एक्सप्लोरर

Sardar Ka Grandson Review: पाकिस्तान जाकर अर्जुन कपूर न तो सनी देओल बन पाते हैं और न सलमान खान, फिल्म करती है निराश

Sardar Ka Grandson Review: भारत से कट्टर दुश्मनी पालने वाले पाकिस्तान को इस फिल्म में इतना उदार दिखाया गया है कि वह हीरो को उसकी दादी का पुश्तैनी मकान उखाड़ कर ट्रॉलर पर ले जाने देता है. इस मूल आइडिये के अलावा कहानी में कुछ खास नहीं है. अर्जुन कपूर अब तक अपनी इमेज बनाने का संघर्ष कर रहे हैं तो यहां नीना गुप्ता की ऐक्टिंग पर मेकअप हावी है

इंजीनियरों ने ऐसी तकनीक ईजाद कर ली है, जिससे विशाल इमारत या बड़े-घने पेड़ों को एक जगह से उठा कर दूसरी जगह स्थापित किया जा सकता है. मगर सिनेमा के सौ साल पार के इतिहास में ऐसा कोई फार्मूला अभी तक नहीं बन सका, जिसमें दर्शकों को कहीं से उठा कर फिल्म के सामने बैठा दें और उसे देखने के लिए मजबूर करें. ऐसे में निर्देशक काशवी नायर की डेब्यू फिल्म ग्रेंडसन ऑफ सरदार के लिए भी दर्शकों को जुटाने में बड़ी मुश्किल होगी. फिल्म जितनी बड़ी बात करती है, उसे लिखे जाने में भी उतने बड़े झोल हैं. काशवी और अनुजा चौहान ने फिल्म लिखी है. अनुजा के लेखन में पंजाबी फ्लेवर जरूर है मगर उनकी सीमाएं हैं. नतीजा यह कि ग्रेंडसन ऑफ सरदार न सोशल-पॉलीटिकल फिल्म बन पाती है और न कॉमेडी. अर्जुन कपूर भी न तो गदरः एक प्रेमकथा वाले सनी देओल हो पाते हैं और न बजरंगी भाईजान वाले सलमान खान.

अर्जुन कपूर के पास फ्लॉप फिल्मों की लंबी कतार है लेकिन काशवी उन्हें स्क्रीन पर हीरो बनाने के मोह में फंसी रही. एडिटर ने भी हिम्मत नहीं दिखाई. नतीजा यह कि नेटफ्लिक्स पर आई ग्रेंडसन ऑफ सरदार 2 घंटे 19 मिनट लंबी बन गई. अव्वल तो फिल्म की रफ्तार बहुत धीमी है. दूसरे कहानी में कोई ऐसे घुमाव और फेर नहीं है, जो रोमांच पैदा करें. अर्जुन, रकुल प्रीत सिंह और नीना गुप्ता के किरादारों में ऐसी कोई बात नहीं कि वे स्क्रीन पर जान फूंक सकें. जॉन अब्राहम और अदिति राव हैदरी मेहमान हैं. कुल जमा यह कि वक्त के साथ बढ़ती फिल्म में ऐसा कुछ नहीं मिलता, जो बंध कर देखने को मजबूर करे. एक समय के बाद फिल्म उबाऊ हो जाती है. एकमात्र किरदार जो अपने अभिनय से प्रभावित करता है, वह हैं कुमुद मिश्रा. जो लाहौर के कलेक्टर बने हैं.

