Kanguva Review: कब तक ये कहा जाएगा कि ये फिल्म सिर्फ फैंस के लिए है, क्या बाकी लोग देखना नहीं चाहते. फैंस तो खराब फिल्म भी देखते हैं और उस खराब को खराब कहने वालों को बुरा भला भी कहते हैं. ये फिल्म भी वैसी ही है, फैंस के लिए है. सूर्या को देखकर मजा आएगा लेकिन फिल्म देखकर मजा नहीं आएगा.

 

कहानी

यही इस फिल्म की दिक्कत है कि कहानी को ठीक से पेश नहीं किया गया. कहानी 2 अलग अलग टाइम जोन की है जो आपसे में जुड़ते हैं लेकिन ये जोड़ फेविकोल जैसा मजबूत नहीं है. जुड़ ही नहीं पाता और यहीं ये फिल्म मार खा जाती है. एक लड़के के दिमाग के साथ कुछ बड़ा केमिकल लोचा हो गया है और वो गोवा आ जाता है और एक मर्डर होते देख लेता है. यह मर्डर किसने किया, कौन है kanguva, कौन है ये लड़का, यही है कहानी.

 

कैसी है फिल्म

ये फिल्म जब शुरू होती है तो समझ नहीं आता क्या हो रहा, धीरे धीरे समझ आना शुरू होता है लेकिन फिर दिमाग की दही होती है. कभी भी कुछ भी होता है, ऊपर से गाने आपके गुस्से को और बढ़ाते हैं.  बीच-बीच में अच्छे सीन आते हैं लेकिन कुछ सीन देखने तो हम थिएटर नहीं जाते न. कुल मिलाकर आप पूरी फिल्म बड़ी हिम्मत से देख पाते हैं.

 

एक्टिंग

सूर्या का काम अच्छा है, मॉडर्न रोल में वो उतने जमे नहीं लेकिन kanguva जब वो बनते हैं तो रंग जमाते हैं. लेकिन उनकी अच्छी एक्टिंग भी कुछ कर नहीं पाती. बॉबी देओल को बर्बाद किया गया है. दिशा पटानी की कोई दिशा नहीं दिखती.

 

डायरेक्शन

Siva ने इस फिल्म को लिखा है और डायरेक्ट किया है और उनके सिवा इस फिल्म को खराब करने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. सूर्या जैसे एक्टर को लेकर जब आप फिल्म बनाओ तो कहानी और ट्रीटमेंट दमदार होना चाहिए.

 

कुल मिलाकर ये फिल्म सिर्फ सूर्या के फैंस ही देखें वो भी अपने रिस्क पर.