Jigra Review: 'जिगरा' में आग नहीं, आलिया भट्ट की फिल्म ढाई घंटे तक कराती है जेल में होने का एहसास
Jigra Review: 'जिगरा' करण जौहर के धर्मा प्रोडक्सशन्स की फिल्म है. अगर आप आलिया भट्ट की फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले ये रिव्यू पढ़ लीजिए. हो सकता है आपका पैसा बच जाए.
Vasan Bala
Alia Bhatt, Vedang Raina, Manoj Pahwa
Jigra Review: गुलजार साहब ने लिखा था जिगर मा बड़ी आग है लेकिन आलिया भट्ट की जिगरा में आग छोड़िए चिंगारी भी नहीं है, ये फिल्म थिएटर में देखने की कोई वजह नहीं देती. करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन्स ने जिगरा की रिलीज से पहले तय किया था कि कोई भी फिल्म रिलीज से पहले मीडिया को नहीं दिखाएंगे.
माना जाता है कि ऐसा इसलिए किया जाता है कि रिव्यू जल्दी ना आ जाएं और फिल्म खराब हो तो उसे नुकसान ना हो. हो सकता है धर्मा प्रोडक्शन्स ने ऐसा इसलिए ना किया हो लेकिन मेरे 11 बजे के शो में कोई रिव्यू ना आने के बाद भी मेरे साथ 9 ही लोग थे, चार कपल और एक मैं.
कहानी- इस फिल्म की कहानी ट्रेलर में ही बता दी गई थी. आलिया भट्ट का भाई विदेश में एक जेल में फंस जाता है. उसे मौत की सजा हो जाती है और आलिया भट्ट उसे बचाती हैं. जाहिर है वो आलिया हैं, तो बचा लेंगी. इस बात को गेस करने के लिए दिमाग लगाने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन कैसे बचाती हैं, ये मायने रखता और यहां ये फिल्म चूक जाती है.
कैसी है फिल्म- इस फिल्म की कहानी सबको पहले से पता है कि क्या होगा लेकिन कैसे होगा ये देखने वाली बात थी और यही बात देखने लायक नहीं है. भाई-बहन के इमोशन को खास डेवलप नहीं किया गया. कहीं भी आप उनसे कनेक्ट नहीं करते. फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी बोरिंग लगता है.
उम्मीद जगती है कि सेकेंड हाफ में कुछ खास होगा लेकिन नहीं होता. एनिमल और किल जैसी फिल्मों के बाद वॉयलेंट फिल्मों का पैमाना भी काफी ऊंचा हो गया है लेकिन यहां आपको ऐसा कुछ नहीं दिखता. उम्मीद थी कि आलिया खूब खून खराब करेंगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. फिल्म का ट्रीटमेंट काफी एवरेज है और आपको इस जेल ब्रेक में कोई मजा नहीं आता
एक्टिंग- आलिया भट्ट कमाल की एक्ट्रेस हैं. उन्होंने अपनी लकीर काफी लंबी खींच ली है लेकिन इस फिल्म में वो ऐसा कुछ हीं करती कि इस लकीर को और लंबा कर दें. उनका परफॉर्मेंस ठीक ठाक है. वो इससे बहुत बेहतर काम कर चुकी हैं. यहां उन्हें ठीक से इस्तेमाल नहीं किया गया.
शायद वासन बाला को भंसाली से टिप्स लेने चाहिए थे कि आलिया भट्ट को कैसे स्क्रीन पर दिखाया जाए. वेदांग रैना नए हैं और उस हिसाब से उनका काम अच्छा कहा जाएगा. मनोज पाहवा अच्छे लगे हैं लेकिन कुल मिलाकर जब फिल्म का ट्रीटमेंट और स्क्रीनप्ले डल होगा तो एक्टर कुछ नहीं कर सकते.
डायरेक्शन- वासन बाला का डायरेक्शन काफी एवरेज है. वो ऐसी फिल्म बना रहे थे जिसकी कहानी पहले से लोगों को पता थी, तो उन्हें फिल्म का ट्रीटमेंट अच्छा रखना चाहिए था लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए.
इन दिनों थिएटर में लोगों को लाने के लिए आपको बड़ी वजह देनी पड़ती है. आपके पास एक वजह आलिया भट्ट थी लेकिन इस वजह को भी आप इस्तेमाल नहीं कर पाए.
कुल मिलाकर इस फिल्म का ओटीटी पर इंतजार कीजिए और आलिया के फैन हैं तो देख लीजिएगा.
ये भी पढ़ें:- Jigra OTT Release: आलिया भट्ट की ‘जिगरा’ ओटीटी पर कब और कहां होगी रिलीज, जानें यहां