Shehzada Review: मसाला एंटरटेनर है Kartik Aaryan की 'शहजादा', एक्शन अवतार में मचा दी धूम
Shehzada Review: कार्तिक आर्यन और कृति सेनन स्टारर शहजादा बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो चुकी है. एक्शन, कॉमेडी और ड्रामा से भरी ये फिल्म देखने से पहले यहां जानें इसका रिव्यू...
रोहित धवन
कार्तिक आर्यन, कृति सेनन, परेश रावल, रोनित रॉय, राजपाल यादव
Shehzada Review: कहते हैं हिंदुस्तान में हीरो तब तक कोई नहीं बन सकता जब तक वो गुंडों को ना पीट ले ,भाई आप रोमांस कर लीजिये, फैमिली ड्रामा कर लीजिये लेकिन जब तक दर्शक आपको 10 - 20 गुंडों को लात घूंसे मारते नहीं देख लेते ना वो ये मानते ही नहीं है की आप एक हीरो हैं. कार्तिक आर्यन भी ये बात शायद समझ चुके हैं की भाई अब बहुत चॉकलेटी बॉय वाले रोल्स कर लिए हैं, बहुत रोमांस कर लिया है, प्यार का पंचनामा भी कर लिया है अब बारी है जरा कुछ एक्शन करने की और यही किया है कार्तिक आर्यन ने फिल्म शहजादा में. तो कैसी है ये फिल्म यही बताएंगे इस रिव्यू में.
ये फिल्म अल्लू अर्जुन की सुपरहिट फिल्म अला वैकुण्ठपुरामुलू का हिंदी रीमेक है. अब हिंदी रीमेक है तो लोग कहेंगे बॉलीवुड वाले कुछ नया तो करते नहीं वही सब करते रहते हैं क्या कुछ नया किया है ? तो जवाब है जी हां. कुछ नया किया है ये फिल्म एक मसाला एंटरटेनर है
कहानी
कहानी है जिंदल इंटरप्राइजेज के मालिक रणदीप जिंदल की, रोनित रॉय ने ये रोल प्ले किया है उनकी कंपनी में काम करने वाले वाल्मीकि यानी परेश रावल के घर में बेटे का जन्म होता है साथ ही रणदीप जिंदल के घर में भी बेटे का जन्म होता है और वाल्मीकि बच्चों की अदला बदली कर देता है जो असली शहजादा है यानि जिंदल साहब का बेटा वो पहुंच जाता है परेश रावल के घर और एक मामूली से क्लर्क का बेटा बनकर जिंदगी बिताता है जबकि क्लर्क का बेटा राज , राजघराने में ठाठ से रहता है.
यानी असली शहजादा बाहर और नकली शहजादा अंदर भाई बहुत बार हमने ऐसी कहानियां सुनी है तो ये भी ऐसी ही कुछ कहानी है और रीमेक है तो कहानी में ऐसा बहुत कुछ नया नहीं है जो आपको देखने को मिल सकता है. लेकिन जिस तरह से इस फिल्म को बनाया गया है जिस तरह से इस फिल्म का ट्रीटमेंट किया गया है उससे ये फिल्म इंट्रेस्टिंग लगती है. जैसे बंटू यानी कार्तिक आर्यन को हमेशा सेकंड हैंड चीजों से गुजारा करना पड़ता है.
फिर बंटू को उनकी बॉस समारा यानी कृति सेनन मिलती है जाहिर है इश्क़ हो जाता है, भाई हीरो से हीरोइन मिलेगी तो इश्क़ ही होगा फिर बंटू को पता चल जाता है की बाल्मीकि यानी उनके पापा ने क्या कांड किया है इसके बाद क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी और अगर आपने अल्लू अर्जुन की ओरिजिनल फिल्म नहीं देखी तो ये फिल्म आपको अच्छी लगेगी.
एक्टिंग
कार्तिक आर्यन ने इस फिल्म में कमाल की एक्टिंग की है देखिये कार्तिक को अब तक हम लोगों ने चॉकलेटी रोल्स में देखा रोमांटिक रोल्स में देखा लेकिन यहां कार्तिक एक्शन करते हैं और वो खूब जमे हैं. पिछली फिल्म 'फ्रेड्डी' से ही वो अपनी इमेज तोड़ चुके हैं और एक बार फिर से अपनी इमेज तोड़ने की कोशिश की है और वो इसमें पूरी तरह से कामयाब हुए हैं. हालांकि अल्लू अर्जुन के फैंस अगर तुलना करेंगे तो फिर तो जाहिर तौर पर अल्लू अर्जुन भारी पड़ेंगे लेकिन अगर तुलना ना करें तो कार्तिक आर्यन ने इस किरदार को पूरी तरह से जस्टिफाई किया है
परेश रावल ने कमाल की एक्टिंग की है, परेश रावल और कार्तिक आर्यन की जो केमिस्ट्री है वो भी बड़ी मजेदार लगती है. राजपाल यादव का छोटा रोल है लेकिन राजपाल यादव आते है तो हंसा ही देते है भईया राजपाल यादव की तो खासियत यही है. कृति सेनन का फर्स्ट हाफ में रोल ज्यादा है सेकंड हाफ में वो उतना इफ़ेक्ट नहीं छोड़ पाती है, आपको लगता है की कृति सेनन का रोल थोड़ा बड़ा होना चाहिए. अगर आप कृति सेनन के फैन है तो आपको लगेगा कि कृति सेनन का रोल जो है वो थोड़ा बड़ा होना चाहिए.
डायरेक्शन
फिल्म को रोहित धवन ने डायरेक्ट किया है, जो देसी बॉयज, ढिशूम जैसी फिल्में डायरेक्ट कर चुके हैं डेविड धवन के बेटे हैं मसाला फिल्में बनाने में माहिर हैं और यहां भी रोहित धवन ने अपना काम अच्छे से किया है भले ही ये एक रीमेक है लेकिन रोहित का टच इसमें साफ़ नजर आता है. रोहित ने इसमें कुछ कुछ चीजें बदली भी हैं, मसलन ओरिजिनल फिल्म में अल्लू अर्जुन और पूजा हेगड़े की केमिस्ट्री जो है वो बहुत लम्बी दिखाई गयी थी लेकिन यहां उसे छोटा कर दिया है. हालांकि सेकंड हाफ में कृति सेनन आपको कम नजर आती है,तो आप सवाल भी उठाते है की भाई ऐसा क्यों ?
म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक जो है वो साउथ वाली फिल्म की तरह अब तक बहुत पॉपुलर नहीं हुआ, लेकिन कैरक्टर ढीला गाना जो है वो धीरे धीरे पिक कर रहा है. सिनेमेटोग्राफी फिल्म की अच्छी है ,फिल्म ग्रैंड लगती है ,हां थोड़ी लम्बी है ,एडिटिंग थोड़ी सी और की जाती तो फिल्म और बेहतर हो सकती थी. थोड़ी छोटी अगर हो जाती तो फिल्म देखने में और मज़ा आता लेकिन कुल मिलकर ये फिल्म आपको एंटरटेन करती है. फिल्म देखकर आपको लगता है की कार्तिक आर्यन अपनी इमेज तोड़ने में कामयाब रहे हैं. अगर आप कार्तिक आर्यन के फैन हैं तो ये फिल्म आपको अच्छी लगेगी और अगर अपने ओरिजिनल फिल्म देखी भी है तब भी कार्तिक की ये फिल्म आपको अच्छी लगेगी और अगर नहीं देखी है फिर तो ये फिल्म आपको काफी ज्यादा अच्छी लग सकती है.