बेंगलुरु: 10 साल से कम उम्र के बच्चे कोरोना की जांच में पाए जा रहे पॉजिटिव, बढ़ते मामलों ने बढ़ाई चिंता
कोरोना वायरस संक्रमण से बच्चों को ज्यादातर सुरक्षित माना जाता था, लेकिन बेंगलुरू में मामलों ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि अगर स्थिति नियंत्रण में नहीं रही, तब शहर में लॉकडाउन लगाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प सरकार के पास नहीं होगा.
कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती संख्या के बीच बेंगलुरू में 10 साल से कम उम्र के ज्यादा बच्चे पॉजिटिव हो रहे हैं. इस महीने उस उम्र ग्रुप के 472 बच्चे कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं और सप्ताह की छुट्टियों के दिन तादाद 500 पार कर सकती है. कोरोना पॉजिटिव कुल 472 बच्चों में से 244 लड़के और 228 लड़कियां हैं.
बेंगलुरू में बच्चे हो रहे कोरोना वायरस से संक्रमित
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने बच्चों पर सख्त असर डाला है क्योंकि ज्यादातर समय बाहर बीत रहा है. सामान्य तौर पर परिवारों के आने जाने से ट्रांसमिशन की संभावना में इजाफा हो गया है. कोविड-19 पर कर्नाटक के तकनीकी सलाहकार समिति के एक सदस्य का कहना है कि उन्हें बच्चों में संक्रमण की बढ़ती संख्या से हैरानी नहीं हुई.
एक साल पहले बच्चों में इस तरह के मामले नहीं थे क्योंकि बच्चे वायरस के संपर्क में नहीं आए थे. लॉकडाउन के दौरान उन्हें घरों में कैद कर दिया गया. अब बच्चे पार्क जाते हैं या अपार्टमेंट के सामान्य क्षेत्र में खेलते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि बच्चों से भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को फेस मास्क पहनाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना बहुत मुश्किल है.
मंत्री ने लॉकडाउन की आशंका को नहीं किया रद्द
मार्च के पहले सप्ताह में बृहत महानगर पालिका ने 8-11 कोविड-19 के मामले एक दिन में 10 साल से कम उम्र के बच्चों में दर्ज किए. पिछले सप्ताह मामला बढ़कर 32 से 46 रोजाना हो गया. सूबे के स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी होती रही, तब आनेवाले दिनों में बेंगलुरू को लॉकडाउन देखना पड़ सकता है.
सरकार ने संक्रमण को काबू में करने के लिए पहले ही कई जगहों पर नियम सख्त कर दिए हैं. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने जोर दिया कि सरकार के पास संक्रमण की स्थिति में कमी नहीं होने पर लॉकडाउन लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. उन्होंने लोगों के आत्मसंतुष्ट व्यवाहर पर भी ये कहते हुए नाराजगी जताई कि बार-बार अपील के बावजूद लोग कोविड-19 गाइडलाइन्स को अनदेखा कर रहे हैं.
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