कहानी का मूल आइडिया इतना सरल गढ़ा गया है, जैसे एक गांव से दूसरे गांव जाकर असली घी, अचार या शहद का डिब्बा लाना हो. बंदा यूं गया और यूं आया. अल-जजीरा चैनल की एक डॉक्युमेंट्री ‘गोइंग बैक टू पाकिस्तान’ से इस कहानी का आइडिया काशवी नायर को आया था. जिसमें 90 बरस के एक बुजुर्ग भारत-विभाजन के 70 साल बाद पाकिस्तान की यात्रा करते हैं क्योंकि वहां उनका पुश्तैनी घर, दुकान और स्कूल था. वह उन जगहों को फिर से देखना और महसूस करना चाहते हैं. ग्रेंडसन ऑफ सरदार में 90 पार की सरदार कौर (नीना गुप्ता) का भी यही ख्वाब है. हालांकि जर्जर होती सेहत की वजह से वह लाहौर की कबूतर वाली गली में अपना विशाल घर देखने नहीं जा पातीं मगर उनका पोता अमरीक (अर्जुन कपूर) जरूर वहां जाकर इस इमारत को ट्रॉलर पर रख कर अमृतसर ले आता है. इस एक लाइन की कहानी के अलावा फिल्म में दूसरी कहानी या ढंग का सहायक प्लॉट तक नहीं है. उस इमारत को लाहौर से अमृतसर तक लाने का मिशन कैसे कामयाब होता है, काशवी ने ढीले ढंग से दिखाया है. वह तय नहीं कर पातीं कि फिल्म की टोन कॉमिक होगी या संजीदा. अर्जुन कपूर और भारतीय नेता एकदम से कॉमिक हो जाते हैं तो दूसरी तरफ पाकिस्तानी बड़े गंभीर और यारबाज दिखते हैं. एक किशोरवय पाकिस्तानी चायवाला अर्जुन की वहां हर तरह से मदद करता है और अंत में उनसे कहता हैः आपका वतन चायवालों को बहुत अंडरएस्टिमेट करता है. इस डायलॉग का क्या मतलब लिया जाए? अमितोष नागपाल के लिखे संवादों में कई बेसिर-पैर की बातें हैं. जो खराब स्क्रिप्ट की नीम पर चढ़े कड़वे करेले जैसी है.


Sardar Ka Grandson Review: पाकिस्तान जाकर अर्जुन कपूर न तो सनी देओल बन पाते हैं और न सलमान खान, फिल्म करती है निराश

कहने को फिल्म में अमरीक और राधा (रकुल प्रीत सिंह) की लव स्टोरी चलती है परंतु इसमें दम नहीं है. 2 स्टेट्स, की एंड का, हाफ गर्लफ्रेंड, नमस्ते इंग्लैंड और मुबारकां में अर्जुन जैसे थे, उससे बेहतर यहां नहीं है. वह 35 साल के हो चले हैं और फिल्मी ऐक्टिंग में करीब 10 साल से हैं. आप उम्मीद करते हैं कि उन्हें खिलंदड़ किरदार और संजीदा अभिनय की समझ आ जानी चाहिए. मगर ऐसा नहीं दिखता. यहां वह ऐसे युवक हैं, जिससे कोई काम पूरा नहीं होता. जब यहां-वहां टकराते हुए चीजें तोड़ता-फोड़ता रहता है. वास्तव में मेहनत के बाद भी अर्जुन का करिअर अभी तक ढुलमुल है. इसकी वजह है, खराब कहानियों का चयन.

रकुल प्रीत सुंदर हैं मगर अर्जुन के साथ उनकी जोड़ी नहीं जमी. जबकि नीना गुप्ता की ऐक्टिंग पर हर समय 90 साल की बूढ़ी महिला दिखने वाला मेक-अप हावी है. बाकी कलाकारों की चर्चा बेकार है क्योंकि कहानी में ही उनकी ठोस जगह नहीं है. फिल्म में न रोमांस है, न इमोशन और न ऐक्शन. भारत विभाजन की चर्चा, लोगों पर उसके असर और भारत-पाकिस्तान की राजनीति या ब्यूरोक्रेसी पर उथले ढंग से लेखक-निर्देशक ने काम किया. फिल्म में भारतीयता की जगह पंजाबियत हावी है. इसलिए इसके दर्शकों का दायरा अपने आप ही सिमट गया है.

