नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नोटिस जारी किया है कि इस महीने के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी की झुग्गी बस्तियां हटा दी जाएंगी जिससे झुग्गीवासियों में चिंता बढ़ गई है. आप ने कहा है कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. दिल्ली बीजेपी ने हालांकि आरोपों को खारिज कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रेलवे भूमि के आसपास की झुग्गियां हटाने को लेकर आम आदमी पार्टी के आरोप से ज्यादा गलत और निंदनीय कुछ नहीं हो सकता.


आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा, ‘‘जब तक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जीवित हैं, तब तक दिल्ली में किसी भी झुग्गी में रहने वाले को विस्थापित नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह एक योजना बना रहे हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि झुग्गी वासियों के घरों को कोई गिराए नहीं.’’


48,000 'झुग्गियों' को हटाने का निर्देश
अदालत ने एक हालिया आदेश में तीन महीने के भीतर दिल्ली में रेलवे पटरियों के आसपास से लगभग 48,000 'झुग्गियों' को हटाने का निर्देश दिया था. चड्ढा ने कहा कि आप दिल्ली में किसी भी झुग्गी को नहीं गिराने देगी और अगर जरूरत पड़ी तो वह उच्चतम न्यायालय जाएगी और इस तरह के कदमों के खिलाफ सड़कों पर भी लड़ाईयां लड़ने को वह तैयार है.


बीजेपी ने साधा आप पर निशाना
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने चड्ढा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रेल पटरियों के आसपास बनीं झुग्गियों को गिराने के खिलाफ चड्ढा के आरोप से ज्यादा गलत और निंदनीय कुछ नहीं हो सकता.


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा,‘‘दिल्ली सरकार ने अदालत में 48,000 'झुग्गी' निवासियों के लिए कभी भी कोई लड़ाई नहीं लड़ी और अब भी जब वे राजीव रतन आवासीय योजना के तहत खाली पड़े 50,000 से अधिक आवास देकर झुग्गी वासियों की मदद कर सकते हैं, तो राघव चड्ढा जैसे आप नेता आवास आवंटित करने के बजाय कानूनी प्रक्रिया को लेकर उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.”


बीजेपी ने कहा- गंदी राजनीति करना बंद करना चाहिए
कपूर ने आगे कहा कि आप नेताओं को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जुड़े इस मुद्दे पर गंदी राजनीति करना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल को पत्र लिखकर मांग की थी कि वे 'झुग्गी' के निवासियों के लिए खाली पड़े फ्लैटों का आवंटन करें और हम अपनी मांग दोहराते हैं.


रेलवे सुरक्षा ज़ोन में सबसे पहले अतिक्रमण हटाया जाए- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि ये झुग्गी बस्ती हटाने के लिए चरणबद्ध तरीक़े से काम किया जाए और रेलवे सुरक्षा ज़ोन में सबसे पहले अतिक्रमण हटाया जाए, जो कि तीन महीने में पूरा कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनैतिक दबाव और दख़लंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.