नई दिल्ली: भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन ने अपने सफर का एक साल पूरा कर लिया है. ट्रेन के परिचालन से पहले ही इसकी काफी चर्चा थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 फरवरी को नई दिल्ली-वाराणसी के बीच ट्रेन के परिचालन का शुभारंभ किया था. इसके बाद 17 फरवरी, 2019 से ट्रेन की वाणिज्यिक सेवा शुरू हुई. एक साल में नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर चलने वाली ट्रेन एक बार भी रद्द नहीं हुई.
अधिकतम गति के लिए जानी जाती है वंदे भारत
सेमी हाई स्पीड ट्रेन आधुनिक सुविधा और तकनीक से लैस है. इसकी अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटे है. इसमें 16 वातानुकूलित कोच हैं. जिसमें दो कोच एक्जीक्यूटिव क्लास की है. सभी कोच ऑटोमेटिक डोर और GPS आधारित संचार तंत्र से लैस हैं. ट्रेन में यात्रियों के मनोरंजन के लिए वाई-फाई की सुविधा भी मुहैया करायी गयी है. 1128 यात्रियों की क्षमता वाली ट्रेन में सभी सीटों के बीच काफी स्पेस रखा गया है. ट्रेन में ड्यूल मोड में रोशनी का इंतजाम किया गया है. हर सीट के लिए अलग से लाइट की व्यवस्था है. भोजन के ले हर कोच में पेंट्री की सुविधा है.
नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर आठ घंटे में सफर
ट्रेन आठ घंटे में नई दिल्ली से वाराणसी के बीच दूरी तय करती है. सोमवार और वृहस्पतिवार को छोड़कर ट्रेन सप्ताह में पांच दिन चलती है. किसी कारणवश ट्रेन के एक घंटा विलंब होने पर यात्रियों को 100 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से मुआवजा मुहैया कराया जाता है. वंदे भारत के रखरखाव की जिम्मेदारी उत्तर रेलवे के दिल्ली मंडल की है. दिल्ली मंडल ने एक साल के सफर पूरा होने पर इसे शानदार बताया है. वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली स्वदेशी हाई-स्पीड ट्रेन है.
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