Wild Wild Punjab Review: प्यार का पंचनामा, सोनू के टीटू की स्वीटी और तू झूठी मैं मक्कार जैसी एक और फिल्म 'वाइल्ड वाइल्ड पंजाब' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है. प्यार-मोहब्बत, दोस्ती, दिल टूटने का दर्द ये सब कुछ दिखाने का अलग तरीका लव रंजन इस्तेमाल करते हैं.
इस फिल्म को उन्होंने ही प्रोड्यूस किया है. और उनकी पिछली फिल्मों प्यार का पंचनामा, सोनू-टीटू, झूठी-मक्कार वाला पूरा मसाला इसमें भी इस्तेमाल हुआ है. अगर आप फिल्म देखने का मूड बना रहे हैं, तो पहले फिल्म के बारे में जान लीजिए. फिल्म देखने का एक्सपीरियंस बढ़िया हो जाएगा.
कहानी
फिल्म की कहानी चार दोस्तों मान अरोड़ा (सनी सिंह), राजेश खन्ना (वरुण शर्मा), हनी सिंह (मनजोत सिंह) और गौरव जैन (जस्सी गिल) की दिलफेंक दोस्ती की है. राजेश खन्ना की गर्लफ्रेंड ने उसे चीट कर दिया है, जिसे इंसाफ दिलाने का जिम्मा उसके 3 दोस्त लेते है. इन चारों की टीम पटियाला से पठानकोट के लिए निकल पड़ती है, ताकि धोखेबाज गर्लफ्रेंड की शादी वाले दिन जाकर उसे सिर्फ 'आई एम ओवर यू' बोल सकें.
लेकिन इन चारों का 3 घंटे का ये सफर कई दिनों की एडवेंचरस ट्रिप में तब तब्दील हो जाता है, जब दारू के नशे में गौरव जैन राधा (पत्रलेखा) से रास्ते में शादी कर लेता है. यहां से शुरुआत होती है असली मजेदार ट्रिप की. जिसमें पुलिस से लफड़ा, ड्रग डीलर से पंगा और कार चेज का दौर शुरू होता है. चारों की टीम में कहानी बढ़ने के साथ-साथ नए-नए लोग जुड़ते जाते हैं और मजा भी बढ़ता जाता है. अब ये टीम पठानकोट पहुंचकर धोखेबाज गर्लफ्रेंड को उसकी गलती का एहसास करा पाते हैं या नहीं, ये जानने के लिए फिल्म देखनी बनती है.
एक्टिंग
फिल्म में मौजूद सभी एक्टर्स ने कहानी को और मजेदार तरीके से पेश करने में पूरी जीजान लगा दी है. वरुण शर्मा फिल्म में वही करते नजर आए हैं जो वो उसके पहले चूचा बनकर कर चुके हैं. लेकिन उन्हें उसी तरह के रोल में बार-बार देखना बोर नहीं करता. वो हर बार रिफ्रेशिंग लगते हैं. मनजोत सिंह इसमें सधे हुए लगे हैं और उनकी एक्टिंग में पहले से भी ज्यादा निखार दिखता है.
सनी सिंह ने ठीक काम किया है, उन्हें उनके कोएक्टर्स का भरपूर सपोर्ट भी मिला है. इसके अलावा, जस्सी गिल, राजेश शर्मा, गोपाल दत्त और इशिता राज भी अच्छे लगे हैं. हालांकि, फिल्म में सबसे ज्यादा चौंकाने का काम पत्रलेखा ने किया है. वो बहुत दिनों बाद दिखी हैं. फिल्म में उनके कैरेक्टर के करवट बदलने वाले रूप की तुलना अगर 'मडगांव एक्सप्रेस' के प्रतीक गांधी वाले कैरेक्टर से करें, तो गलत नहीं होगा. अचानक से उनका बदला हुआ रूप हंसाता है.
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन सिमरप्रीत सिंह ने किया है. इसके पहले वो कई टीवी सीरीज डायरेक्ट कर चुके हैं. उन्होंने फिल्म को वैसा ही मजेदार रखने की कोशिश की है, जैसे कि किसी भागमभाग वाली कॉमेडी फिल्म का फ्लेवर होना चाहिए. हालांकि, फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है जो आपने पहले कभी देखा न हो. लेकिन यहीं पर वो जीतते दिखते हैं क्योंकि पुराने मैटेरियल को नई पैकिंग के साथ बेचने में वो बेहतरीन सेल्समैन की तरह कामयाब हुए हैं.
क्यों देखें और क्यों न देखें फिल्म?
- अगर आप लव रंजन फ्लेवर वाली फिल्में पसंद करते हैं तो ये फिल्म भी आपको अच्छी लगेगी. इसमें वही सभी मसाले हैं जो आपने उनके निर्देशन में बनी फिल्मों में पहले भी देखा होगा.
- अगर आप दोस्ती और मस्ती वाली हल्की-फुल्की फिल्में देखकर खुद को लाइट मूड में लाना चाहते हैं तो फिल्म देख सकते हैं. हां लेकिन आपको दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है और न ही कोई मीनिंग ढूंढने की.
- अच्छी एक्टिंग और एक्टिंग के साथ सिचुएशनल कॉमेडी की मिश्रण जब होता है तो फिल्म किस तरह से अलग माहौल बना पाने में सफल हो पाती है. ये देखने के लिए भी फिल्म देख सकते हैं.
- फिल्म को डायरेक्ट भले ही सिमरप्रीत सिंह ने किया हो, लेकिन पूरी फिल्म लव रंजन स्टाइल में बनाई गई है. इसलिए अगर आप कुछ नया देखने के मूड में हैं, तो यहां उसकी कमी दिखेगी.
- लव रंजन स्टाइल की फिल्मों में हमेशा से ही महिला कैरेक्टर्स को चीटिंग करने वाला और पुरुषों को विक्टिम के तौर पर दिखाया जाता रहा है. वो इस फिल्म में भी दिखा है. तो हो सकता है कि आपके मन में ये सवाल उठ जाए कि आखिर हमेशा इनकी फिल्मों में ऐसा दिखाने की कोशिश क्यों की जाती है.
खैर इन सबसे हटकर अगर आप थोड़ी देर के लिए मुस्कुराते रहना चाहते हैं तो फिल्म देखना टाइम बर्बाद करने जैसा नहीं होगा. मजा आ भी सकता है और नहीं भी, लेकिन बोरियत नहीं होगी.