Radhe Review: पिछले साल तान्हाजी के बाद से कोई बड़ी बॉलीवुड मसाला फिल्म घर में कैद कोराना-त्रस्त दर्शकों के लिए दवा का काम नहीं कर सकी लेकिन सलमान खान की 'राधे- योर मोस्ट वांटेड भाई' राहत लाई है. यह मसाला-मास-एंटरटेनर है.


ठीक वैसी, जैसी सलमान खान की मनोरंजक फिल्में हुआ करती हैं. वह बीच में होते हैं. बाकी सब कुछ उनके आस-पास और उन्हीं की वजह से होता है. आप जिधर देखते हैं, उधर सलमान होते हैं. राधेः योर मोस्ट वांटेड भाई सलमान ब्रांड का सिनेमा है, जिसमें वह सब कुछ है, जो खास तौर पर फैंस को चुंबक की तरह उनकी तरफ खींचता है. पिछली तीन फिल्मों रेस-3 (2018), भारत और दबंग-3 (2019) की नाकामी के बाद राधे सलमान ब्रांड की चमक को फिर बढ़ाती है.



निर्देशक प्रभु देवा के साथ लेखकों और सलमान को छवि को मैनेज करने वाली टीम ने उनके ब्रांड-रूप को भुनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. सलमान का गैलेक्सी अपार्टमेंट, साइकल चलाते सलमान, उनका शर्ट उतार कर बॉडी दिखाना, मैंने एक बार जो कमिटमेंट कर दी जैसा डायलॉग बोलना, बच्चों को अपने मिशन में साथ लेना और अंत में बीईंग ह्यूम वाली समाज-चिंतक छवि भी.


यह तमाम काम सलमान अपनी फिल्मों में धार्मिक अनुष्ठान की तरह करते हैं. सलमान को लोकप्रिय बनाने वाला हर अनुष्ठान राधेः योर मोस्ट वांटेड भाई में भी है. सलमान इंडस्ट्री के अकेले स्टार हैं जो चलती फिल्म में दर्शकों से सीधा संवाद करते हैं. यही बात उन्हें फैन्स से कनेक्ट करती है. यहां भी उन्होंने फैन्स से सीधे ईद मुबारक कहा है. उन्हें क्लीन सिटी और स्वच्छ भारत का मैसेज दिया है.





ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 के जीप्लेक्स पर रिलीज हुई राधेः योर मोस्ट वांटेड भाई कोरियाई फिल्म द आउटलॉज (2017) से प्रेरित है. राधे ऐसे स्पेशल पुलिस अफसर की कहानी है, जो सीन में तब आता है जब सारी फोर्स नाकाम हो जाती है. मुंबई में नया ड्रग डॉन आया है, राणा (रणदीप हुड्डा). स्कूल-कॉलेज में बच्चों को वह नशीले पदार्थों की लत लगा रहा है. नतीजा यह कि किशोर और युवा कभी ओवरडोज से मर रहे हैं तो कभी आत्महत्या कर रहे हैं.


पुलिस फोर्स राणा को खोजने में नाकाम है और जनता परेशान है. तब सीनियर अफसर 93 एनकाउंटर करके 27 ट्रांसफर झेल चुके राधे (सलमान खान) को याद करते हैं. राधे के कमिटमेंट पर हर किसी को भरोसा है और फोर्स में उसकी वापसी के साथ राणा की तलाश जोर-शोर से शुरू होती है. तय है कि राधे ने काम हाथ में ले लिया है तो वह पूरा होकर रहेगा.


राधेः योर मोस्ट वांटेड भाई मुख्यतः ऐक्शन फिल्म है, जिसमें राधे का दीया (दिशा पाटनी) से रोमांस चलता रहता है. यह हल्का-फुल्का है. दोनों कभी-कभी मिलते हुए तीन-चार गाने गा लेते हैं. बीच में राधे के सीनियर और दीया के बड़े भाई अविनाश अभ्यंकर (जैकी श्रॉफ) भी आते हैं और थोड़-थोड़ी कॉमेडी होती रहती है. उधर, क्रूर राणा अपने दो राक्षस जैसे गुर्गों के साथ ड्रग्स का कारोबार फैलाता जाता है और जब चाहे जिसकी हत्या करता है. द एंड से पहले उसकी दो बार राधे से मुठभेड़ होती है और दोनों बार राणा भाग निकलने में कामयाब होता है.




राधे की राइटिंग में नयापन नहीं है और दर्शक को पता होता है कि आगे क्या होगा है लेकिन इसका ट्रीटमेंट कमोबेश बांधे रहता है. राधे का क्लाइमेक्स जरूरत से ज्यादा फिल्मी है. मसाला फिल्मों में अक्सर यह होता है. दिशा और जैकी श्रॉफ ने सलमान का अच्छा साथ निभाया है. दोनों अपनी भूमिकाओं से न्याय करते हैं. फिल्म का गीत-संगीत-कोरियोग्राफी अच्छे हैं. वीएफएक्स सही है.




फिल्म में कुछ कमियां भी हैं. सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि दिशा के आगे सलमान उम्रदराज नजर आते हैं. आप उन्हें दीया के अंकल-टाइप भी कह सकते हैं. लेकिन फैन्स के लिए रोमांस करना सलमान की मजबूरी है. पर्दे पर ब्रांड सलमान इतना बड़ा और मजबूत है कि उसके आगे हर विलेन छोटा है. अंततः उसे पिटना है. सिनेमा में रणदीप हुड्डा की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है. अच्छे अभिनेता होने के बावजूद उनकी सीमाएं हैं. अतः ऐसी ही कुछ और खलनायकी उन्होंने की तो आने वाले समय में दूसरे शावर अली हो जाएंगे.



सलमान की फिल्में बच्चे भी देखते हैं और उस लिहाज से राधे में बहुत खून-खराबा है. निर्मम हत्याओं के दृश्य बच्चे के योग्य नहीं है. कुल जमा एक खास मनःस्थिति में हाई वोल्टेज ऐक्शन ड्रामा राधेः योर मोस्ट वांटेड भाई एंटरटेनर है. लंबे समय से जब आप थियेटर नहीं गए हैं और बॉलीवुड मसालों की फिल्मी-भूख आपको है तो यह फिल्म नाश्ते की प्लेट है. हालांकि पहले हिस्से में कसी है, दूसरे में ढीली पड़ती जाती है और अंत आते-आते उसमें दरारें दिखती हैं. खैर, तब तक सलमान के फैन्स को उनके एंटरटेनमेंट का डोज मिल चुका होता है.