Raksha Bandhan Movie Review : मेरी मम्मी कहती हैं कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होती है. पेट भले भर जाए पर मन नहीं भरता.आप सोचेंगे कि लाल सिंह चड्ढा (Laal Singh Chaddha) का डायलॉग रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के रिव्यू में कैसे तो लाल सिंह चड्ढा में जहां आमिर ट्रेन में गोलगप्पे खाते हैं तो वही रक्षा बंधन में अक्षय चांदनी चौक में गोल गप्पे बेचते हैं. तो कैसे हैं अक्षय के ये गोल गप्पे.


कहानी...
ये कहानी है चांदनी चौक में रहने वाले अक्षय कुमार यानि लाल केदारनाथ चाट की दुकान चलाते हैं. केदारनाथ की चार बहने हैं और उसे चिंता है उनकी शादी की और शादी में देने वाले दहेज की. इन शादियों के लिए केदारनाथ क्या-क्या करता है. इसी कहानी को आनंद राय ने बड़े सिंपल तरीके से दिखाया है. कहानी इतनी सिंपल है कि आपको लगेगा ये तो बहुत बार सुनी है लेकिन इसे जिस तरह से कहा गया है वो दिल को छू लेता है और आंखों में आंसू छोड़ जाता है. 


एक्टिंग...
अक्षय कुमार ने कमाल का काम किया है. शुरू में आपको लगता है कि वो ओवरएक्टिंग कर रहे हैं, लेकिन फिर पता चलता है कि ये किरदार ही ऐसा है.अक्षय आपकी आंखों से आंसू निकाल देते हैं.अक्षय की बहनों के किरदार में सादिया खतीब (Sadia khateeb), सहजमीन कौर (Sahejmeen kaur), दीपिका खन्ना (Deepika khanna), स्मृति श्रीकांत (Smrithi srikanth) ने कमाल का काम किया है.भाई और बहनों के बीच का बॉन्ड जबरदस्त है.आपको अपने भाई बहनों की याद और उनके साथ बिताए पलों की याद जरूर आएगी. भूमि पेडनेकर के पास चुनौती थी अक्षय एंड सिस्टर्स के बीच खुद को साबित करने की, लेकिन भूमि ने हमेशा की तरह दिखा दिया कि क्यों वो शानदार एक्ट्रेस हैं.



ये फिल्म एंटरटेनिंग तरीके से एक मजबूत मैसेज देती है. भले ये मैसेज पुराना है, लेकिन शायद सब तक ये अब नहीं पहुंचा है और इस फिल्म के जरिए पहुंचना चाहिए. फिल्म देखकर जब आप बाहर निकलते हैं तो कुछ लेकर आते हैं. एक मैसेज और साथ में अक्षय एंड सिस्टर्स के चेहरे जो आपकी आंखों के आगे घूमते रहेंगे. आनंद राय कमाल के कहानीकार हैं.फैमिली फिल्में बनाने के वो एक्सपर्ट हैं.ये बात फिर साबित हुई. इस फिल्म को U सर्टिफिकेट मिला है और इसे आप फैमिली के साथ बड़े आराम से देख सकते हैं.


हिमांशु शर्मा और कनिका ढिल्लों ने फिल्म को कमाल तरीके से लिखा है. डायलॉग आपको खूब हंसाते हैं और एंटरटेन करते हैं. फिल्म का म्यूजिक भी अच्छा है और फिल्म की पेस पर फिट बैठता है.  फिल्म 1 घंटा 50 मिनट की है और बहुत तेजी से बिना बेकार का ज्ञान दिए आगे बढ़ती है और ये एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक है..छोटी होने की वजह से ये फिल्म बिल्कुल बोरिंग नहीं लगती और इसके शोज भी ज्यादा चलाए जा सकते हैं.  अगर एक साफ सुथरी एंटरटेनिंग फिल्म देखना चाहते हैं तो जरूर देखिए रक्षा बंधन.


रेटिंग -5 में से 4 स्टार 

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