Munjya Movie Review: आशिक 'मुंज्या' और 'मुन्नी' से शादी करने की उसकी चाहत की कहानी, डर और कॉमेडी की रोलरकोस्टर राइड देती है फिल्म
Munjya Movie Review: शरवरी वाघ और अभय वर्मा की फिल्म मुंज्या सिनेमाघरों में आज रिलीज हो गई है. अगर आप भी इस फिल्म को देखने जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले पढ़ लें रिव्यू.
आदित्य सरपोतदार
शरवरी वाघ, अभय वर्मा, मोना सिंह, सत्यराज
सिनेमाघर
Munjya Movie Review: शरवरी वाघ और अभय वर्मा की हॉरर कॉमेडी फिल्म मुंज्या रिलीज हो चुकी है. ये भारतीय हॉरर सिनेमा का पहला CGI (Computer Generated Imaginary) किरदार है. मुन्नी से शादी करने के पीछे पड़े मुंज्या का आखिर में क्या होता है आइए जानते हैं.
कहानी
मुंज्या महाराष्ट्रियन कल्चर में एक प्रकार के भूत को कहते हैं जो ब्राह्मण लड़का अपने उपनयन संस्कार से पहले या 10 दिन के अंदर अपनी अधूरी इच्छाओं के साथ मर जाता है, वो मुंज्या बन जाता है. फिल्म की कहानी शुरू होती है एक जिद्दी लड़के से जिसको मुन्नी से शादी करनी होती है पर मुन्नी की शादी किसी और से हो रही हो होती है. फिर कुछ सीन्स के बाद ये लड़का मुंज्या बन जाता है और असली कहानी शुरू होती है. कुत्तों से डरने वाला बिट्टू कैसे मुंज्या से लड़ने की हिम्मत जुटा पाता है और अपने घरवालों के साथ मिलकर कैसे इस मुंज्या से पीछा छुड़वाता है और उसे खत्म करता है ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
कैसी है फिल्म
मैडॉक सुपरनैचुरल यूनिवर्स सबसे पहले 2018 में राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर स्टारर फिल्म 'स्त्री' लाया, जो एक हॉरर-कॉमेडी थी. इसके बाद 'रूही' और 'भेड़िया' जैसी फिल्में आईं. अब, मैडॉक सुपरनैचुरल यूनिवर्स चौथी फिल्म 'मुंज्या' लेकर आया है. इसमें एक सीजीआई किरदार है, जिसका नाम 'मुंज्या' है. शरवारी वाघ और अभय वर्मा की ये फिल्म रिलीज हो चुकी है. फिल्म की लंबाई 2 घंटे 3 मिनट है. फिल्म में मुंज्या की एंट्री से पहले तक डर लगता है पर उसके बाद कॉमेडी फ्रंट सीट लेने लगती है. फिल्म में रोमांस, दोस्ती, इमोशंस, कॉमेडी और दादी पोते का प्यार सब है.
एक्टिंग
'मुंज्या' में शरवरी वाघ, मोना सिंह, अभय वर्मा और सत्यराज अहम भूमिका में नजर आए हैं. सभी की एक्टिंग दिल जीत लेती है. चाइल्ड आर्टिस्ट से लेकर मुख्य किरदारों तक सबने बेहतरीन काम किया है. एक्टिंग के नजरिए थोड़ी मुश्किलें हो सकती थीं क्योंकि कलाकारों को एक ऐसे किरदार के साथ शूट करना था जो दरअसल सेट पर था ही नहीं, जिसे बाद में कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से बनाया गया है पर ऐसी कोई कमी फिल्म में नहीं दिखती. कॉमेडी से लेकर एक्शन सीक्वेंस तक ऐसा लगता है जैसे मुंज्या वाकई सेट पर मौजूद है और एक्टिंग कर रहा है. मोना सिंह लंबे वक्त बाद पर्दे पर दिखी हैं पर हर सीन में बढ़िया तरीके से नजर आती है.अभय ने इससे पहले धर्मा प्रोडक्शंस की 'ऐ वतन मेरे वतन ' के साथ-साथ कान्स फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा रही 'सफेद' में काम किया है. इस फिल्म में शो स्टीलर वही हैं. शरवरी वाघ एक जुंबा इंस्ट्रक्टर के रोल में हैं जो अभय की बचपन की दोस्त है. प्यार को लेकर कंफ्यूज है, प्रेमी से प्यार नहीं कर पा रही और बचपन के दोस्त को जो उससे एकतरफा मोहब्बत में है उसे छोड़ना नहीं चाह रही पर शरवरी का रोल सिर्फ इतना ही नहीं है. आखिर तक आते आते उनका किरदार और प्रगाढ़ होने लगता है. फिल्म में सभी किरदारों के पास अपना अपना रोल है कोई भी किरदार सिर्फ कहानी की जरूरत के लिए यूं ही नहीं रखा गया है.
डायरेक्शन
'मुंज्या' का डायरेक्शन आदित्य सरपोतदार ने किया है. कहानी लिखी है निरेन भट्ट ने और फिल्म के प्रोड्यूसर हैं निर्माता दिनेश विजन और अमर कौशिक. फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है. एक सुपरनैचुरल फिल्म बनाना और खासकर ऐसे किरदार को ध्यान में रखकर डायरेक्ट करना जो असल जिंदगी में है नहीं. ऐसा कभी भारतीय हॉरर सिनेमा के इतिहास में नहीं हुआ. फिल्म के डायरेक्शन में कहीं से भी ऐसा लूपहोल नहीं नजर आता है.
काफी दिनों के बाद कोई हॉरर कॉमेडी पर्दे पर आई है तो एक बार जाकर देखा जा सकता है.
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