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पाकिस्तान के मुहाजिर नेता ने मांगी भारत से शरण, जताई ये ख्वाहिश

भारत की दमदार होती छवि का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान के एक नेता ने भारत से शरण मांगी है. उन्होंने कहा कि भारत में मेरे खानदान के कई लोग दफन हैं. मैं उनकी कब्रों पर जाना चाहता हूं.

नई दिल्ली: पड़ोसी देश पाकिस्तान के मुतहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने भारत से शरण मांगी है. अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करते हुए कहा," उनकी पार्टी के दफ्तर और घर को घेर लिया गया है. और पाकिस्तान में सत्ता के खिलाफ सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ना मुमकिन नहीं है. अगर आप हमें शरण या आर्थिक मदद देंगे तो मैं अपने केस को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जा सकता हूं. मेरे पास अपने केस को अंतरार्ष्ट्रीय न्यायालय ले जाने के लिए पैसे नहीं हैं. इसलिए आप अपने लोगों से कोर्ट फीस देने की अपील करें. मैं सिंधिंयों, ब्लूचों और मुहाजिरों के पक्ष में अकेले अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में लड़ने की क्षमता रखता हूं."

अल्ताफ हुसैन ने की अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना

सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत में जो लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए. उन्होंने तो यहां तक कहा, "भारत की वर्तमान सरकार को हिंदू राज स्थापित करने का अधिकार है."

अल्ताफ हुसैन के निशाने पर असददुद्दीन ओवैसी 

अल्ताफ हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असददुद्दीन ओवैसी के बयान का भी विरोध किया. अल्ताफ ने ओवैसी पर निशाना साधते हुए हिंदुस्तान छोड़कर पाकिस्तान में रहने की सलाह दी है. अपनी पार्टी के फेसबुक पेज पर उन्होंने शरण देने पर भारत की राजनीति में दखल नहीं देने का वादा किया है. उन्होंने कहा,”मेरे घर के कई सदस्य भारत में दफन हैं. मैं उनकी कब्रों पर जाना चाहता हूं.”

अल्ताफ हुसैन फिलहाल कड़ी शर्तों के साथ जमानत पर बाहर हैं

पाकिस्तान की राजनीति में अल्ताफ हुसैन शक्तिशाली व्यक्ति हैं. इस वक्त अल्ताफ ब्रिटेन में निर्वासित जीवन बीता रहे हैं. उन पर आरोप है कि अपने भाषण के जरिए चंद साल पहले उन्होंने पाकिस्तान में अपने कार्यकर्ताओं को आतंकवाद पर उकसाया था. और तभी से अल्ताफ हुसैन फिलहाल कड़ी शर्तों के साथ जमानत पर हैं. फिलहाल उनके भाषण से जमानत की शर्तों पर क्या असर पड़ेगा, कहा नहीं जा सकता.

भारत से पाकिस्तान से गये साथियों के साथ अल्ताफ हुसैन ने 1978 में ऑल पाकिस्तान मुजाहिर स्टूडेंस ऑर्गेनाइजेशन बनाया. जिससे 1984 में मुहाजिर कौमी मूवमेंट का उदय हुआ. उसके बाद 1997 में इसका नाम बदलकर मुतहिदा कौमी मूवमेंट कर दिया गया. कराची में इस पार्टी का बहुत बड़ा जनाधार है. एमक्यूएम पाकिस्तान में भारत से निर्वासित उर्दू बोलने वाले लोगों की पार्टी है.

अल्ताफ हुसैन का भारत प्रेम सिर्फ इस बार नहीं जागा है बल्कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद उन्होंने जहां से अच्छा गाकर सुर्खियां बटोरी थीं.

ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान से किसी ने भारत में रहने की इच्छा जताई है. इससे पहले नेताओं, कलाकारों और धार्मिक नेताओं की तरफ से भारत विरोध को ही देखा गया है. जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त को धारा 370 के निष्प्रभावी बनाये जाने के बाद पाकिस्तान तो बौखलाया हुआ है. और इसी बौखलाहट में प्रधानमंत्री इमरान खान, उनकी पार्टी के नेता और मंत्री भारत को आंखें तरेर रहे हैं. भारत को विश्व मंच के पटल पर बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं छोड़ रहे. लेकिन इसी बीच वहां की एक राजनीतिक पार्टी के संस्थापक ने कुछ किया जिससे भारत की दुनिया में दमदार छवि को बल मिला है.

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