Kota Factory 3 Review: दिल, दिमाग और आत्मा तीनों को छू लेगा ये शो, जीतू भैया के बाद अब पूजा दीदी ने भी जीता दिल
Kota Factory 3 Review: पंचायत 3 के बाद अब जितेंद्र कुमार की कोटा फैक्ट्री 3 भी आ गई है. कोटा फैक्ट्री के दो सीजन को फैंस ने खूब प्यार दिया था. आइए जानते हैं कैसा है तीसरा सीजन.
Pratish Mehta
Jitendra Kumar, Mayur More, Ahsaas Channa
Kota Factory 3 Review: मजे ही मजे, ये लाइनें इन दिनों रील्स पर काफी वायरल हैं और ये शो देखकर दिमाग में आता है TVF ने कर दिए मजे ही मजे. कंटेंट के मजे, पहले पंचायत 3, फिर गुल्लक 3 और अब कोटा फैक्ट्री 3 अच्छा कंटेंट देखने वालों के लिए ये मजे ही मजे हैं. बड़ी शांति से इनका ट्रेलर आया और ठीक ठाक प्रमोशन हुआ, लेकिन शो ऐसे हैं कि देखने वाले ही प्रमोट कर रहे हैं. यही होती है अच्छे कंटेंट की ताकत.
कोटा फैक्ट्री 3 फिर से आपके दिल दिमाग और आत्मा को छू लेगा. आपकी आंखों में आंसू आएंगे और आपको बहुत कुछ महसूस होगा.
कहानी
कोटा में जीतू भैया ने अपना सेंटर खोल लिया है, लेकिन कुछ ऐसा होता है कि वो परेशान हो जाते हैं. JEE Mains और Advanced की तैयारी जोरों पर है. इसका बुरा असर भी दिख रहा है. कुछ बच्चे बुरी संगत में भी पड़ चुके हैं. क्या होगा, क्या कामयाबी मिलेगी, कौन IIT जा पाएगा और जो नहीं गया उसका क्या? कहानी आपकी है, देखिएगा, महसूस होगा अपना स्कूल, कॉलेज, अपने बच्चों का स्कूल, उनका कॉलेज, उनका प्रेशर. कहानी के बारे में ज्यादा बताना इस शानदार शो के साथ नाइंसाफी है.
एक्टिंग
जीतू भैया अब सिर्फ पढ़ा नहीं रहे हैं. एक जंग लड़ रहे हैं खुद से. यहां जितेंद्र कुमार की एक्टिंग का वो रूप दिखता है, जो अदाकार के तौर पर उन्हें बहुत आगे ले जाता है. जीतू भैया और जीतू सर के बीच की जद्दोजहद को जितेंद्र ने जिस तरह से पेश किया है वो वाकई आपके दिल को छू जाता है. वो असल जिंदगी में कम बोलते हैं, लेकिन पर्दे पर जब बोले हैं न आसूं निकाल दिए हैं.
इस बेहद कामयाब सीरीज के इस सीजन में एक नया किरदार आया है, पूजा मैम या पूजा दीदी. इस किरदार को तिलोत्तमा शोम ने जिस खूबसूरती और परफेक्शन से निभाया है, उसके बाद लगता है कि ये उनके लिए एक और नई और बड़ी शुरुआत होनी चाहिए. एक ऐसी सीरीज जिसका हर किरदार दिलों में बसा है, उसमें आना और छा जाना, ये बताता है कि उनके अंदर का एक्टर बेमिसाल है. राजेश कुमार कमाल के एक्टर हैं और यहां वो कमाल दिखा है.
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मयूर मोरे हमेशा की तरह शानदार हैं, एक सीन में जब वो परेशान होकर फटते हैं तो आपको आपके दिन याद आ जाते हैं. रंजन राज का काम हमेशा की तरह शानदार है. वो एक अलग रंग डालते हैं जो बड़ा प्यारा लगता है. आलम खान का किरदार उदय बहुत लोगों का फेवरेट है, क्योंकि ज़्यादातर लोग उदय ही होते हैं, लेकिन इस बार उदय हंसाने के साथ साथ रुलाएगा. अहसास चन्ना का काम भी कमाल है, वो शिवांगी जैसी स्ट्रॉन्ग लड़की के किरदार को कमाल तरीके से निभाती हैं. रेवथी पिल्लई ने भी फिर से कमाल काम किया है. उर्वी सिंह का काम भी शानदार है.
कैसी है सीरीज?
ये सीरीज देखते हुए आपको अपनी और अपने करीबी लोगों से जुडी कई चीज़ें याद आएंगी. ये सीरीज आपको आपकी गलतियों का एहसास भी कराएगी. आपको रुलाएगी भी, सिखाएगी भी और एंटरटेन भी करेगी. शो इतना कुछ कर रहा है वो कमाल का है.
डायरेक्शन
पुनीत बत्रा और प्रवीण यादव ने इसे लिखा है. प्रतीश मेहता ने डायरेक्ट किया है और TVF की हर सीरीज की तरह इसकी राइटिंग और डायरेक्शन इसके हीरो हैं. कमाल का लिखा है, एक एक सीन फील होता है कि हमने भी तो ऐसे ही किया था और डायरेक्शन ऑन पॉइंट है. कुल मिलाकर ये सीरीज देखिए.