अचानक इस ईसाई बहुल देश ने डिफेंस बजट बढ़ाने का लिया फैसला, 1 अरब डॉलर करेगा खर्च, किन देशों की बढ़ी चिंता
रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया अगले चार सालों में अपने रक्षा खर्च में 10.6 बिलियन (लगभग 6.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का इजाफा करेगा.

ऑस्ट्रेलिया ने अपने रक्षा खर्च में 1 बिलियन डॉलर (करीब 5,500 करोड़ रुपये) का इजाफा करने का ऐलान किया है. यह बढ़ा हुआ खर्च अगले मंगलवार को आने वाले यूनियन बजट में शामिल होगा. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य देश की सैन्य ताकत को बढ़ाना है.
रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने बताया कि यह कदम ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है. इसमें गाइडेड वेपन्स (नियंत्रित हथियारों), AUKUS पनडुब्बी बेस का निर्माण और फ्रिगेट (जंगी जहाज) प्रोग्राम भी शामिल हैं. इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया अपने सबसे बड़े नौसैनिक बेस HMAS स्टर्लिंग को तैयार करेगा, जहां भविष्य में अमेरिकी और ब्रिटिश पनडुब्बियां तैनात होंगी.
अमेरिका से बढ़ता दबाव
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऑस्ट्रेलिया सहित अपने सहयोगी देशों से रक्षा खर्च बढ़ाने का दबाव डाला है. इस दबाव के चलते ऑस्ट्रेलिया ने अपने रक्षा बजट में इस तरह का बड़ा इजाफा करने का फैसला किया है.
रक्षा बजट में भारी वृद्धि
मार्ल्स के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया अगले चार सालों में अपने रक्षा खर्च में 10.6 बिलियन (लगभग 6.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का इजाफा करेगा. यह पहले से घोषित 50 बिलियन के रक्षा पैकेज का हिस्सा है, जो अगले दस सालों में बढ़ाया जाएगा. मार्ल्स ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा रक्षा खर्च बताया.
जल्दी खर्च किया जाएगा 1 बिलियन डॉलर
इस बजट में 1 बिलियन को जल्दी खर्च करने का भी ऐलान किया गया है. इसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया की सैन्य ताकत को जल्द से जल्द बढ़ाना है, ताकि किसी भी संकट का सामना जल्दी और प्रभावी तरीके से किया जा सके. इसके तहत ऑस्ट्रेलिया गाइडेड वेपन्स और एक्सप्लोसिव्स एंटरप्राइज को जल्दी स्थापित करेगा और पनडुब्बी कार्यक्रम को भी तेज़ी से आगे बढ़ाएगा,
HIMARS और नई मिसाइलें भी होंगी शामिल
ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में 42 HIMARS (हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम) लॉन्चर गाड़ियां अमेरिका से मंगवाई हैं. यह सिस्टम यूक्रेन युद्ध में भी इस्तेमाल हुआ था और ऑस्ट्रेलिया के लिए यह क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मददगार साबित होगा. इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया को 500 किलोमीटर की रेंज वाली प्रिसिशन स्ट्राइक मिसाइल्स भी मिलेगी, जो HIMARS के साथ इस्तेमाल की जाएगी.
क्या है AUKUS और क्यों है अहम?
AUKUS एक सैन्य समझौता है, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया में अमेरिकी और ब्रिटिश पनडुब्बियां तैनात होंगी. यह कदम ऑस्ट्रेलिया की रक्षा शक्ति को बढ़ाने और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लिया जा रहा है. साल 2027 से चार अमेरिकी और एक ब्रिटिश पनडुब्बी ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े नौसैनिक बेस, HMAS स्टर्लिंग में घूमेंगी.
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