Spider Man: No Way Home Review- टोटल एंटरटेनमेंट है यह, खतरनाक दुश्मनों के सफाए के लिए मैदान में उतरे तीन स्पाइडर-मैन
Review: स्पाइडर-मैन के फैन्स के लिए यह फिल्म शानदार पार्टी से कम नहीं है. पैसा तब पूरा वसूल हो जाता है जब एक टिकट पर तीन स्पाइडर-मैन दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए मैदान में उतर जाते हैं.
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जॉन वाट्स
टॉम हॉलैंड, जेंडाया, बेनेडिक्ट कंबरबैच, जैकब बटालन, जैमी फॉक्स, विलियम डफो, अल्फ्रेड मोलीना, एंड्रू गारफील्ड, टोबे मैग्वायर
Spider-Man: No Way Home Review: जिन्हें दुनिया भर में शोहरत मिल जाती है, वह कभी-कभी सोचते हैं कि काश हर कोई उन्हें भूल जाए। उन्हें एहसास हो जाता है कि ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है. ऐसा ही कुछ स्पाइडर-मैनः फार फ्रॉम होम (2019) के पीटर पार्कर उर्फ स्पाइडर मैन (टॉम हॉलैंड) को महसूस होता है, जब हर कोई उसका सच जान जाता है. पीटर पार्कर की इस नई कहानी में आप देखते हैं वह मार्वेल की दुनिया के डॉक्टर स्ट्रेंज (बेनेडिक्ट कंबरबैच) के पास पहुंच कर मदद मांगता है. पीटर चाहता है कि डॉ.स्ट्रेंज अपने मंत्र से ऐसा जादू चलाएं कि पूरी दुनिया की स्मृति से यह बात मिट जाए कि पीटर पार्कर स्पाइडर-मैन है.
डॉ.स्ट्रेंज कहते हैं कि ऐसा हो सकता है मगर तब पीटर की गर्लफ्रेंड एमजे (जेंडाया) और बेस्ट फ्रेंड नेट (जैकब बटालन) समेत उसके अंकल-आंटी भी यह बात भूल जाएंगे. जब तक पीटर पार्कर कोई फैसला ले तब तक मंत्र में गड़बड़ियां पैदा हो जाती हैं और दूसरे ब्रह्मांडों में भी यह संदेश पहुंच जाता है कि पीटर पार्कर ही स्पाइडर मैन है. नतीजा यह कि जिन दुश्मनों को स्पाइडर-मैन ने पहले ठिकाने लगाया था, वे उससे बदला लेने के लिए पृथ्वी पर लौटने लगते हैं. अब स्पाइडर-मैन कैसे करेगा तमाम शक्तिशाली दुश्मनों का मुकाबला.
स्पाइडर-मैन सीरीज की फिल्मों में नो वे होम को लंबे समय तक याद रखा जाएगा. अव्वल तो इसकी शानदार राइटिंग (क्रिक मेकैना, एरिक सॉमर्स) के लिए और दूसरे ढेर सारे जाने-पहचाने, लोकप्रिय किरदारों-चेहरों को एक साथ पर्दे पर उतारने के लिए. हिंदी फिल्मों में लेखकीय-निर्देशकीय कल्पनाशीलता कब्र में दफन हो चुकी है. अच्छे ऐक्टरों और शानदार तकनीक के बावजूद हिंदी फिल्में अगर सतह से उठ नहीं पाती तो इसकी सबसे बड़ी वजह ढर्रे पर फिल्म बनाने वाले निर्माता, जोखिम न उठाने वाले निर्देशक और विदेशी फिल्मों की नकल करने वाले लेखक हैं. सिनेमा का संसार कल्पना को कितने रंग और आयाम दे सकता है, उसकी शक्ति और वैभव क्या है, इसे जानने और इसका आनंद उठाने के लिए आप स्पाइडर-मैन की यह फिल्म देख सकते हैं.
