Arvind Kejriwal Arrested: केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में वकील सिंघवी की कोर्ट में जोरदार बहस, जानें क्या कहा
Arvind Kejriwal Arrested: कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल की तरफ से 3 वकीलों ने दलील रखी. इस दौरान वकीलों ने ईडी की कार्रवाई का विरोध किया और केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए.
Arvind Kejriwal Arrested: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें शुक्रवार (22 मार्च) को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में केजरीवाल के 3 वकीलों और ईडी अधिकारियों के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान ईडी ने केजरीवाल पर जांच में सहयोग न करने, पूरे भ्रष्टाचार की कहानी रचने और भ्रष्टाचार में मिले पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में करने के आरोप लगाए.
केजरीवाल की तरफ से 3 वकीलों के पेश होने पर भी ईडी ने विरोध जताया. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी ने ईडी की रिमांड का विरोध किया. उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल के खिलाफ जांच एजेंसी के पास सीधा सबूत नहीं है.
राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल के वकीलों की तरफ से दिए गए ये तर्क
- ईडी ने 10 दिन की रिमांड मांगी थी. इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि रिमांड यूं ही नहीं मिल जाती इसके लिए कोर्ट को संतुष्ट करना पड़ता है.
- केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि गिरफ्तार करने की शक्ति होने का मतलब यह नहीं कि आपके पास गिरफ्तार करने की अनिवार्यता है.
- सिंघवी ने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी लगातार 3-4 नाम उछाल रही है. सभी मामलों में पैटर्न बिल्कुल एक जैसा है. यह पहली बार है, जब किसी राजनीतिक पार्टी के टॉप नेताओं की गिरफ्तारी हुई है और सिटिंग मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तार किया गया हो.
- सरकारी गवाह के बयान पर सिंघवी ने कहा कि गवाह सबसे बदकिस्मत दोस्त हो सकता है, जिसने अपनी आजादी के लिए सौदा किया हो. उन्होंने कहा कि ईडी का अब नया तरीका है. पहले गिरफ्तार करो, फिर उनको सरकारी गवाह बनाकर मनमाफिक बयान हासिल करो. इसके एवज में उन्हें जमानत मिल जाती है. जो लोग सरकारी गवाह बन जाते है, अगले दिन उनकी पीठ में दर्द हो जाता है. ईडी तब उनकी जमानत अर्जी का विरोध नहीं करती है.
- सिंघवी ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि गिरफ्तारी का आधार क्या है? गवाहों के बयान? राजू का बयान दर्ज है कि हमें केजरीवाल की हिरासत की जरूरत नहीं है. संपूर्ण रिमांड आवेदन गिरफ्तारी नोट की कॉपी है. मार्च 2024 में केजरीवाल को गिरफ्तार करने का मतलब क्या है. मैं समझता हूं कि आपको तत्काल प्रकृति की किसी चीज की आवश्यकता है.
- केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकसभा चुनाव से जोड़ते हुए सिंघवी ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे पहला वोट डालने से पहले ही आपको नतीजे पता चल गए हों. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले हैं, चुनाव के लिए नॉन लेवल फील्ड बनाया जा रहा है. लोकतंत्र में समान अवसर होने चाहिए. केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं है. सभी बड़े नेता जेल में हैं. चुनाव नजदीक हैं. इससे संविधान की मूल संरचना प्रभावित होती है. इसका असर लोकतंत्र पर पड़ता है.
- सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर कहा कि जांच में शामिल अब तक 50 फीसदी लोगों ने केजरीवाल का नाम नहीं लिया. वहीं 82 फीसदी लोगों ने केजरीवाल के साथ किसी डीलिंग का जिक्र नहीं किया. आप उन्हें बिना किसी कारण के गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं, पीएमएलए अभी भी भारत का अधिनियम है, किसी अन्य देश का नहीं.
- सिंघवी ने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि शरद रेड्डी को गिरफ्तार भी इसलिए किया गया कि वो केजरीवाल का नाम नहीं ले रहा था. उसने विजय नायर को कोई पैसा नहीं दिया..ये बयान दो साल पहले 9 सितम्बर 2022 को दिया गया था.
- सिंघवी ने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा केजरीवाल के पास जांच एजेंसी के पास सीधा सबूत नही है. आपको ये बताना है कि अगर कोई घोटाला हुआ भी तो उससे केजरीवाल कैसे जुड़े हैं. पिछले 2 साल में सीधे तौर पर मेरे पास से कुछ नहीं मिला. पुराने तथ्यों पर अब गिरफ्तार कर रहे हैं. जब दिल्ली हाई कोर्ट में समन को चुनौती दी गई तो ईडी ने समय मांगा और अगले दिन केजरीवाल ने गिरफ्तारी से संरक्षण मांगा तो भी ने जवाब देने के लिए समय मांगा और उसके कुछ ही देर बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने पहुंच गए. उन्होंने कहा कि ये अदालत किसी रबर स्टाम्प की तरह काम नहीं कर सकती..जितनी रिमांड मांगी जाए उतनी दे दी जाए.
- विक्रम चौधरी ने कहा कि केजरीवाल को अब तक 9 समन दिए गए और सभी का जवाब मैंने दिया. अरविंद केजरीवाल को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया है, इससे ईडी की जल्दबाजी पता चल रही है. ईडी के रिमांड पेपर में इनकी जल्दबाजी दिख रही है. रिमांड की शुरुआती लाइन ही ईडी की दलील पर सवाल खड़े करती है. आप प्रमुख या मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा था.
- केजरीवाल के वकीलों ने पूछा कि इनके पास से क्या मिला ये सवाल है? इनकी कहीं हुई बातों पर कैसे विश्वास कर लें? गिरफ्तार करना क्यों जरूरी था? अगर आपके पास अक्टूबर 2023 से सारे सबूत और तथ्य हैं तो तब क्यों नहीं गिरफ्तार किया, अब मार्च 2024 में क्यों किया? अगर सब तथ्य हैं तो अब गिरफ्तारी की क्या जरूरत है?
- केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी कहती है कि उनके पास मेरे खिलाफ सारी सामग्री थी, तो फिर आपने आचार संहिता लागू होने तक इंतजार क्यों किया? क्या आप इसका इंतजार कर रहे थे? चुनाव में भाग लेना एक राजनेता का अधिकार है. अंत में केजरीवाल के वकीलों ने रिमांड प्रार्थना को खारिज करने के लिए आवेदन दायर किया.
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