जयपुर: राजस्थान न्यायिक सेवा की परीक्षा में महिलाओं ने बाजी मारी है. 197 सफल परीक्षार्थियों के बीच 127 महिला अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है. तानवी माथुर को न्यायिक सेवा की परीक्षा में दूसरा रैंक हासिल हुआ है. इसके अलावा टॉप 10 में जगह बनाने वाली 8 महिलाएं हैं. जबकि लिस्ट में टॉपर और 10वीं रैंक हासिल करन वाले पुरूष हैं.


केवल टॉपर और 10वीं रैंक पुरुष के खाते में  


टॉप 10 में मयंक प्रताप सिंह ने पहला रैंक हासिल किया है. मयंक प्रताप न्यायिक सेवा की परीक्षा पास करने वाले सबसे कम उम्र के अभ्यर्थी हैं. उन्होंने 21 साल की उम्र में राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से आयोजित न्यायिक सेवा की परीक्षा पास की है. इस साल राजस्थान हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों की उम्र 23 साल से घटाकर 21 साल कर दी थी.


टॉप 10 में सेकेंड रैंक लानेवाली तानवी माथुर ने पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स किया है. उनके घर के कई सदस्य न्यायिक सेवा में पहले से ही हैं. तानवी के एक रिश्तेदार प्रमिल कुमार ज्यूडिशियल ऑफिसर हैं. और राजस्थान एसेंबली में सचिव के पद पर नियुक्त हैं. इसके अलावा उनके एक अन्य रिश्तेदार अजमेर में न्यायिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं. माथुर की मां राजस्व अधिकारी हैं. न्यायिक सेवा की परीक्षा में महिलाओं की कामयाबी से माथुर गर्वान्वित हैं.


टॉप 10 में प्रथम रैंक लानेवाले मयंक प्रताप सिंह ने 5 वर्षीय बीए एलएलबी राजस्थान यूनिवर्सिटी से किया है. मयंक कहते हैं, “मैंने सभी पेपर की अच्छी तरह से परीक्षा दी थी. मुझे कामयाब होने का भरोसा था. लेकिन ये मैंने नहीं सोचा था कि टॉप रैंक पाऊंगा.” टॉपर मयंक का कहना है कि उनके खानदान में कोई भी न्यायिक सेवा में नहीं है. जब परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तब उस वक्त वो सो रहे थे. और उस वक्त उनकी मां ने रात के ढाई बजे परीक्षा परिणाम के बारे में बताया.