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Kaushaljis Vs Kaushal Review: अपने मम्मी पापा के लिए देखिए ये फिल्म, Wifi कनेक्शन को फैमिली कनेक्शन से ज्यादा अहमियत देने वाली जेनरेशन जरूर देखे
Kaushaljis Vs Kaushal Review: आशुतोष राणा हमेशा अपनी एक्टिंग से सभी को इंप्रेस कर देते हैं. इस बार फिर उनकी दिल जीत लेने वाली एक फिल्म आई है.

कैसी है कौशलजी वर्सेज कौशल
Source : IMDB
कौशलजी वर्सेज कौशल
21-02-25 | हिंदी
सोशल
Director
सीमा देसाई
Starring
आशुतोष राणा, शीबा चड्ढा, ग्रुषा कपूर, पावेल गुलाटी, ईशा तलवार
Platform
ओटीटी
Kaushaljis Vs Kaushal Review: आजकल की जेनरेशन के लिए wifi connection की अहमियत फैमिली कनेक्शन से ज्यादा है. ये इसी फिल्म का डायलॉग है और काफी हद तक सही है. आज के दौर में हम फैमिली के साथ होकर भी उनके साथ नहीं हैं. एक ही घर में पड़ोसियों की तरह रहते हैं. ओटीटी पर ज्यादातर ऐसा कॉन्टेंट ही आता है जो फैमिली साथ नहीं देख सकती लेकिन कभी कभी ऐसा भी आ जाता है जो फैमिली के लिए और फैमिली के साथ देखना जरूरी है. ऐसी ही एक फिल्म जियो हॉटस्टार पर आई है, नाम है कौशलजी वर्सेज कौशल. ये फिल्म अपने मम्मी पापा के लिए देखिए.
कहानी
ये कहानी है कन्नौज में रहने वाले कौशल जी यानि आशुतोष राणा की जो हैं तो अकाउंटेंट लेकिन उन्हें कव्वाली का शौक है. उनकी पत्नी शीबा चड्ढा हाउसवाइफ हैं लेकिन उन्हें इत्र बनाने का शौक है. लेकिन ये दोनों अपने ये शौक और सपने जी नहीं पाते. बेटा पावेल गुलाटी नोएडा में नौकरी करता है, बेटी भी बाहर एनजीओ में काम करती है. दोनों एक दिन तलाक लेने का फैसला करते हैं, लेकिन बेटे की गर्लफ्रेंड ईशा तलवार को तो एक ऐसा परिवार चाहिए जो साथ रहता हो. अब क्या होगा, ये आपको फिल्म देखकर पता चलेगा.
कैसी है फिल्म
ये फिल्म अच्छी होने के साथ साथ जरूरी है. हम अपने काम अपने सपनों के चक्कर में अपने मां बाप के सपनों को भूल जाते हैं या फिर ये सोचते नहीं कि उनके भी सपने हैं और मां बाप तो खैर हमारे ही सपनों को पूरा करने में लगे रहते हैं. हर शादी में कुछ न कुछ दिक्कत होती है और ये फिल्म उसी पर बात करती है. कुछ सीन तो कमाल के हैं जहां आशुतोष राणा और शीबा चड्ढा अपने सपनों को जीने की बात कर रहे होते हैं. ये फिल्म आपको इमोशनल करती है, कुछ सिखाती है, आपको अपनी फैमिली के करीब लाती है. थोड़ी सी खिंची हुई लगती है लेकिन फिल्म का मकसद अच्छा है और एंड में आप इस फिल्म से कुछ लेकर जाते हैं और इसे देखने के बाद अपने मम्मी पापा से उनके सपनों के बारे में जरूर पूछेंगे.
एक्टिंग
आशुतोष राणा ने कमाल का काम किया है, कन्नौज के अकाउंटेंट की बॉडी लैंग्वेज को उन्होंने शानदार तरीके से पकड़ा है. खड़े होने का तरीका, यहां तक कि फैमिली फोटो खिंचवाने का तरीका, उनकी एक्टिंग जबरदस्त है. शीबा चड्ढा का काम काबिले तारीफ है. वो हर हाउसवाइफ के दिल की बात कह गई हैं, वो इतने नेचुरल तरीके से एक्टिंग करती हैं कि आपको वो किरदार ही लगती हैं. आशुतोष और शीबा इस फिल्म की जान हैं. पावेल गुलाटी ने शानदार काम किया है. एक सीन में वो अपने मम्मी पापा को लूजर कहते हैं और आपको उनपर गुस्सा आता है. ये उनके किरदार की कामयाबी है, ये फिल्म कुछ वक्त पहले शूट हुई थी. उसके बाद से पावेल एक एक्टर के तौर पर काफी आगे बढ़ रहे हैं. ईशा तलवार बहुत खूबसूरत लगी हैं और उनकी एक्टिंग बहुत अच्छी है. वो स्क्रीन पर एक अलग ही करिश्मा पैदा करती हैं. बृजेंद्र काला हमेशा की तरह शानदार हैं. ग्रुषा कपूर का काम भी अच्छा है. दीक्षा जोशी भी काफी इंप्रेस करती हैं.
डायरेक्शन
सीमा देसाई ने फिल्म डायरेक्ट की है और सीमा ने ही सिद्धार्थ गोयल के साथ मिलकर ये फिल्म लिखी है. डायरेक्शन अच्छा है और राइटिंग में जान है. ऐसी फिल्में आज के दौर में जरूरी हैं लेकिन बनती नहीं हैं. डायरेक्टर्स ने एक्टर्स का अच्छा इस्तेमाल किया है. कई ऐसे मोमेंट डाले हैं जो आपको आंखें नम कर जाएंगे और अगर कोई फिल्म आपको रुला सकती है तो वो दिल तक पहुंची है.
कुल मिलाकर ये फिल्म देखनी चाहिए, पूरी फैमिली के साथ
रेटिंग 3.5 stars
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