Salaam Venky Review: 'जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए' क्या कोई मां अपने ही बेटे के लिए इच्छा मृत्यु यानि Euthanasia की मांग कर सकती है और इसके लिए कोर्ट तक जा सकती है? आप सोचेंगे कि एक मां ऐसा क्यों करेगी. इन सवालों के जवाब आपको मिलेंगे सलाम वेंकी देखकर. ये ऐसी फिल्म नहीं जिसे देखकर थिएटर में सीटियों का तालियों का शोर होगा, शोर तो होगा लेकिन आपके अंदर और ये शोर आप जरूर सुनिएगा थिएटर जाकर.

  


कहानी
ये कहानी kolavennu venkatesh नाम के एक लड़के की  है जिसे DMD यानि Duchenne muscular dystrophy नाम की बीमारी है. ये एक rare बीमारी है जो दुनिया में बहुत कम लोगों को होती है और इसका कोई इलाज नहीं है.इसमें मरीज की मौत तय है और उसे काफी दर्द से गुजरना पड़ता है. वेंकी चाहता है कि वो अपने अंग दान कर दे और इसके लिए  इच्छा मृत्यु यानि Euthanasia का सहारा लेना चाहता है. पहले तो उसकी मां उसकी ये बात नहीं मानती लेकिन फिर मां को बेटे की ये जिद भी माननी पड़ता है,लेकिन ये गैर कानूनी है.अब कानून को बदलने के लिए एक मां कैसे लड़ती है. यही इस फिल्म की कहानी है और ये कहानी एक असली कहानी पर आधारित है.2004 में वेंकटेश नाम के लड़के की इस बीमारी से मौत के बाद Euthanasia पर खूब बहस हुई थी. 

 

एक्टिंग
मां के किरदार में काजोल ने कमाल का काम किया है. कैसे एक मां अपने ही बेटे के लिए मौत की मांग करती है, इस किरदार के जरिए काजोल ने बखूबी दिखाया है. काजोल को हमने चुलबुले किरदार में ज्यादा देखा है लेकिन यहां एक अलग काजोल दिखती हैं और वो आपका दिल जीत लेती हैं. वेंकी के किरदार में विशाल जेठवा की एक्टिंग जबरदस्त है वो अपने अंदाज से आपको खूब रुलाते हैं और हंसाते भी हैं.बिस्तर पर लेटे-लेटे जब वो फिल्मी डायलॉग बोलते हैं तो कमाल लगते हैं.इस फिल्म की जान विशाल ही हैं. राजीव खंडेलवाल डॉक्टर के किरदार में हैं और जमे हैं. अहाना कुमरा जर्नलिस्ट बनी हैं और वो भी काफी इम्प्रेंस करती हैं. वकील के किरदार में राहुल बोस का काम भी अच्छा है.प्रकाश राज ने भी जज के किरदार में अच्छा काम किया है.



डायरेक्शन

फिल्म को Revathi ने डायरेक्ट किया है और उनका डायरेक्शन कमाल का है.इमोशन्स को रेवती ने जिस तरह से पिरोया है उससे वो आपको इमोशनल करने में पूरी तरह से कामयाब रही हैं. फिल्म का म्यूजिक काफी अच्छा है और कहानी की पेस को बड़े अच्छे तरीके से आगे बढ़ाता है. मिथुन ने म्यूजिक डिपार्टमेंट में कमाल का काम किया है .

 

ये एक अलग तरह की फिल्म है.ये कोई मसाला फिल्म नहीं है लेकिन ऐसी फिल्में देखी जानी चाहिेए क्योंकि अच्छा सिनेमा देखेंगे तो बनेगा.