Doctors Review: ये शानदार सीरीज देखकर आप कभी डॉक्टर पर गुस्सा नहीं करेंगे, शरद केलकर तो 'डॉक्टरी' के भी बाहुबली निकले
Doctors Review: कई वजह हैं कि जियो सिनेमा पर आज ही आई 10 एपिसोड की शरद केलकर की सीरीज 'डॉक्टर्स' क्यों हर हाल में देखनी चाहिए चाहिए.
साहिर रजा
शरद केलकर, हरलीन सेठी, विवान शाह
Jio Cinema
Doctors Review: 17 लोगों की जान चली जाती है और उसके कुछ ही देर बाद कुछ ट्रेनी डॉक्टर आपस में मस्ती मजाक करने लगते हैं. इस पर एक ट्रेनी डॉक्टर गुस्सा हो जाता है और आप सोचते हैं कि डॉक्टर तो रोज ये सब देखते हैं तो क्या वो रोज खाना छोड़ देते होंगे, रोज हंसना बंद कर देते हैं, अपनी जिंदगी जीना छोड़ देते हैं.
डॉक्टर हम सबकी जिंदगी का हिस्सा हैं, हम सब कभी ना कभी बीमार पड़ते हैं, हमारे परिवार वाले, जानने वाले कभी ना कभी अस्पताल जाते हैं, लेकिन क्या हम कभी सोचते हैं कि इन डॉक्टरों की जिंदगी में क्या चलता है. शरद केलकर और हरलीन सेठी की कमाल की एक्टिंग वाली ये सीरीज यही सब दिखाती है और बड़े सधे हुए तरीके से दिखाती है. कई वजह हैं कि जियो सिनेमा पर आई 10 एपिसोड की ये सीरीज क्यों हर हाल में देखनी चाहिए चाहिए.
कहानी
डॉक्टर ईशान आहूजा यानी शरद केलकर एक बड़े अस्पताल में न्यूरोसर्जन हैं. उसी अस्पताल में डॉक्टर नित्या वासू यानी हरलीन सेठी रेजिडेंट बनकर आती हैं, लेकिन उनका मकसद डॉक्टरी सीखने से ज्यादा डॉक्टर ईशान से बदला लेना है क्योंकि नित्या को लगता है कि डॉक्टर ईशान ने उनके भाई की सर्जरी ठीक से नहीं की. लेकिन यहां आकर उसे डॉक्टर ईशान और बाकी डॉक्टरों की जिंदगी का वो सच पता चलता है जो उसकी सोच बदल देता है.
क्या होता है जब डॉक्टर की सर्जरी का बाद किसी मरीज की मौत हो जाती है? क्या होता है जब कोई वीआईपी अस्पताल में भर्ती होता है? क्या होता है जब कोई ऐसा केस आता है जिसमें मीडिया की दिलचस्पी हो? ये सीरीज बहुत कुछ दिखाती है. बहुत कुछ बताती है और बहुत कुछ महसूस कराती है और इस कहानी के लिए ये सीरीज जरूर देखिए.
कैसी है सीरीज
ये बड़ी सधी हुई सीरीज है. इसमें वॉयलेंस नहीं है. बेकार का हीरोइज्म नहीं है, गाने नहीं हैं, बेकार का मेलोड्रामा नहीं है लेकिन ऐसा कुछ है जो आपकी जिंदगी से जुड़ा है. इस सीरीज के हीरो डॉक्टर हैं. ये सीरीज बड़े सेंसिबल और सधे हुए तरीके से डॉक्टरों और मरीजों के रिश्ते को दिखाती है. जिद्दी मरीजों को डॉक्टर कैसे डील करते हैं ये दिखाती है.
हम कई बार बिना सोचे समझे भी डॉक्टरों पर गुस्सा कर देते हैं. इस सीरीज को देखने के बाद आप ऐसा नहीं करेंगे. ये सीरीज बताती है कि मरीज और उनके रिश्तेदारों पर क्या बीतती और डॉक्टरों पर क्या बीतती है. ये सीरीज एक अच्छा मेडिकल ड्रामा है जिसे देखा जाना चाहिए. अपने और डॉक्टरों के बीच के रिश्ते को बेहतर करने के लिए क्योंकि ये रिश्ता हमेशा रहेगा.
एक्टिंग
शरद केलकर एक बार फिर साबित करते हैं कि वो कमाल के एक्टर हैं. फिर वो बाहुबली बनकर अपनी आवाज का जादू चलाना हो या फिर पर्दे पर अलग अलग किरदार गढ़ना, आपको वो डॉक्टर ईशान ही लगते हैं, वो अपने किरदार में इस कदर घुस गए कि वो आपको अपने साथ हॉस्पिटल ही ले गए हैं. एक डॉक्टर की संजीदगी, बॉडी लैंग्वेज, आपको उनका किरदार परफेक्ट लगता है, और ऊपर से उनकी कमाल की आवाज, सोने पर सुहागा है.
हरलीन सेठी का काम काफी शानदार है. एक रेजीडेंट डॉक्टर के किरदार को उन्होंने कमाल तरीके से निभाया है. इस किरदार में कोई ग्लैमर नहीं है. इसकी जरूरत भी नहीं थी और ये किरदार बताता है कि हरलीन की एक्टिंग रेंज काफी अच्छी है. हरलीन की बहन के किरदार में आमिर अली का काम अच्छा है लेकिन उनका रोल कम है. विवान शाह का काम काफी अच्छा है, विराफ पटेल ने अच्छी एक्टिंग की है.
डायरेक्शन
साहिर रजा ने इस सीरीज को डायरेक्ट किया है. वो मैरिड वुमन जैसी कमाल की सीरीज बना चुके हैं और यहां भी वो पूरी तैयारी से आए हैं. उन्होंने इस सीरीज के लिए काफी रिसर्च की है और चीजों को वैसा ही दिखाया है जैसी आपको किसी हॉस्पिटल में दिखती हैं. उन्होंने बेकार में चीजों को नहीं डाला है यानी एक अच्छे डॉक्टर की तरह हर दवाई उतनी दी है जितनी जरूरत है.
कुल मिलाकर अच्छा कंटेंट देखने के शौकीन हैं तो देखिए ये सीरीज
रेटिंग -3.5 स्टार्स