Tiger 3 Movie Review: फिल्में 3 तरह की होती हैं..अच्छी फिल्में..बुरी फिल्में और सलमान खान की फिल्में...और ये तीसरी तरह की ही फिल्म है...आप कुछ कह लीजिए...कुछ कर लीजिए..फैन तो देखेंगे..ऐसा ही हुआ जब मैंने दिल्ली में सुबह 7 बजे का पहला शो देखा..मैंने भी पहला 7 बजे इसलिए देखा क्योंकि उससे पहले का कोई शो था ही नहीं...जिस फिल्म में सलमान खान हों..कटरीना कैफ हों...शाहरुख खान का कैमियो हो..उसे देखने के लिए कोई और वजह होनी ही नहीं चाहिए लेकिन फिर भी जान लीजिए


कहानी
इस बार कहानी में टाइगर का बेटा बड़ा हो गया है...जाहिर है टाइगर को एक मिशन पूरा करना है लेकिन इस बार मिशन हिंदुस्तान के लिए नहीं है...किसी और के लिए है...औऱ इस मिशन में टाइगर के सामने क्या कुछ दिक्कतें आती हैं..यही कहानी है...स्पाई यूनिवर्स की ज्यादातर कहानियां यही होती हैं...हां क्या ट्विस्ट एंड टर्न आते हैं इसके लिए आपको फिल्म देखने जाना होगा


कैसी है फिल्म?
इस फिल्म से उम्मीदें जरूरत से ज्यादा थी...और फिल्म जब शुरू होती है तो लगता है ये उम्मीदों पर खरी नहीं उतरेगी...सलमान ढीले लगते हैं..कटरीना में कोई दम नहीं लगता...हां इमरान हाशमी जरूर इम्प्रेस करते हैं...फर्स्ट हाफ खत्म होते होते लगता है कि टाइगर तो टांय टांय फिस्स है...लेकिन सेकेंड हाफ में होता है असली धमाका...जबरदस्त एक्शन सीन आते हैं...ट्विस्ट एंड टर्न आते हैं और आता है पठान...वो भी पठान के टाइटल सॉन्ग के साथ...शाहरुख खान का केमियो फिल्म की जान है..वो महफिल लूट ले जाते हैं...इसे स्पॉयलर मत समझिए क्योंकि ये पहले से क्लीयर था कि ऐसा होगा और सोशल मीडिया पर तो फैन इसके वीडियो तक डाल रहे हैं.हां एक और बड़ा स्पॉयलर है तो मैं नहीं देने वाला...


एक्टिंग
सलमान खान ने ठीक ठाक एक्टिंग की है...हालांकि कई जगह ऐसा लगा कि वो एक्टिंग पर अहसान कर रहे हैं...लेकिन उनका स्टारडम ऐसा है कि वो फिल्म को खींच ले जाते हैं...कटरीना अच्छी हैं...उनका टॉवेल में लड़ाई वाला सीन शानदार है...लेकिन फिल्म में सबसे कमाल की एक्टिंग इमरान हाशमी कर जाते हैं...कहते हैं हीरो की हीरोगीरी तभी निकल के सामने आती है जब विलेन दमदार हो और यहां इमरान ये काम काफी अच्छे से करते हैं...और सेकेंड हाफ में फिल्म आपको एंटरटेनमेंट का जबरदस्त डोज देती है 


डायरेक्शन
अगर इस फिल्म को मनीष शर्मा की जगह कोई और डायरेक्ट करता तो ये एक शानदार फिल्म होती है..उनका डायरेक्शन एवरेज रह गया..फिल्म सलमान कटरीना शाहरुख और इमरान जैसी सितारों के बूते देखने लायक बन पाई है...ऐसे बड़े सितारों को भी ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाए मनीष.


शाहरुख का कैमियो
ये फिल्म की जान है..हालांकि पठान में सलमान वाला केमियो इससे भी जबरदस्त था लेकिन शाहरुख और सलमान को एक साथ बड़े पर्दे पर देखना ..ये अपने आप में वो सिनेमा है जो हमें सिनेमा के मुरीद होने का अहसास करता है...और यहां भी ऐसा ही हुआ है...शाहरुख का ये केमियो ना होता तो शायद इस फिल्म में जान वापस ना लौटती 


म्यूजिक
इस फिल्म का म्यूजिक ठीकठाक है..प्रीतम के म्यूजिक में कोई खास दम नहीं लगता है..ऐसा कोई गाना नहीं जो आप थिएटर से गुनगुनाते हुए निकलें


कुल मिलाकर दिवाली पर अगर आपको सलमान और शाहरुख एक साथ देखने को मिल रहे हैं तो ये धमाका सिनेमा लवर्स मिस नहीं कर सकते ..और करना भी नहीं चाहिए क्योंकि यही वो सितारे हैं जिन्होंने हमारे सिनेमा को वहां तक पहुंचाया जहां आज वो है .