हिजाब पर सुप्रीम फैसले के बीच, पीएफआई पर एक बार फिर रेड
PFI Raid: इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय ने तमिलनाडु और केरल समेत कुल 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छामेमारी की थी.
PFI Raid: हिजाब विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा. सुबह 10.30 बजे जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच फैसला सुनाएगा. सुप्रीम फैसले के बीच पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर एक बार फिर रेड पड़ी है. पीएफआई के मंगलौर के सूरतकल, उल्लाल से 5 लोगों को हिरासत में लिए गए हैं.
एनआईए ने की थी छामेमारी
इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय ने तमिलनाडु और केरल समेत कुल 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छामेमारी की थी. इस छापेमारी में 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया.
टेरर फंडिंग के मिले थे सबूत
बता दें कि एनआईए को पता चला था कि पीएफआई टेरर फंडिंग, ट्रेनिंग कैम्प जहां हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. इसके साथ ही नौजवानों को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जॉइन करने के लिए उकसा रहे थे. इसको लेकर ये रेड की गई थी. एनआईए ने पहले ही ये मुकदमे दर्ज किए थे और जांच के बाद सबूत मिलने पर बैन की कार्रवाई की गई.
तलाशी में मिले थे कई दस्तावेज
वहीं, आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में एनआईए ने तेलंगाना में 38 स्थानों और आंध्र प्रदेश में दो स्थानों पर की गई तलाशी ली थी. अधिकारियों ने इस अभियान के दौरान डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, दो खंजर और 8.31 लाख रुपये से अधिक नकदी सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है. इस मामले में पीएफआई के खिलाफ 4 जुलाई को तेलंगाना के निजामाबाद में मामला दर्ज कराया गया था. राज्य पुलिस ने जांच के दौरान चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
बाद में एनआईए ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए 26 अगस्त को फिर केस दर्ज किया. एनआईए के मुताबिक संगठन से जुड़े ये लोग आतंकी कृत्यों को अंजाम देने और धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे थे.
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