Wild Wild Punjab Review: दिल टूटा है आपका कभी, अरे कभी तो टूटा ही होगा. दिल के दर्द का इलाज ढूंढ रहे हैं, सोशल मीडिया पर दुख भरी रील्स देख रहे हैं, औऱ वही आपकी फीड में आ रही हैं, वही सब स्टेटस पर लगा रहे हैं. इस उम्मीद में कि कभी तो वो देख लेगा या देख लेगी. दिल के दर्द से बाहर नहीं आ पा रहे हैं. एक काम कीजिए, ये फिल्म देख डालिए. दिल के दर्द का इलाज मजेदार तरीके से होगा. एंटरटेनमेंट जबरदस्त होगा और इसके बाद आपकी सोशल मीडिया फीड पर कुछ और भी दिखेगा क्योंकि आप सेड रील्स देखनी बंद कर देंगे.
कहानी
राजेश खन्ना यानि वरुण शर्मा यानि खन्ने यानि अपने चूचे का दिल टूट गया है. उसके बस अपनी गर्लफ्रेंड के ये बोलना है कि I am over you यानि भाड़ में जाओ...बस इसी काम में उसका साथ देते हैं उसके दोस्त सनी सिंह, जस्सी गिल और मंजोत सिंह. वो पठानकोट के लिए निकलते हैं. फिर रास्ते में होती हैं वाइल्ड चीजें. नशे में एक शादी और बहुत कुछ ऐसा जो मजे दिला देता है. ज्यादा नहीं बताएंगे क्योंकि सिर्फ दो घंटे की फिल्म है, देख डालिए.
कैसी है फिल्म
ये फिल्म एक ही चीज पर फोकस करती है औऱ वो है एंटरटेनमेंट. जो इसमें खूब है, फिल्म शुरू से मुद्दे पर आती है और एक के बाद एक मजेदार ट्विस्ट आते हैं. ऐसे फनी सीन आते हैं जो आपको एंटरटेन करते हैं. हर एक किरदार एकदम फिट है. कई कॉमिक सीन आपको खूब हंसाते हैं. सिचुएशन ऐसी क्रिएट की जाती है कि खुद हंसी आती है. ये फिल्म बताती है कि दोस्त जिंदगी में सबसे अच्छी चीज हैं और कोई ऐसा काम नहीं जो आप कर नहीं सकते. ये फिल्म मजेदार तरीके से दिल के दर्द का इलाज बताती है.
एक्टिंग
इस फिल्म के सारे किरदार इसकी जान हैं. सब हीरो हैं और सब कमाल हैं. वरुण शर्मा ने राजेश खन्ना का किरदार बड़ी मासूमियत से निभाया है, उन्हें देखकर आपको याद आ जाता है कि आपका दिल कब टूटा था या फिर अभी टूटा है तो आप उनसे रिलेट करेंगे. उनकी शक्ल देखकर हंसी आती है, चाहे वो कुछ ना ही बोलें वो अपने एक्सप्रेशन से हंसा देते हैं. सनी सिंह एकदम माचो लुक में है और कमाल के लगे हैं औऱ अपने किरदार को उन्होंने एक दम परफेक्शन से निभाया है. उनकी कॉमिक टाइमिंग भी शानदार है. मंजोत सिंह इस बार टफ सरदार बने हैं, उन्हें देखकर मजा आता है. यहां वो अलग लगे हैं और जमे हैं, वो अपने तरीके से एंटरटेन करते हैं और क्या खूब करते हैं. जस्सी गिल पापा से प्यारे बेटे हैं, पापा से डरते हैं और ये डर उन्होंने बखूबी अपने एक्सप्रेशन से दिखाया है. पापा से डरने वाले बेटे रिलेट करेंगे उनसे, उनका काम भी काफी अच्छा है. पत्रलेखा ने काफी इम्प्रेस किया, ये उनकी इमेज से उलट किरदार है और यही एक एक्टर की खासियत होती है कि वो किरदार को शानदार तरह से जिए. इशिता राज ने शानदार काम किया है, वो एक डॉन टाइप की लड़की बनी है और ये किरदार उनपर खूब जंचा है. बाकी के सारे कलाकारों ने भी अपना काम शानदार तरह से किया है.
डायेरक्शन
सिमरप्रीत सिंह ने फिल्म को डायरेक्ट किया है. उन्होंने एक अहम मुद्दे को जिस एंटरटेनिंग तरीके से पेश किया है वो काबिले तारीफ है. ये फिल्म बताती है कि सीरियस इश्यू को भी ऐसे पेश किया जा सकता है. फिल्म पर उनकी पकड़ बनी हुई है, हां अगर थोड़े और कॉमिक पंच डाले जाते तो और मजा आता.