Tumko Meri Kasam Review: कामयाबी ऐसी हो कि आपके ऊपर फिल्म बने और उससे भी बढ़कर ऐसी हो कि आप खुद वो फिल्म न सिर्फ बना सके बल्कि अनुपम खेर जैसे दिग्गज कलाकार को उस फिल्म में ले भी सको, अगर जिंदगी में मोटिवेशन ढूंढ रहे हैं तो ये फिल्म देख डालिए. अगर कोई फिल्म आपको एंटरटेनमेंट के साथ साथ कुछ और भी देकर जा रही है तो इसका मतलब बनाने वाले अपने मकसद में अच्छे से सफल हुए हैं. ये कहानी है देश में सबसे बड़ी IVF चेन इंदिरा IVF शुरू करने वाले डॉक्टर अजय मुर्डिया की और ये कहानी आपको बताएगी कि दुनिया कुछ अतरंगी किस्म के लोग ही बदलते हैं और वहीं बदलते हैं जिन्हें खुद पे भरोसा होता है, भले पूरी दुनिया खिलाफ खड़ी हो.
कहानी
ये एक असली कहानी है, किस तरह से डॉक्टर अजय मुर्डिया ने इंडिया में IVF की शुरुआत की. कैसे वो IVF king बन गए, किस तरह से ऐसे राज्यों और ऐसी जगहों पर उन्होंने लोगों को IVF के बारे में बताया जहां इसे पाप माना जाता था और बच्चा न होने का पूरा ठीकरा औरत पर फोड़ा जाता था. फिल्म में उनकी निजी जिंदगी, उनके स्ट्रगल को भी दिखाया गया है और इसके लिए सिनेमैटिक लिबर्टी भी की गई है क्योंकि आखिरकार फिल्म को एंटरटेनिंग बनाना था न कि डॉक्यूमेंट्री.
कैसी है फिल्म
ये एक साफ सुथरी फैमिली फिल्म है. जो आपको मोटिवेट करती है, फिल्म में एक भी सीन ऐसा नहीं है जो परिवार के साथ जा देखा जा सके. एक भी गाली नहीं है, इसे डॉक्टर अजय ने ही प्रोड्यूस किया है को अब साफ सुथरा सिनेमा भी बनाना चाहते हैं. अनुपम खेर इस फिल्म की जान हैं, उनका एक एक सीन कमाल है, यहां 2 कहानियां साथ साथ चलती हैं एक मौजूदा दौर की जहां डॉक्टर अजय पर एक कोर्ट केस चल रहा है और दूसरी उनके संघर्ष के दिनों की. मौजूदा दौर वाले सीन फिल्म की जान हैं, जवानी के दिनों के सीन थोड़े खींचे हुए लगते हैं. उन्हें थोड़ा कम किया जाता तो ये फिल्म और बेहतर बनती लेकिन इस तरह की साफ सुथरी फिल्में बननी चाहिए जो पूरी फैमिली के साथ देखी जा सके और जो अपने जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करे.
एक्टिंग
अनुपम खेर ने एक बार फिर कमाल काम किया है. एक एक सीन में वो जबरदस्त हैं. उनके सीन फिल्म की असली जान है, उनकी एक्टिंग फिल्म की हाइलाइट है. उनका होना इस फिल्म की अपलिफ्ट करता है. इश्वक सिंह का काम काफी अच्छा है, वो कमाल के एक्टर हैं जो अपनी नेचुरल एक्टिंग से दर्शक से जबरदस्त तरीके से कनेक्ट करते है. यंग डॉक्टर अजय के किरदार में वो जबरदस्त हैं. अदा शर्मा ने भी काफी अच्छा काम किया है और बताया है कि एक्टिंग में असर छोड़ने के लिए एक्टिंग आनी चाहिए बाकी सब बेमानी है. ईशा देओल वकील के किरदार में ठीक लगी हैं, दुर्गेश कुमार ने छोटे से रोल में कमाल का काम किया है. पंचायत के बनराक्षस यहां अलग अंदाज में दिखे हैं.
डायरेक्शन
विक्रम भट्ट ने फिल्म को अच्छे से डायरेक्ट किया है. इमोशन को कायदे से भुनाया है, कहानी को मसालेदार बनाने के लिए फिक्शन को भी जोड़ा है. हालांकि फ्लैशबैक वाले सीन कम होते तो फिल्म और अच्छी लगती.
कुल मिलाकर ऐसी कहानियां देखनी चाहिए, ये आपको कुछ देती हैं.
रेटिंग- 3 stars