Tanaav 2 Review: कश्मीर एक ऐसी जगह है जहां का जिक्र आते ही सबसे पहले जहन में खूबसूरत वादियां आती हैं. लेकिन एक चीज कश्मीर के साथ सालों जुड़ी रही और वो है तनाव, ये सीरीज उसी तनाव को दिखाती है.


ये इस सीरीज का दूसरा सीजन नहीं है, तनाव के फर्स्ट हाफ के छह एपिसोड्स हैं. तनाव इजरायली सीरीज फौदा का रीमेक है, वहां इजरायल और फिलिस्तीन के बीच की जंग दिखाई गई थी तो यहां कश्मीर को सेंट्रल कैरेक्टर बनाया गया है.


कहानी
कश्मीर में फिर से तनाव है लेकिन इस बार मामला पर्सनल है, मीर साहब का बेटा फरीद उर्फ अल दमिश्क दहशत फैलाने सीरीया से कश्मीर आया है, उसे अपने अब्बू की मौत का बदला लेना है, वो कबीर यानि मानव विज और उनके पिता पर हमला करता है और फिर मानव विज STG के साथ मिलकर उसे ढूंढने का मिशन शुरू करता है लेकिन इस बार मानव को तनाव है अपने बच्चों को लेकर, अपने परिवार को लेकर, क्या ये मिशन कामयाब होगा, जानने के लिए आप सोनी लिव पर 6 एपिसोड की ये सीरीज देख सकते हैं


कैसी है सीरीज?
ये सीरीज अच्छी है, इंटेंस है, जाहिर है इसमें कश्मीर है तो इसमें खूबसूरती, वादियां है और खूब सारा तनाव है, खूब सारा एक्शन है जो देखकर मजा आता है. इस सीरीज में STG के आपस को तनाव को भी बड़े सही तरीके से दिखाया गया है तो दहशतगर्दों के बीच के तनाव को भी कायदे से दिखाया गया है. एक्शन सीन काफी अच्छे शूट किए गए हैं, सिनेमैटोग्राफी कमाल की है. ये सीरीज अपनी ही एक पेस से चलती है और वो पेस बिल्कुल सही लगती है. ये कोई कॉमेडी या हल्की फुल्की सीरीज नहीं है, एक हैवी सीरीज है तो अगर इस तरह के कंटेंट को देखने के शौकीन हैं तो ही ये सीरीज देखने में मजा आएगा.


एक्टिंग
मानव विज ने शानदार परफॉर्मेंस दी है, चाहे अपने परिवार को बचाने के लिए एक आतंकी पर टूट पड़ना हो या फिर अपनी जान जाने के डर के बीच अपने बच्चों के साथ वक्त बिताना, मानव ने इस किरदार को कायदे से निभाया है और वो इस किरदार में काफी सूट भी किए हैं. गौरव अरोड़ा मेन विलेन हैं और उनका काम जबरदस्त है, उनकी आंखें कमाल का खौफ पैदा करती हैं और वो अपने किरदार में जबरदस्त लगते हैं. इसके अलावा कबीर बेदी जबरदस्त लगे हैं, रजत कपूर का काम हमेशा की तरह शानदार है. अरबाज खान, शशांक अरोड़ा, अर्सलान गोनी ,मीर सरवर, रॉकी रैना, साहिबा बाली सबका काम अच्छा है.


डायरेक्शन
सुधीर मिश्रा और ई निवास ने इस सीरीज को कायदे से बनाया है, उन्होंने कश्मीर की नब्ज को समझा है और उस हिसाब से ही इस सीरीज को आगे बढ़ाया है. इसे जबरदस्ती में सनसनीखेज या ड्रामेटिक बनाने की कोशिश नहीं की गई है. ये एक सधी हुई सीरीज है और ऐसे कंटेंट का अपना एक ऑडियंस होता है और उन्हें ये सीरीज काफी अच्छी लगेगी.


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