बेटे कुमारस्वामी को फिर से CM बनाने के लिए एक्टिव हुए 89 साल के देवेगौड़ा, रुझानों के बीच बना रहे 3 रणनीति
कर्नाटक चुनाव परिणाम में रुझानों के नंबर को देखने के बाद 89 साल के देवगौड़ा खुद एक्टिव हो गए हैं. देवगौड़ा राज्य में एक बार फिर से जेडीएस की सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
कर्नाटक में चुनावी रुझानों में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर भी मजबूती से डटी हुई है. रुझानों के नंबर को देखने के बाद 89 साल के देवगौड़ा खुद एक्टिव हो गए हैं. देवेगौड़ा राज्य में एक बार फिर से जेडीएस की सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
कर्नाटक में जेडीएस की ओर से 2 बार उनके बेटे कुमारस्वामी मुख्यमंत्री रह चुके हैं. कुमारस्वामी 2006 में बीजेपी के समर्थन से और 2018 में कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे.
अंग्रेजी वेबसाइट डेक्केन हेराल्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया कि देवेगौड़ा उन उम्मीदवारों से संपर्क कर रहे हैं, जिनकी चुनाव में दावेदारी मजबूत है. इसके अलावा निवर्तमान विधायकों से भी देवेगौड़ा लगातार संपर्क में हैं.
देवेगौड़ा ने बेटे कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 3 रणनीति बनाई है. इसकी मॉनिटरिंग खुद कर रहे हैं. इसकी वजह 2019 में चुनाव बाद हुई टूट को माना जा रहा है.
1. जीटी देवेगौड़ा को सौंपा मैसूर की कमान- 2018 में चामुंडेश्वरी से सिद्धरमैया को हराने वाले पूर्व मंत्री जीटी देवेगौड़ा को मैसूर की कमान सौंपी गई है. जीटी मैसूर इलाके से जो भी विधायक जीतेंगे, उन्हें लेकर बेंगलुरु लेकर पहुंचेंगे.
जीटी को नतीजे आने तक मैसूर में ही रहने के लिए कहा गया है. मैसूर जेडीएस का गढ़ माना जाता रहा है. मैसूर में विधानसभा की कुल 8 सीटें हैं. पिछले चुनाव में जेडीएस को यहां 2 सीटें मिली थीं. देवेगौड़ा को इस बार 5 सीटें मिलने की उम्मीद है.
2. रेवन्ना संभाल रहे हैं हासन की कमान- एचडी देवेगौड़ा ने अपने बड़े बेटे एचडी रेवन्ना को हासन की कमान सौंपी है. रेवन्ना जीटी देवेगौड़ा की तरह ही हासन से जीतने वाले विधायकों से संपर्क साधे रहेंगे. जीत का सर्टिफिकेट मिलने के बाद सभी विधायकों को बेंगलुरु लेकर जाएंगे.
हासन में भी विधानसभा की कुल 8 सीटें हैं और यहां पर पिछले चुनाव में जेडीएस को 6 सीटें मिली थी. देवेगौड़ा को इस बार पुराने परफॉर्मेंस दोहराने की उम्मीद है. रेवन्ना पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और हासन में कार्यकर्तओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ है.
3. सरकार में तवज्जों का दिया आश्वासन- हेराल्ड के मुताबिक देवेगौड़ा ने सभी जिताऊ उम्मीदवार और निवर्तमान विधायकों को कुमारस्वामी का साथ नहीं छोड़ने का अनुरोध किया है. देवेगौड़ा ने कहा कि सरकार बनने के बाद सभी को उचित सम्मान और पद दिया जाएगा.
देवेगौड़ा ने कहा कि आप सभी कुमारस्वामी के नेतृत्व में अगर मजबूती के साथ खड़े रहते हैं, तो इसका असर सरकार बनाने पर पड़ेगा और आप सबको उसमें बड़ी भूमिका मिलेगी.
देवेगौड़ा को सरकार में आने की उम्मीद क्यों?
कर्नाटक चुनाव के बाद आए 10 में से 5 एग्जिट पोल ने त्रिशंकु विधानसभा होने का दावा किया है. पोल ऑफ एग्जिट पोल्स के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस को 102, बीजेपी को 91 और जेडीएस को 23 सीटें मिल सकती है.
पोल ऑफ एग्जिट पोल्स के बाद देवेगोड़ा को फिर से सरकार बनने की उम्मीद जग गई है. 2004, 2018 में देवेगौड़ा की पार्टी तीसरे नंबर पर होने के बावजूद कर्नाटक में सरकार बनाने में कामयाब रह चुकी है.
रुझानों में नंबर का उतार-चढ़ाव जारी
कर्नाटक की सभी 224 सीटों का रुझान लगभग-लगभग आ गया है. रुझान के नंबर लगातार बदल रहे हैं, जिससे सभी पार्टियों की धड़कने बढ़ी हुई है. ताजा रुझान में कांग्रेस को 112 सीटें, बीजेपी को 83 सीटें और जेडीएस को 18 सीटें मिलती दिख रही है.
अन्य को 4 सीटें मिलती दिख रही है. कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरुरत होती है. राज्य में पिछले 5 में से 3 चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था.