Operation Romeo Review : ये फिल्म नहीं आपकी या आपके आसपास की कहानी है, ये फिल्म डराती है, सिहरन पैदा करती है. शरहद केलकर से नफरत करवाती है और आपको कुछ दे जाती है. 'ऑपरेशन रोमियो' (Operation Romeo) कोन देखने की पहली वजह ये थी कि ये नीरज पांडे की फिल्म है. अब जिस शख्स ने 'एम.एस धोनी', 'ए वेडनेस डे' जैसी फिल्में बनाई होंगी तो उनसे उम्मीदें होती हैं. नीरज पांडे इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं, लेकिन इस फिल्म से उनका नाम जुड़ा होना ही फिल्म को बड़ा बना देता है. दूसरी वजह थी फिल्म का शानदार ट्रेलर..लेकिन फिल्म देखने के बाद लगा कि इसे देखने की सबसे बड़ी वजह तो ये है कि हमारी और आपकी सबकी कहानी है और बड़े पर दर्दनाक तरीके से कही गई है. इतनी कि काफी अंदर तक दर्द होता है.


कहानी...
ये फिल्म मलयालम फिल्म 'Ishq not a love story' का रीमेक है. तो जिसने ये फिल्म देखी होगी उसे तो कहानी पता ही होगी और जिसने नहीं देखी होगी उसे  'ऑपरेशन रोमियो' का ट्रेलर देखकर अंदाजा लग गया होगा. कहानी है एक कपल की..जो रात को कार में रोमांस कर रहे होते हैं और दो पुलिसवाले उन्हें पकड़ लेते हैं और इसके बाद शुरू होता है उस कपल को परेशान करने का सिलसिला..कैसे ये पुलिसवाले उन्हें रातभर परेशान करते हैं, क्या क्या होता है, यही फिल्म की कहानी है. लेकिन ये कहानी सेकेंड हाफ में एक अलग मोड़ लेती है और आपको हैरान कर देती है और एंड में जबतक पूरा खुलासा नहीं हो जाता तब तक आप सोचते रहते हैं कि हुआ क्या?


एक्टिंग...
सिद्धांत गुप्ता (Sidhant Gupta) और  वेदिका पिंटो (vedika pinto) कपल के किरदार में हैं. शरद केलकर (Sharad kelkar) पुलिसवाले के रोल में हैं. भूमिका चावला (bumika chawla) ने शरद केलकर की पत्नी का किरदार निभाया है.फिल्म की शुरुआत थोड़ी स्लो लगती है, लेकिन जैसे ही शरद केलकर की एंट्री होती है आप स्क्रीन से नजर नहीं हटा पाते. शरद केलकर  ने अपने किरदार को इस मजबूती से निभाया है कि इस कपल को जब वो परेशान करते हैं तो आपको शरद पर गुस्सा आता है.उनसे घिन्न होती है और यही शरद की कामयाबी है. सेकेंड हाफ में शरद का किरदार अलग ही रंग में दिखता है और यहां भी शरद कमाल लगते हैं.सिद्धांत गुप्ता ने अच्छा काम किया है.सेकेंड हाफ में सिद्धांत ने कमाल की एक्टिंग की है.भूमिका चावला काफी अच्छी लगी हैं उनकी एक्टिंग में भी दम है.वेदिका पिंटो भी जमी हैं.
 
क्यों देखें...
ये फिल्म वो कहानी दिखाती है जो शायद आपके साथ हुआ होगा.नहीं तो हो सकता है आपके आसपास किसी के साथ हुआ है.फिल्म देखते हुए आपको वो घटनाएं याद आने लगती हैं.आप इस फिल्म को देखते नहीं एक्सपीरियंस करते हैं.ये फिल्म असली घटना पर बनी है और ये बात आप इस फिल्म को देखते हुए महसूस भी करते हैं.


डायरेक्शन...
शशांत शाह का डायरेक्शन अच्छा है.शुरुआत में थोड़ा समय बिल्डअप में जाता है, लेकिन फिर फिल्म पेस पकड़ती है.फिल्म में दो ही सीक्वेंस हैं जो मेन हैं और जिनपर पूरी फिल्म बनी है लेकिन आपको ये खींचे हुए नहीं लगते.हर पल एक नया रोमांच सामने आता है.इस मामले में कहना होगा कि शशांत ने नीरज पांडे की साख बनाए रखी. इस फिल्म को ज्यादा प्रमोट नहीं किया गया. वजह का पता नहीं लेकिन ये फिल्म अच्छी है और देखी जानी चाहिए तो अगर एक अच्छा सिनेमा देखना चाहते हैं और नीरज पांडे के फैन हैं तो आप जरूर देखिए 'ऑपरेशन रोमियो'.