OMG 2 Movie Review: क्या बच्चों को सेक्स एजुकेशन दी जानी चाहिए, क्या सेक्स पर बात करना गंदी बात है. इस मुद्दे पर बनी OMG 2 एक जबरदस्त फिल्म है. बहुत वक्त बाद कोई ऐसी फिल्म देखी जिसमें कोई कमी नहीं दिखी. जिसकी राइटिंग कमाल की लगी. जिसमे कई ऐसे सीन आए जहां थिएटर तालियों से गूंज उठा.


कहानी
ये कहानी है शिव के भक्त कांति शरण मुदगल यानि पंकज त्रिपाठी की जिनके बेटे को स्कूल से निकाल दिया जाता है क्योंकि स्कूल के मुताबिक वो एक ऐसी हरकत कर देता है जो सही नहीं है. इसके बाद पंकज त्रिपाठी का परिवार बदनामी की वजह से शहर छोड़कर जाना चाहता है लेकिन शिव के दूत बने अक्षय कुमार उन्हें रोक लेते हैं. फिर पंकज स्कूल पर कोर्ट केस कर देते हैं उनकी मांग होती है कि स्कूलों में सेक्स एजुकेशन दी जाए और उनके बेटे को स्कूल में वापस लिया जाए. स्कूलों में सेक्स एजुकेशन की जरूरत को बताती ये कहानी शानदार तरीके से कही गई है.


एक्टिंग
शिव के दूत के रूप में अक्षय कुमार जबरदस्त लगे हैं. अक्षय का रोल फिल्म में कम है और यही उनकी रोल की खासियत है. वो वहां आते हैं जहां जरूरत है लेकिन जब आते हैं तो छा जाते हैं. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस जबरदस्त है. पंकज त्रिपाठी ने कांति शरण के किरदार में जान डाल दी है. उनकी एक्टिंग इतनी परफेक्ट है कि आप कहीं कमी ढूंढ ही नहीं पाएंगे. वकील के किरदार में यामी गौतम शानदार हैं. जज के किरदार में पवन मल्होत्रा ने शानदार एक्टिंग की है. पंकज त्रिपाठी के पत्नी और बच्चों के किरदार निभाने वाले कलाकारों ने भी काफी अच्छा काम किया है.


कैसी है फिल्म
ये फिल्म शानदार है, पहले सीन से ये फिल्म आपको बांध लेती है और सही पेस से आगे बढ़ती है. एक भी सीन ऐसा नहीं आता जहां आप एंटरटेन ना हों. एक के बाद एक ऐसे सीन आते हैं जहां आप तालियां बजाते हैं. कोर्ट के सीन शानदार हैं बीच बीट में कॉमिक पंच डाले गए हैं. जो हंसाते भी हैं और कहीं ना कहीं समाज के बनाए गलत तौर तरीकों पर चोट भी करते हैं. ये फिल्म आपको बहुत कुछ देती है. इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट दिया गया है लेकिन फिल्म बच्चों की सेक्स एजुकेशन पर है और आपको फिल्म देखते हुए लगता है कि बच्चों को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए. फिल्म में अक्षय यो शिव के दूत के रूप में दिखाया गया है. जिससे किसी तरह का कोई विवाद ना हो. जहां उन्हें शिव के गेटअप में दिखाया गया है उसे भी जस्टिफाई किया गया है. 


डायेरक्शन
अमित राय का डायरेक्शन बहुत अच्छा है. फिल्म पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत है. अमित राय ने ही फिल्म को लिखा भी है और बहुत खूब लिखा है. इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी ही इसकी राइटिंग है और इसके लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है.


परफेक्ट कुछ नहीं होता हर चीज में बेहतरी की गुजाइंश होती है लेकिन ये फिल्म हाल के दिनों में आई बेहद शानदार फिल्म है जिसे जरूर देखा जाना चाहिए. ये फिल्म आपको काफी कुछ सिखाएगी.


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