Mission Raniganj Review: कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जिनकी कहानी जानना जरूरी होती है. इसलिए कि वो कहानी असली होती हैं, इसलिए कि वो कहानी हमारे देश के असली हीरोज की कहानी होती हैं, इसलिए कि हम उन हीरोज को सलाम कर सकें. उन्हें इतिहास हमेशा याद रख सके. मिशन रानीगंज ऐसी ही फिल्म है.


कहानी
ये कहानी है रानीगंज की जहां कोयले की खान में एक हादसा हो जाता है और वहां 65 मजदूर फंस जाते हैं.वो कहां हैं? किसी को नहीं पता. जिंदा भी हैं या नहीं किसी को नहीं पता. नीचे पानी का लेवल बढ़ रहा है.जहरीली गैस बन रही है.ऐसे में माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल उन्हें बचाने का प्लान बनाते हैं और खुद नीचे जाते हैं.ये ऐसा रेस्क्यू ऑपरेशन है जो कभी दुनिया में कहीं नहीं हुआ था.इसमें जसवंत सिंह गिल खुद सबसे आखिर में बाहर आते हैं.ये एक असली कहानी है जो हम सबको पता होनी चाहिए. 


कैसी है फिल्म
ये एक शानदार फिल्म है. शुरू से एंड तक फिल्म आपको बांध कर रखती है.आप उस रेस्क्यू मिशन का हिस्सा बन जाते हैं.आप माइन में फंसे मजदूरों के दर्द को महसूस करते हैं.उनके घरवालों की तड़प के साथ आप भी तड़पते हैं.फिल्म आपको सांस लेने का मौका नहीं देती और आप सीट से चिपके रहते हैं कि आगे इस मिशन में क्या होगा.ये जानने की दिलचस्पी बनी रहती है.फिल्म में जिस तरह से कोयले की खान के सीन दिखाए गए हैं वो कमाल लगते हैं.इस फिल्म को लंदन के पास शूट किया गया था और वहां पूरी कोयले की खान क्रिएट की गई थी और जिस तरह से ये सब दिखाया गया है बिल्कुल असली लगता है और हर इन 65 लोगों की सांस ऊपर नीचे होने के साथ ही आपकी सांस भी ऊपर नीचे होती रहती है..और एंड में जब सारे मजदूर और आखिर में जसवंत सिंह गिल बाहर आते हैं तो आप ताली बजाते हैं.


एक्टिंग
अक्षय कुमार ने कमाल का काम किया है.उनपर पिछली कुछ फिल्मों में तैयारी कम करने के इल्जाम लगे हैं लेकिन यहां अक्षय़ इस रोल में खूब जमे हैं.उनकी बॉडी लैग्वेंज से लेकर डायलॉग डिलीवरी सब परफेक्ट है.बाकी के सारे कलाकार भी शानदार हैं और फिल्म में एक से बढ़कर एक कलाकार हैं. कुमुद मिश्रा अक्षय के बॉस बने हैं. नए लुक में दिखते हैं और उन्होने कमाल का काम किया है.पवन मल्होत्रा का काम शानदार हैं. रवि किशन ने माइन में फंसे मजदूर के किरदार में जान डाल दी है. परिणीती चोपड़ा अक्षय की पत्नी के किरदार में हैं. उनका रोल छोटा है लेकिन बहुत प्यारा है. जमीन खान ने कमाल की एक्टिंग की है. दिब्येंदु भट्टाचार्य ने नेगेटिव रोल में जान फूंक दी है.


डायरेक्शन
टीनू सुरेश देसाई का डायरेक्शन काफी अच्छा है. फिल्म पर उनकी पकड़ शुरू से एंड तक रही है और जिस तरह उन्होंने एक से बढ़कर एक कमाल के एक्टर लिए हैं और उनसे काम करवाया है वो काफी शानदार है. एक अच्छा डायरेक्टर ही ये कर सकता है.अक्षय कुमार के किरदार को जिस तरह से उन्होंने दिखाया है वो इस किरदार को और असरदार बनाता है और गिल साहब के लिए आपके मन में इज्जत और बढ़ जाती है.


म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक अच्छा है..शुरू होते ही एक गाना आता है जो थोड़ा खलता है लेकिन गाना अच्छा है.जीतेंगे गाना कुमार विश्वास ने लिखा है और ये शानदार लगता है.
कुल मिलाकर ये हमारे देश के ऐसे हीरो की कहानी है जो हमें नहीं पता थी और ये कहानी पता होनी चाहिए इसलिए ये फिल्म देखी जानी चाहिए. 


ये भी पढ़ें:-Jawan Box Office Collection Day 29: ‘जवान’ का बॉक्स ऑफिस पर टिकना हुआ मुश्किल, 2 करोड़ भी नहीं बटोर पा रही अब SRK की फिल्म, 29वें दिन किया बस इतना कलेक्शन