Mufasa- The Lion King Review: तीन खान ने मिलकर जमा दिया रंग, बच्चों के एंटरटेनमेंट के लिए शाहरुख की आवाज में शेर बोला- 'मैं हूं ना'
Mufasa- The Lion King Review: 'मुफासा- द लायन किंग' एक म्यूजिकल ड्रामा है जिसे बैरी जेनकिंस ने डायरेक्ट किया है. फिल्म 20 दिसंबर को रिलीज होगी. इससे पहले, फिल्म कैसी है, ये आप जान लीजिए.
बैरी जेनकिंस
शाहरुख खान, आर्यन खान, अबराम, श्रेयस तलपड़े, संजय मिश्रा, मकरंद देशपांडे और मियांग चैंग
Mufasa- The Lion King Review: तीन खान की जब बात होती है तो दिमाग में शाहरुख, सलमान और आमिर ही आते हैं. लेकिन इस फिल्म में भी 3 खान हैं और उन्होंने भी खूब कमाल किया है. ये हैं शाहरुख, आर्यन और अबराम और इंडिया में डिज्नी की इस फिल्म को देखने की बड़ी वजह यही है. ये फिल्म बच्चों को काफी कमाल की लगेगी और बड़ों को तो साथ जाना ही पड़ेगा लेकिन फिक्र मत कीजिए, बड़े भी फुल एंटरटेन होंगे.
कहानी
इस बार मुफासा के राजा बनने की कहानी दिखाई गई है, द लायन किंग के फर्स्ट पार्ट में मुफासा और उसके भाई स्कार की दुश्मनी दिखी थी. लेकिन इस बार कहानी पीछे जाती है, कैसे मुफासा बचपन में एक बाढ़ की वजह से परिवार से बिछड़कर शेरों के एक दूसरे झुंड में पहुंच जाता है, जहां उसे अपना ये मुंहबोला भाई मिलता है. फिर कैसे घुसपैठिए इनके परिवार को मारकर इनकी जान के पीछे पड़ जाते हैं, और भागकर इन्हें जान है एक सीक्रेट जगह जिसके बारे में कोई नहीं जानता. कैसे दोनों भाई दुश्मन बनते हैं, यही कहानी इस बार दिखाई गई है.
कैसी है फिल्म?
इस फिल्म को दिलचस्प तरीके से बनाया गया है, विजुअल्स काफी अच्छे लगते हैं और वॉयस ओवर कमाल का है. इसे बिल्कुल देसी अंदाज दिया गया है, कुछ सीक्वेंस काफी कमाल के हैं, देखने में मजा आता है. बीच-बीच में कुछ सीन थोड़े लंबे और बोरिंग लगते हैं लेकिन उन्हें ज्यादा नहीं खींचा गया. फर्स्ट हाफ तो काफी कमाल है, सेकंड हाफ में शेरों का लव ट्राएंगल थोड़ा फनी लगता है. लेकिन आप हंसते-हंसते उसे झेल ही जाते हैं क्योंकि फिल्म बच्चों के लिए है.
एक्टिंग
इस फिल्म में कमाल की वॉयस एक्टिंग की गई है. मुफासा को आवाज शाहरुख खान ने दी है और उनकी आवाज ने ही उस शेर को रोमांटिक बना दिया है. जब वो बोलते हैं 'मैं हूं ना' तो दिमाग में शाहरुख और सुष्मिता सेन वाला सीन खुद चलने लगता है. मुफासा के बेटे सिम्बा को आवाज आर्यन खान ने दी है और उनकी आवाज सुनकर लगता है कि उन्होंने वॉयस एक्टिंग की प्रॉपर ट्रेनिंग ली है. उन्होंने अपना काम परफेक्शन से किया है.
छोटे मुफासा को छोटे खान अबराम ने आवाज दी है और कहते हैं न पूत के पांव पालने में दिख जाते हैं ,वही हुआ है यहां. अबराम ने कमाल का काम किया है और उनकी आवाज काफी सूट करती है. श्रेयस तलपड़े ने टीमोन को आवाज दी है और संजय मिश्रा पम्बा की आवाज बने हैं, इन दोनों की जुगलबंदी कमाल की है, मकरंद देशपांडे रफीकी की आवाज बने हैं, मियांग चैंग ने टाका को अपनी आवाज ने जोरदार बना दिया है.
डायरेक्शन
बैरी जेनकिंस का डायरेक्शन अच्छा है, उन्होंने स्टोरी को सिंपल रखा है. वॉयस कास्टिंग पर अच्छा काम किया है. कुल मिलाकर बच्चों के साथ ये फिल्म देखी जा सकती है.
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