Sangee Review: दोस्तों के बीच अगर इंट्रेस्ट आ गया तो दोस्ती में इंट्रेस्ट खत्म हो जाता है. ये इसी फिल्म का डायलॉग है. इसमें एक इंट्रेस्ट है ब्याज और दूसरा इंट्रेस्ट है दिलचस्पी. हम सबके दोस्त होते हैं. दोस्तों के बिना जिंदगी अधूरी होती है लेकिन दोस्ती के बीच जब पैसा आ जाता है तो क्या होता है. क्या होता है जब एक दोस्त दूसरे दोस्त से उधार लेता है और चुका नहीं पाता. दोस्ती को पैसा कैसे बदलता है. दोस्ती के बीच पैसा क्या कुछ करवा सकता है, ये छोटी फिल्म इसी कहानी को दिलचस्प तरीके से दिखाती है. ये भी एक त्रासदी है कि कई बड़ी फिल्में जो खराब हैं उन्हें जबरदस्त प्रमोशन मिलता है और छोटी अच्छी फिल्में स्ट्रगल कर रही हैं. ये रिव्यू इसी उम्मीद में कि सिनेमा का ये दौर बदलेगा.
कहानी- ये कहानी है तीन दोस्तों की शारिब हाशमी यानि बमन अपने दोस्तों से उधार लेता है और लाख कोशिशों के बाद वापस नहीं करता. उसकी शादी के लिए बस एक ही डिमांड है कि कोई लड़की मिलनी चाहिए. क्या है बमन की कहानी, क्यों वो दोस्तों के पैसा वापस नहीं करता, कैसे दोस्ती के बीच पैसा आता है और जब दोस्तों के बीच पैसा आता है तो क्या होता है. क्या दोस्ती खत्म हो जाती है, या फिर रिश्तों का एक नया रंग देखने को मिलता है. ये देखने के लिए आपको थिएटर में जाना पड़ेगा.
कैसी है फिल्म - ये छोटे बजट की फिल्म है लेकिन आप इस फिल्म से कनेक्ट करते हैं, कनेक्ट इसलिए करते हैं. क्योंकि दोस्त सबके होते हैं और उधार हर किसी ने कभी ना कभी लिया या दिया होता है और आप भी अपने आसपास के ऐसे लोगों से परेशान रहता है. जो बात बात पर उधार मांग लेते हैं. कई बार अपने दोस्तो से पैसों की वजह से झगड़े भी हो जाते हैं, ये फिल्म दोस्ती को बड़े मजेदार तरीके से दिखाती है.आपको अपने दोस्त याद दिलाती है. दोस्तों के बीच बातचीत जिस अंदाज में होती है ये वही अंदाज दिखाती है और आपको कहीं ना कहीं उन लोगों की भी याद दिलाती है. जिन्होंने आपसे उधार ले रखा है और उनकी भी जिनका उधार आपको देना है. फिल्म छोटे बजट की है लेकिन इसका कनेक्शन अच्छा है. आप फिल्म एन्जॉय करते हैं और एंड में ये आपके चेहरे पर एक मुस्कान छोड़ जाती है
एक्टिंग - बमन के किरदार में शारिब हाशमी छा गए हैं. उनकी एक्टिंग कमाल है, वो आपको अपने दोस्तों की याद दिलाने में पूरी तरह से कामयाब होते हैं. ऐसा कोई ना कोई दोस्त हमारी जिंदगी में होता है. विद्या मालवड़े मोहिनी के किरदार में हैं. जो बमन के दोस्त की पत्नी है, विद्या काफी अच्छी लग रही हैं और उन्होंने अपने किरदार को अच्छे से निभाया है, संजच बिश्नोई , गौरव मोरे मार्टिन जिशिल सबका काम अच्छा है
डायरेक्शन - सुमित मोहन कुलकर्णी का डायेरक्शन अच्छा है. vijaysinh thopte की राइटिंग रिलेबेटेबल है. ये हौ हल्ले वाली फिल्म नहीं है. सिंपल सी सीधी सी फिल्म है और इसे वैसे ही लिखा और डायरेक्ट किया गया है.
कुल मिलाकर अच्छे सिनेमा के फैन हैं तो जरूर देखिए
रेटिंग -3 स्टार्स
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