Savi Review: एक पत्नी क्या कर सकती है, सावित्री ने अपनी सत्यवान को यमराज तक से बचा लिया था लेकिन एक मॉडर्न सावित्री क्या कर सकती है, ये आपको इस फिल्म में देखने को मिलता है. सावित्री मॉडर्न है तो नाम सावी कर दिया गया है और दिव्या खोसला ने यारियां 2 के बाद फिर से दिखा दिया है कि वो अच्छी एक्ट्रेस बन चुकी हैं और बॉलीवुड को उन्हें अब सीरियसली लेना शुरू कर देना चाहिए. इन्हें अगर अच्छे रोल ऑफर किए जाएं तो ये आज की कई हीरोइनों से बेहतर एक्टिंग कर सकती हैं.


कहानी
इस फिल्म की कहानी अमेरिकन एक्शन थ्रिलर the next three days से adapt की गई है जो साल 2010 में आई थी और ये फिल्म भी 2008 में आई एक फ्रेंच थ्रिलर पोर एले की रीमेक थी. कहानी है लंदन के लिवरपुल शहर में रहने वाली सावी यानि दिव्या खोसला की जो अपने पति नकुल सचदेवा और बेटे के साथ रहती हैं. जिंदगी अच्छी चल रही होती लेकिन एक दिन सावी के पति को पुलिस पकड़कर ले जाती है और फिर ये मॉडर्न सावित्री जुट जाती है अपने पति के बेगुनाह साबित करने में. इसमें सावी की मदद करते हैं मिस्टर पॉल यानि अनिल कपूर, किस तरह से सावी अपने पति को बचाती है वो आपको फिल्म देखकर समझ आएगा.


कैसी है फिल्म
एक लाइन में कहें तो फिल्म अच्छी है, फिल्म आपको बांधे रखती है. जेल तोड़ने का सीन हो या फिर बीच में आए कई सारे ट्विस्ट और टर्न, आपको फिल्म से जुड़े रहते हैं और सावी की इस लड़ाई में उसके साथ हो लेते हैं. फिल्म कहीं ढीली नहीं पड़ती, जल्द मुद्दे पर आती है और आपको अच्छे से एंटरटेन करती है.


एक्टिंग
दिव्या खोसला ने इस फिल्म से खुद को अच्छे से साबित किया है, यारियां 2 में मुझे उनकी एक्टिंग अच्छी लगती थी और यहां कमाल लगती हैं. अब वक्त आ गया है उन्हें एक अच्छी अभिनेत्री के तौर पर देखा जाए और उन्हें अच्छे रोल दिए जाएं. अनिल कपूर का काम जबरदस्त है, वो फिल्म में एक नई जान डालते हैं. हर्षवर्धन राणे ने भी कमाल का काम किया है.


डायरेक्शन 
अभिनय देव ने फिल्म को अच्छे से डायरेक्ट किया है. वो वैसे भी कहानियों को जरा अलग अंदाज में पेश करते हैं और यहां भी वैसा ही किया गया है. सही जगह पर ऐसे ट्विस्ट डाले गए हैं कि आप नजरें हटा नहीं पाते. 


कुल मिलाकर ये एक अच्छी फिल्म है जो देखी जा सकती है.


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