Mission Impossible 7 Review: किसी फिल्म की सक्सेस इस बात पर डिपेंड करती है कि तीन घंटे की फिल्म ऑडियंस को सीट से बांधे रखती है या नहीं. टॉम क्रूज़ की नई फिल्म 'मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट वन' इस पर खरी उतरती है. फिल्म की कहानी से लेकर स्टंट और एक्शन दर्शकों को सीट पर जमे रहने के लिए मजबूर करते हैं. टॉम क्रूज़ और डायरेक्टर क्रिस्टोफर मैक्वारी की ये रियल सक्सेस है.
पिछले साल हॉलीवुड सुपरस्टार टॉम क्रूज ने 'टॉप गन मेवरिक' से ऑडियंस को इम्प्रेस किया था वहीं अब टॉम क्रूज एजेंट हंट के रूप में दमदार एक्शन के साथ दर्शकों के सामने आए हैं. टॉम क्रूज़ की 'मिशन इम्पॉसिबल' फिल्म सीरीज की सातवीं इंस्टॉलमेंट 'मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट वन' 12 जुलाई को भारत में रिलीज़ हो रही है. टॉम क्रूज इस फिल्म में अपनी पॉपुलर इमेज को बरकरार रखते हुए ऑडियंस को एक्शन की फुल डोज देते हैं. मिशन इम्पॉसिबल फिल्में केवल टॉम क्रूज के लिए देखी जाती हैं और यह फिल्म भी टॉम क्रूज के लिए जरूर देखी जानी चाहिए. 61 साल की उम्र में टॉम क्रूज को दमदार एक्शन करके देखना किसी ट्रीट से कम नहीं है.
कहानी
फिल्म की शुरुआत रूसी पनडुब्बी सेवस्तोपोल पर चल रहे एक एक्सपेरिमेंटल सीक्रेट मिशन से होती है. इसी समय इस पनडुब्बी को एक और पनडुब्बी नजर आती है. सेवस्तोपोल के कैप्टन पनडुब्बी को नष्ट करने का ऑर्डर देते हैं लेकिन कुछ देर बाद पनडुब्बी अचानक गायब हो जाती है. फिर जिस मिसाइल को संदिग्ध पनडुब्बी को नष्ट करने के लिए छोड़ा गया था वह मिसाइल सेवस्तोपोल में ही गिर जाती है. इसके बाद सेवस्तोपोल के परखच्चे उड़ जाते हैं और उस पर रहने वाले सभी लोग भी मारे जाते हैं. लेकिन इस पनडुब्बी का सबसे विनाशकारी हथियार भी समुद्र के तट पर ही है. यह हथियार अगर किसी के हाथ लग जाएगा तो वह पूरी दुनिया को तबाह कर सकता है, इसलिए इस हथियार के पीछे लोग लगे हुए हैं. यह फिल्म इस हथियार को चलाने के लिए चाबियों के दो सेट हासिल करने की कोशिश के ईर्द-गिर्द घूमती है.
एथन हंट और उनकी आईएमएफ टीम को चाबी ढूंढने का काम सौंपा गया है. अगर यह हथियार किसी गलत इंसान के हाथ लग जाएगा तो यह पूरी दुनिया को तबाह कर सकता है. इस दौरान पूरे मिशन में एजेंट हंट अहम भूमिका निभाते हुए नजर आता है. क्या हंट चाबी को गलत हाथों में जाने से बचा पाता है ये तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा.
डायरेक्शन
'मिशन इम्पॉसिबल' की हर फिल्म में एक्शन की एक अलग ही डोज होती है और यह पिछली फिल्म के मुकाबले हाई क्वालिटी वाली होती है और यह बात टॉम क्रूज और क्रिस्टोफर मैकक्वेरी ने इस फिल्म में भी साबित की है. फिल्म में क्रिस्टोफर ने एक्शन के साथ-साथ बीच-बीच में इमोशनल सीन भी अच्छे से डाले हैं. हालांकि कुछ जगहों पर डायलॉग्स थोड़े बोरिंग भी लगते हैं लेकिन एक बार एक्शन शुरू होने के बाद आप स्क्रीन से नजरें नहीं हटा पाते. चाहे शुरुआती रेगिस्तानी एक्शन हो, वेनिस में एक्शन हो, ईथन की फिएट कार में अपनी जान बचाने की कोशिश हो या क्लाइमेक्स में ट्रेन का सीन हो. ज्यादातर एक्शन पलक झपकते ही अपना असर दिखा देते हैं. एथन का बाइक से कूदना और ट्रेन के सींस अमेजिंग हैं.
एक्टिंग
फिल्म क्रिस्टोफर मैकक्वेरी और एरिक जेंडरसन द्वारा लिखी गई है. 61 साल की उम्र में टॉम क्रूज ने जिस तरह से एक्टिंग की है वो काबिलेतारीफ है. टॉम क्रूज एक्शन के साथ-साथ इमोशनल सीन में भी काफी इम्पेस करते हैं. हालांकि उनके चेहरे से उनकी उम्र का पता चलता है, लेकिन उनके एक्शन से उनकी उम्र का पता नहीं चलता. हेले एटवेल ने ग्रेस के रूप में अच्छा काम किया है. ग्रेस एक चोर है और वो एक चाबी हासिल कर लेता है जिसे वह गेब्रियल को बेचने की कोशिश करता है, लेकिन बाद में सच्चाई जानने के बाद एथन की टीम में शामिल हो जाता है.
'मिशन इम्पॉसिबल - रॉग नेशन' और 'मिशन इम्पॉसिबल - फॉलआउट' के बाद रेबेका फर्ग्यूसन इस फिल्म में इल्सा फॉस्ट के रूप में वापसी कर रही हैं, रेबेका के एक्शन सीन भी कमाल के हैं. एसाई मोरालेस ने गेब्रियल की भूमिका शानदार ढंग से निभाई है.अगर एथन को चाबी मिल जाती है, तो अगले एपिसोड में दिखाया जाएगा कि वह हथियार और उसे पाने की कोशिश करने वालों को कैसे बर्बाद कर देता है. 'मिशन इम्पॉसिबल - डेड रेकनिंग पार्ट टू' अगले साल रिलीज होने की बात कही जा रही है. उस फिल्म को लेकर भी काफी एक्साइटमेंट है.
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