स्पाइडर-मैनः नो वे होम पहले ही दृश्य से ऐसे बांधती है कि दर्शक के लिए दाएं-बाएं देखना असंभव हो जाता है. इधर पीटर पार्कर दुनियावालों के दिल-दिमाग से अपनी याद मिटाने की इच्छा करता है और उधर पलक झपकते उसके शक्तिशाली दुश्मन पृथ्वी पर पहुंचने लगते हैं. दुश्मन को बिजली के झटके देने वाला इलेक्ट्रो (जैमी फॉक्स), क्रूर साइंटिस्ट नॉरमन ऑसबर्न (विलियम डफो), डॉक्टर ऑक्टोपस (अल्फ्रेड मोलीना) जैसे खतरनाक खलनायक पीटर पार्कर की जिंदगी मुश्किल बनाने के लिए आ जाते हैं. लेकिन इससे पहले कि स्थिति हाथ से बाहर निकले, दर्शक पाते हैं कि दूसरे युनिवर्स से दो स्पाइडर मैन (एंड्रू गारफील्ड और टोबे मैग्वायर) भी आ गए हैं.
कुल मिलाकर तीन स्पाइडर-मैन ताकतवर दुश्मनों से निपटते नजर आते हैं. इस बार निर्णायक लड़ाई स्चेट्यू ऑफ लिबर्टी पर है. स्पाइडर-मैन एक बार फिर याद दिलाता है कि बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है. जादुई और इंसानी शक्तियां इंसानियत की भलाई के लिए हैं न कि लोगों को तकलीफ देने के लिए.
फिल्म की कथा-पटकथा के साथ निर्देशन बेहद कसा हुआ है. हर दृश्य खूबसूरत कल्पनाशीलता के साथ रचा गया है. ऐक्टरों को लेकर स्पेशल इफेक्ट्स से बनाया गया रहस्यमयी संसार चुंबकीय शक्ति से लैस है. 1962 में स्पाइडर-मैन अमेरिकी पत्रिकाओं में पहली बार आया था. धीरे-धीरे लोकप्रिय होते हुए यह पन्नों से सिनेमा के स्क्रीन पर उतरा. स्टैन ली और स्टीव डिटको के रचे इस किरदार को हॉलीवुड के लेखकों-निर्देशकों ने समय के साथ न केवल जीवित रखा बल्कि उसे बदलते कैलेंडर के मुताबिक जमीन भी मुहैया कराते गए. नो वे होम के स्पाइडर-मैन की दुनिया आज की है. 2021 की. जिसमें टीवी और डिजिटल दुनिया उसका नकाब उतारना चाहती है. वह लगतार प्रचार करती है कि जिस स्पाइडर-मैन को लोग फ्रेंडली-नेबरहुड मानते हैं, असल में वह तमाम मुसीबतों की जड़ है. वह जहां जाता है, वहीं दुश्मनों को साथ ले जाता है. तबाही लाता है. भारतीय सिनेमा ऐसे किरदार से शून्य है और दुखद होने के बावजूद सत्य यही है कि सुपरहीरो फैंटेसी का ऐसा मजा आपको हॉलीवुड फिल्मों में ही मिल सकता है. ऐक्शन दृश्य देख कर भी आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे.
टॉम हॉलैंड की यह तीसरी स्पाइडर-मैन फिल्म है और वह फैंस की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं. एमजे बनीं जेंडाया के साथ उनकी जोड़ी बढ़िया है. एक्शन के साथ भावुक दृश्यों में भी वह खूब जमते हैं. फिल्म में जब पिछले दो पीटर पार्कर (एंड्रू गारफील्ड और टोबे मैग्वायर) आते हैं तो दर्शकों की सीटियां और तालियां हॉल को गुंजा देती हैं. करीब सवा दो घंटे की यह फिल्म टोटल एंटरटेनर है. जिसे बच्चो को लेकर सिनेमा हॉल में देखा जा सकता है. सुपरहीरो के साथ फैंटेसी की दुनिया में बच्चा बना जा सकता है.
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