल्म देखी जानी चाहिए.
एक्टिंग
आर माधवन ने जबरदस्त काम किया है, वो एक शरीफ आदमी के रोल में हैं और वो वैसी ही रहते हैं. माचो हीरो नहीं बनते, गुंडों को नहीं पीटते, और इस वजह से आपको उनके किरदार से प्यार हो जाता है. माधवन ही ये किरदार इतने कमाल तरीके से निभा सकते थे, नील नितिन मुकेश नेगेविट रोल में जमे हैं. उनके टैलेंट को सही इस्तेमाल इंडस्ट्री कर ही नहीं पाई. वो कमाल के एक्टर हैं, ये कई बार वो दिखा चुके हैं. यहां भी उन्होंने काफी अच्छा काम किया है, कीर्ति कुल्हारी आपको चौंकती है. उनका काम अच्छा है, उनका किरदार जो टर्न लेता है वो आपको हैरान करता है. रश्मि देसाई को ठीक से इस्तेमाल नहीं किया गया, उनके किरदार को कॉमिक टच दिया गया है लेकिन इसकी जरूरत नहीं थी. वो हंसा तो नहीं पाती, उनपर हंसी जरूर आती है. वो टीवी की बड़ी स्टार हैं, उन्हें सोच समझकर फिल्मों में किरदार करने चाहिए.
डायरेक्शन
अश्विन धीर ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और उन्होंने ही रितेश शास्त्री के साथ मिलकर फिल्म को लिखा है. उन्होंने कहानी पब्लिक इंट्रेस्ट की चुनी इसके लिए उनकी तारीफ की जानी चाहिए और डायरेक्शन और राइटिंग ठीक है लेकिन अगर स्क्रीनप्ले थोड़ा सा और बेहतर किया जाता तो और मजा आता.
कुल मिलाकर ये फिल्म देखी जानी चाहिए, आप इसे जी 5 पर देख सकते हैं.
रेटिंग - 3 स्टार्स
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, मूवी रिव्यू और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
इंडिया
मध्य प्रदेश
क्रिकेट
शिवाजी सरकार
Opinion