Ajit Pawar Praises PM Modi: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार का इस वक्त एक भी बयान काफी मायने रखता है. बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच उनके हर एक बयान पर सभी की नजरें हैं. इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है. उनका कहना है कि बीजेपी को साल 2014 और 2019 में केवल पीएम मोदी की वजह से ही जीत मिली थी.
अजित पवार ने पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ में मराठी अखबार सकाल के कार्यक्रम में कहा कि नरेंद्र मोदी का करिश्मा है. अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से जो मुमकिन नहीं हुआ वो नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया. 1984 के बाद साल 2014 में देश में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह को सरकार बनाने के लिए अन्य दोनों का सहारा लेना पड़ा, लेकिन 2014 में मोदी ने करिश्मा कर दिखाया.
'पीएम मोदी के आगे नहीं दिखता दूसरा नाम'
पवार ने आगे कहा कि इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन अब उनके (मोदी) बाद कौन का सवाल जब आता है तो कोई दूसरा नाम नजर नहीं आ रहा है. जब उनसे सवाल किया गया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को उपमुख्यमंत्री का पद इतना पसंद क्यों है? इसपर उन्होंने कहा कि एसीपी को उपमुख्यमंत्री पद का आकर्षण नहीं. साल 2004 में सीएम का पद मिले उतनी सीट, उतना आशीर्वाद महाराष्ट्र की जनता ने हमे दिया था, लेकिन राजनीतिक जीवन में कुछ फैसले बड़े लेवल पर बैठे हुए नेता लेते हैं, जिनके फैसले को आपको मानना होता है.
उन्होंने कहा कि साल 2004 में एनसीपी को 71 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 69 सीटें मिली थी. कांग्रेस के नेता यह मान चुके थे कि मुख्यमंत्री का पद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास जाएगा, लेकिन दिल्ली में क्या हुआ नहीं पता. हमें आदेश आया कि हमारे पास उपमुख्यमंत्री का पद रहेगा और फिर सभी लोगों ने मिलकर आरआर पाटिल को उपमुख्यमंत्री चुना. 2004 के बाद हम हमेशा नंबर 2 पर रहे. कांग्रेस के पास ज्यादा सीटें रही, इसलिए हमेशा मुख्यमंत्री उनका हुआ और उपमुख्यमंत्री का पद हमारे पास रहा.
मुख्यमंत्री पद को लेकर क्या बोले अजित पवार
जब अजित पवार से पूछा गया कि क्या वह 2024 में मुख्यमंत्री पद के लिए दावा करेंगे. इसपर उन्होंने कहा कि 2024 क्यों अगर आप अभी कहें तो भी वह तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वह 100 प्रतिशत महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना पसंद करेंगे. अजित पवार का यह बयान ऐसे समय आया जब उनकी बीजेपी से करीबी बनाने की अटकलें महाराष्ट्र की सियासत में जोर पकड़ रही हैं. बड़ी खबर यह भी है कि वह शुक्रवार (21 अप्रैल) को मुंबई में एनसीपी के एक दिवसीय सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए.
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