लखनऊ: एक जनवरी 2015 से 30 अक्तूबर 2019 के बीच यूपी में करीब 9703 नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. इन लड़कियों में से 988 लड़कियों को बलात्कार के बाद जान से मार दिया गया. यूपी सरकार ने बुधवार को विधानसभा में यह जानकारी दी.
बीएसपी एमएलए सुषमा पटेल ने जानकारी मांगी कि जनवरी 2015 से अक्तूबर 2019 के बीच बलात्कार और कत्ल के कितने मामले सामने आए हैं. उन्होंने सरकार से पूछा कि कितने मामले दर्ज किए गए हैं और कितने में चार्जशीट फाइल की गई है.
इस पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने जानकारी देते हुए बताया कि 9703 बलात्कार के मामले और 988 कत्ल के मामले इस दौरान दर्ज किए गए हैं. 25600 अपहरण और 2607 अन्य गंभीर अपराध भी दर्ज किए हैं हैं.
इंडिया गेट के पास युवक ने खुद को लगाई आग, पुलिस का दावा- CAA से कुछ लेना-देना नहीं
नाबालिगों के साथ बलात्कार के 9703 मामलों में से 1105 मामलों में आरोपियों पर दोष सिद्ध हुआ. 121 और 118 आरोपियों को क्रमश: कत्ल और दूसरे गंभीर अपराधों में दोषी पाया गया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 189 रेप, 20 कत्ल, 1704 अपहरण और 76 अन्य गंभीर अपराधों के मामले अभी कोर्ट में हैं. पिछले हफ्ते ही कैबिनेट ने 218 फास्टट्रैक कोर्ट बनाए जाने की घोषणा की थी ताकि बच्चों और महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों की त्वरित सुनवाई हो.
कानून व्यवस्था के मामले पर घिरती सरकार
यूपी में योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 में सीएम पद की शपथ ली थी और अपराधियों के खिलाफ कड़ी नीति अपनाई थी. उन्होंने कई बार कहा कि हमने पुलिस के हाथ खोल दिए हैं. अपराधी या तो जेल में रहेंगे या फिर उन्हें प्रदेश छोड़ना होगा.
केरल नगरपालिका उपचुनाव: एलडीएफ और यूडीएफ को 12-12 सीटें, बीजेपी भी दो सीटों पर जीती
पुलिस ने भी एक के बाद एक एनकाउंटर किए और इनमें से कई मुठभेड़ों पर सवाल भी उठे. कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं जिनमें हाथ में तख्ती लेकर सरेंडर करते अपराधी दिखाई दिए.
तमाम कवायदों के बाद भी प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति के ये आंकडे काफी चौंकाने वाले हैं. हालांकि 2015 से 2017 तक समाजवादी पार्टी का प्रदेश में शासन था और वर्तमान आंकडों में उस वक्त के आंकडे भी शामिल हैं.