Vicky Vidya Ka Woh Wala Video Review: राजकुमार राव जब से इंडस्ट्री में आए हैं, उन्हें तारीफ खूब मिली हैं. अक्षय कुमार तो उन्हें कह चुके हैं अब तुम एक्टरों को एक्टिंग की क्लासेज देना शुरू कर दो. ये साल राजकुमार ने वाकई राज किया है, उनकी फिल्मों को तारीफ भी मिली और बॉक्स ऑफिस पर पैसा भी खूब बरसा. विक्की विद्या का वो वाला वीडियो से भी यही उम्मीद है, ये फिल्म हंसा हंसा कर पेट में दर्द कर देती है और एक बार फिर राजकुमार राव ने गजब का काम किया है और तृप्ति ने उनका बखूबी साथ दिया है. 


कहानी
ये कहानी 1997 की है, विक्की यानि राजकुमार राव और विद्या यानि तृप्ति डिमरी अपनी सुहागरात का वीडियो बना लेते हैं ताकि जब मन करेगा तब देखेंगे और जब लड़ाई होगी तो ये वीडियो दोनों में सुलह कराने के काम आएगा, लेकिन उनके घर में चोरी हो जाती है और इस वीडियो की सीडी खो जाती है, बस फिर उस सीडी की खोज शुरू होती है और फिर शुरू होता है एंटरटेनमेंट और लाफ्टर का ऐसा खेल जिसे देखकर खूब मजा आता है.


कैसी है फिल्म
शुरू होते ही फिल्म आपको हंसाना शुरू कर देती है, वन लाइनर बहुत बढ़िया है, और जल्द ही फिल्म मुद्दे पर आ जाती है. फर्स्ट हाफ कमाल का है, आप खूब हंसते हैं, खूब एंटरटेन होते हैं. आप याद करने लगते हैं कि पिछली बार कब किसी फिल्म को देखकर आप इतना हंसे थे. मुझे याद है स्त्री ने मुझे काफी हंसाया था, फिर सेकेंड हाफ में फिल्म थोड़ा सा ओवर ड्रामेटिक होती है, एक ऐसा ट्रैक डाला जाता है जिसकी जरूरत शायद नही थी, ये फिल्म अपने आपमें काफी थी एंटरटेन करने के लिए, लेकिन तब भी आपको मजा आता है, आप हंसते हैं. फिर ये फिल्म एक जरूरी मैसेज भी देती है जो आज के दौर में काफी मायने रखते हैं क्योंकि आजकल तो किसी के भी वो वाले वीडियो बन जाते हैं और फिर चार लोग क्या कहेंगे के चक्कर में लोग अपने परिवार के पांच लोगों का सोचे बिना कोई भी गलत कदम उठा लेते हैं, ये फिल्म आपको कहीं बोर नहीं करती, आपको मजा आता है, एक मैसेज भी मिलता है, आप हंसते भी हैं, बस और क्या चाहिए किसी फिल्म से, देख डालिए.


एक्टिंग
राजकुमार राव एक बार फिर दिल जीत लेते हैं,उन्होंने कमाल का काम किया है. उनकी कॉमिक टाइमिंग गजब की है, वो वैसे भी विक्की ही बन गए हैं सबके लिए और विक्की के किरदार में तो वो इतने परफेक्शन से फिट होते हैं कि लगता है वो विक्की ही हैं. एक एक फ्रेम में वो कमाल कर गए हैं. तृप्ति डिमरी में गजब कॉन्फिडेंस दिखा है और उनकी एक्टिंग में भी निखार नजर आता है. इस रोल में तृप्ति फिट लगती हैं और जिन लोगों को उनसे शिकायत है कि वो बदल गई हैं, उनकी शिकायत को भी यहां वो दूर करती हैं. विजय राज ने कमाल का काम किया है, उनकी एक एक लाइन पर आप हंसते हैं. मल्लिका शेरावत ठीक लगी हैं लेकिन उन्हें एक साइड रोल में देखकर अजीब लगता है.  टीकू तल्सानिया ने दादाजी के रोल में शानदार काम किया है, राकेश बेदी खूब हंसाते हैं, अर्चना पूरण सिंह थोड़ा ओवर द टॉप लगती हैं. 


डायरेक्शन और राइटिंग
राज शांडिल्य की राइटिंग कमाल है और उनका डायरेक्शन शानदार है, उन्होंने स्क्रिप्ट को कमाल तरीके से लिखा है जिससे आपको अपने आप हंसी आती है, फर्स्ट हाफ की लिखाई तो काफी जबरदस्त है, सेकेंड हाफ में लगता है कि वो थोड़ा सा भटक गए वर्ना ये फिल्म और शानदार होती है लेकिन तब भी उन्होंने कमाल का काम कर दिया है. 


कुल मिलाकर ये फिल्म एंटरटेन भी करेगी और मैसेज भी देगी तो जरूर देखिए.


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