Sector 36 Review: ये फिल्म देखकर कहेंगे - I hate you Vikrant Massey, कमजोर दिल वाले न देखें
Sector 36 Review: विक्रांत मैसी एक बार फिर सेक्टर 36 के साथ लौटे हैं. फिल्म में विक्रांत ने काफी खौफनाक रोल प्ले किया है. चलिए देखने से पहले इसका रिव्यू जान लीजिए.
आदित्य निंबालकर
विक्रांत मैसी, दीपक डोबरियाल
ओटीटी, नेटफ्लिक्स
Sector 36 Review: साल 2005-2006 में नोएडा में निठारी कांड हुआ था, ये फिल्म उसी पर आधारित है लेकिन खुलकर बोलने का दम नहीं रखती, शुरू में डिस्क्लेमर आ जाता है कि ये तो फिक्शन है यानी काल्पनिक कहानी है, इस film में ऐसा बहुत कुछ है जो शायद आप देख नहीं पायेंगे लेकिन ऐसा भी बहुत कुछ है जो आपको देखना चाहिए और विक्रांत मैसी को तो आप मिस नहीं कर सकते.
कहानी
दिल्ली के शाहदरा मैं एक अमीर बिजनेसमैन की कोठी में काम करने वाला प्रेम छोटे बच्चों को मार डालता है और उनकी लाश के टुकड़े करके कोठी में ही दफना देता है. वो ऐसा क्यों करता है, क्या इसमें उसके मालिक का हाथ है, वो कैसे पकड़ा गया, क्या उसके बड़ी पहुंच वाले मालिक को सजा हुई, निठारी कांंड की कहानी को काल्पनिक बताकर इस फिल्म में दिखाया गया है. जिन्हें ये कहानी नहीं पता उन्हें ये चौंका देगी.
कैसी है फिल्म
ये फिल्म कमज़ोर दिल वालों के लिए नहीं है, जिस तरह इसमें बच्चों के साथ वहशीपन दिखाया गया है वो शायद हर कोई नहीं देख पाएगा. गलियां भी खूब हैं तो परिवार के साथ तो नहीं देख सकते. ये फिल्म ये भी बताती है कि पैसे और पावर के दम पर बड़े लोग कैसे इतने बड़े बड़े कांड करके भी बच जाते हैं. जिन लोगों को निठारी कांड का नहीं पता उनके लिए ये शॉकिंग होगी लेकिन फिल्म में रिसर्च की कमी है. ऐसा लगता है कुछ और भी होना चाहिए था, इससे ज्यादा जानकारियां तो न्यूज चैनल वालों ने दे दी थी, लेकिन तब भी ये फिल्म देखी जा सकती है बशर्ते आप कमज़ोर दिल वाले न हों.
एक्टिंग
12th फेल के बाद जिस विक्रांत मैसी से आपको प्यार हुआ था अब उनसे नफरत हो जाएगी. विक्रांत ने प्रेम नाम के इस किरदार को जिस तरीके से निभाया है वो जबरदस्त है. आपका उसे मारने का मन करेगा, उसपर चिल्लाने का मन करेगा. विक्रांत की परफॉर्मेंस फिल्म की कमज़ोर रिसर्च को कवर अप कर गई है. दीपक डोबरियाल ने पुलिस वाले के किरदार मई में जान डाल दी है. दीपक कमाल के एक्टर हैं उन्होंने ये बात फिर साबित की है, उन्हें और मौके मिलने चाहिए
डायरेक्शन और राइटिंग
आदित्य निंबालकर ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और बौधायन रॉयचौधरी ने फिल्म की लिखा है. राइटिंग में रिसर्च की कमी है, और काम होना चाहिए था. direction अच्छा है लेकिन कुछ और ट्विस्ट डाले जाते तो फिल्म और दमदार बनती.
कुल मिलाकर फिल्म देखी जा सकती है, विक्रांत के फैंस तो बिल्कुल मिस ना करें.
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