सुप्रीम कोर्ट के 6 जज पिछले दिनों H1N1 यानी स्वाइन फ्लू के शिकार हुए. इनमें से चार स्वस्थ होकर काम पर लौट आए हैं. 2 फिलहाल स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं. आज सुबह एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने 6 जजों के H1N1 से बीमार पड़ने की जानकारी द. इससे यह भ्रम फैल गया था कि 6 जज एक साथ बीमार हैं.
जज ने ही दी जानकारी
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने सुबह कहा था, “हमारे 6 साथी जज H1N1 के शिकार हुए हैं. हम सभी जजों ने चीफ जस्टिस के साथ बैठक कर उनसे अनुरोध किया कि कोर्ट में काम करने वाले वकीलों और बाकी सभी लोगों को रोग प्रतिरोधक टीकाकरण पर विचार किया जाए. इस बारे में हम लोग सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी बात करेंगे." इसके बाद यह भ्रम फैल गया कि 6 जज एक साथ बीमार पड़ गए हैं. लोग जानकारी जुटाने में लग गए कि कौन-कौन से जज आज अवकाश पर हैं.
स्वस्थ हो चुके हैं सभी जज
सुप्रीम कोर्ट के एक बेहद उच्च सूत्र ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि 6 जज H1N1 से पीड़ित जरूर हुए, लेकिन अलग-अलग समय पर. पिछले शनिवार और रविवार को हुए अंतरराष्ट्रीय ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस से पहले ही 4 जज स्वस्थ हो चुके थे और उन्होंने कॉन्फ्रेंस में हिस्सा भी लिया था. जज बीमार पड़ने पर एक-दो दिन की छुट्टी के बाद काम पर लौट आए थे. आज भी चारों जज अपना काम कर रहे हैं. एबीपी न्यूज़ को जानकारी मिली है कि बाकी 2 जज भी स्वस्थ हो चुके हैं. लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर अभी एक-दो दिन आराम कर रहे हैं. ये दोनों जज भी इसी हफ्ते काम पर वापस लौट आएंगे.
क्या है H1N1
H1N1 को सामान्य बोलचाल की भाषा में स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है. यह सूअरों में सामान्य रूप से पाया जाने वाला वायरस है, जो समय के साथ-साथ इंसानों में भी जुकाम और बुखार की वजह बनने लगा है. डॉक्टरों का मानना है कि सामान्य बुखार की तरह हल्के इलाज पर यह बीमारी ठीक हो जाती है. लेकिन जो लोग पहले से कमजोर हैं और बीमारी का इलाज भी नहीं करवाते उनके मामले में यह बीमारी जानलेवा हो जाती है.
चिंता की बात नहीं
अक्सर स्वाइन फ्लू का शिकार हुए सामान्य लोगों के मामले में यह पता भी नहीं चल पाता कि उनकी बीमारी क्या है. कुछ दिनों के इलाज में ठीक तो हो जाते हैं लेकिन जजों के स्वास्थ्य का चूंकि बहुत ज्यादा ख्याल रखा जाता है. इसलिए उनके बीमार पड़ने पर तमाम तरह की जांच करवाई जाती है. इसी वजह से यह पता चला कि 6 जज H1N1 से ग्रसित हुए हैं. हालांकि बीमारी चिंताजनक स्तर पर नहीं पहुंची थी.