The Storyteller Review: ये फिल्म सबके लिए नहीं है, लेकिन जिनके लिए है उनके दिल को छू जाएगी. वैसे भी ऐसी फिल्मों का एक अलग दर्शक होता है, वहीं इन फिल्मों को समझ सकता है और इन्हें वो इज्जत दे सकता है जिसकी ये हकदार हैं. देश विदेश के अलग अलग फेस्टिवल्स में तारीफें बटोरने के बाद ये फिल्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आ गई है. अब देखना होगा इसे वो मिलता है या नहीं जो ऐसी अच्छी फिल्म को मिलना चाहिए.


कहानी

ये फिल्म सत्यजीत राय की शॉर्ट स्टोरी Golpo Boliye Tarini Khuro पर बेस्ड है. तारिणी बंदोपाध्याय यानि परेश रावल रिटायर्ड हैं. कोलकाता से हैं, कहानियां सुनाने का शौक है, उन्हें एक नौकरी का ऑफर आता है, अहमदाबाद जाना है, काम है कहानियां सुनाना और कहानी सुनानी है एक अमीर बिजनेसमैन रतन गोराडिया यानि आदिल हुसैन को. जिन्हें नींद ना आने की बीमारी है, उन्हें लगता है उन्हें कोई अच्छी कहानियां सुनाएगा तो वो सो पाएंगे. ये दोनों मिलते हैं, कहानियां शुरू होती हैं और जिंदगी के 2 अलग अलग पहलू  दिखते हैं और ये देखने के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी.

 

कैसी है फिल्म

ये ऐसी फिल्म ये जिसकी एक आत्मा है, ये फिल्म बहुत कुछ कहती है जिसे सुनना चाहिए, समझना चाहिए, महसूस करना चाहिए. ये फिल्म स्लो है, ये फास्ट नहीं हो सकती थी क्योंकि फिर इसकी आत्मा मर जाती.  ये फिल्म जो कहना चाहती है वो अगर आप समझते हैं तो जिंदगी की कुछ मुश्किलें आसान हो सकती हैं. ये फिल्म आपको कुछ देकर जाती है, बिना धूम धड़ाके के चुपके से आपके दिल को छू जाती है. ये एक अलग तरह की फिल्म है, देखिएगा, कुछ अलग महसूस होगा.

 

एक्टिंग

परेश रावल का काम जबरदस्त है, वो कितने कमाल के एक्टर हैं ये एक बार फिर आपको एहसास होता है. उनके एक्सप्रेशन बॉडी लैंग्वेज डायलॉग डिलीवरी सब कमाल हैं, वो आपको कोलकाता के तारिणी ही लगते हैं. आदिल हुसैन का काम भी बहुत अच्छा है, वो भी एक बार फिर दिखते हैं कि वो कमाल के कलाकार हैं. एक एक फ्रेम में वो कमाल काम कर गए हैं. Revathi कमाल हैं, तनिष्ठा चटर्जी का काम बहुत अच्छा है.

 

डायरेक्शन

ananth mahadevan ma डायरेक्शन दमदार है और दमदार इसलिए क्योंकि वो जो कहना चाहते थे वो कहा बिना कमर्शियल हुए. ये काम बहुत कम डायरेक्टर कर पाते हैं और अनंत ये काम बखूबी कर गए हैं.

 

कुल मिलाकर एक आत्मा वाली फिल्म देखना चाहते हैं तो देखिए

 

रेटिंग -3.5 stars