Kusum Ka Biyaah Review: कंटेंट इज किंग... ये बात इन दिनों खूब कही जाती है और सही भी है. अच्छी फिल्म बनाने के लिए बड़े सितारे, बड़े सेट, महंगे कॉस्ट्यूम ये सब नहीं चाहिए होता. चाहिए होती है तो अच्छी कहानी...अच्छा स्क्रीनप्ले और अच्छा ट्रीटमेंट. इस फिल्म में आपको ये सब मिलता है और ये इस फिल्म को देखने की बड़ी वजह है.
कहानी
कोरोना ने हम सबकी जिंदगी पर बड़ा गहरा असर डाला था. ये फिल्म उसी दौर की कहानी है जब एक बारात कोरोना में फंस जाती है. 2 राज्यों के बीच फंसी बारात के साथ क्या कुछ होता है. कैसे उन्हें अपने ही राज्य में जाने नहीं दिया जाता. किस बेबसी से सब गुजरते हैं. यही इस फिल्म में दिखाया गया है और बड़े अच्छे और दिल छू लेने वाले तरीके से दिखाया गया है.
कैसी है फिल्म
कोरोना का प्रकोप भले कम हो गया तो लेकिन इसने हम सब पर गहरा असर छोड़ा था और यही वजह है कि ये फिल्म आप पर गहरा असर छोड़ती है. एक राज्य के DM की परमिशन मिल जाती है लेकिन दूसरे राज्य के DM की परमिशन भी चाहिए और उनको कोरोना हो जाता है. ऐसी सिचुएशन को बड़े भावुक तरीके से दिखाया गया है. फिल्म में कोई बड़ा सितारा नहीं है लेकिन हर कोई आपके दिल को छूता है. आप उनके दर्द से रिलेट करते हैं. आपको लगता है ये सब आपके साथ हो चुका है और यही चीज इस फिल्म को खास बना देती है. 2 राज्यों का एक दूसरे पर आरोप लगाना आपको प्रशासन की कमजोरी के बारे में बताता है.
एक्टिंग
सुजाना दर्जी, लवकेश गर्ग, राजा सरकार, सुहानी बिस्वास सबकी एक्टिंग शानदार है. ये आपको एक्टर नहीं लगते. कोरोना से परेशान लोग ही लगते हैं और ये आपको उसी दौर में ले जाते हैं. लोकल बोली को सबके कमाल तरीके से पकड़ा है.
डायरेक्शन
शुवेंदु राज घोष का डायरेक्शन अच्छा है. आपको लग सकता है कि ये कहानी अब क्यों आई पहले क्यों नहीं आई लेकिन तब भी आप इस कहानी से जुड़ जाते हैं.
कुल मिलाकर ये एक अच्छी फिल्म हैं जिसे देखा जा सकता है.
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