ENT LIVE

ABP Shorts

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'झूठा प्रचार करने में हमारे गृहमंत्री सबसे आगे', जम्मू-कश्मीर पहुंचकर अमित शाह को लेकर ऐसा क्यों बोले खरगे?
'झूठा प्रचार करने में हमारे गृहमंत्री सबसे आगे', जम्मू-कश्मीर पहुंचकर अमित शाह को लेकर ऐसा क्यों बोले खरगे?
Maharashtra: चुनावी मोड में आई अजित पवार की NCP, कैम्पेन सॉन्ग 'महाराष्ट्रवादी' का टीचर किया रिलीज
चुनावी मोड में आई अजित पवार की NCP, कैम्पेन सॉन्ग 'महाराष्ट्रवादी' का टीचर किया रिलीज
डीपनेक बॉडीकोन ड्रेस में देवोलीना ने फ्लॉन्ट किया बेबी बंप, पति की बाहों में यूं दिए रोमांटिक पोज
बॉडीकोन ड्रेस में देवोलीना ने फ्लॉन्ट किया बेबी बंप, वायरल हुईं तस्वीरें
IGNOU July Admission 2024: इग्नू जुलाई एडमिशन के लिए अब इस तारीख तक करें अप्लाई, लास्ट डेट आगे बढ़ी
इग्नू जुलाई एडमिशन के लिए अब इस तारीख तक करें अप्लाई, लास्ट डेट आगे बढ़ी
ABP Premium

वीडियोज

Breaking News : Noida में बड़ा हादसा,  फ्लाईओवर से नीचे गिरने से बाल-बाल बची  लड़कीBihar IPS : बिहार के जमुई से हैरान कर देने वाला मामला, 2 लाख रुपये में IPS बना लड़काJammu Kashmir Election: '3 परिवार की सल्तनत खत्म करने का चुनाव', Amit Shah का परिवारवाद पर प्रहार |Dharavi Mosque: मस्जिद कमेटी को 8 दिन की मिली मोहलत  | Mumbai Breaking |

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'झूठा प्रचार करने में हमारे गृहमंत्री सबसे आगे', जम्मू-कश्मीर पहुंचकर अमित शाह को लेकर ऐसा क्यों बोले खरगे?
'झूठा प्रचार करने में हमारे गृहमंत्री सबसे आगे', जम्मू-कश्मीर पहुंचकर अमित शाह को लेकर ऐसा क्यों बोले खरगे?
Maharashtra: चुनावी मोड में आई अजित पवार की NCP, कैम्पेन सॉन्ग 'महाराष्ट्रवादी' का टीचर किया रिलीज
चुनावी मोड में आई अजित पवार की NCP, कैम्पेन सॉन्ग 'महाराष्ट्रवादी' का टीचर किया रिलीज
डीपनेक बॉडीकोन ड्रेस में देवोलीना ने फ्लॉन्ट किया बेबी बंप, पति की बाहों में यूं दिए रोमांटिक पोज
बॉडीकोन ड्रेस में देवोलीना ने फ्लॉन्ट किया बेबी बंप, वायरल हुईं तस्वीरें
IGNOU July Admission 2024: इग्नू जुलाई एडमिशन के लिए अब इस तारीख तक करें अप्लाई, लास्ट डेट आगे बढ़ी
इग्नू जुलाई एडमिशन के लिए अब इस तारीख तक करें अप्लाई, लास्ट डेट आगे बढ़ी
Shubman Gill Century: शुभमन गिल ने जड़ा टेस्ट करियर का पांचवां शतक, घुटनों पर आया बांग्लादेश!
शुभमन गिल ने जड़ा टेस्ट करियर का पांचवां शतक, घुटनों पर आया बांग्लादेश!
IPO Earning: आईपीओ से कमाई की नहीं होती है गारंटी, रिकॉर्ड रैली में भी डूब रहे पैसे, ये 8 शेयर दे रहे सबक
IPO से कमाई की नहीं होती गारंटी, रिकॉर्ड रैली में भी डूब रहे पैसे, ये 8 शेयर दे रहे सबक
Pitru Paksha 2024: पितरों के नाराज होने से घर में होती हैं ये घटनाएं, करें ये खास उपाय
पितरों के नाराज होने से घर में होती हैं ये घटनाएं, करें ये खास उपाय
Periods: पीरियड्स में गंदा कपड़ा यूज करना कितना खतरनाक? ये होते हैं नुकसान
पीरियड्स में गंदा कपड़ा यूज करना कितना खतरनाक? ये होते हैं नुकसान
Embed widget