Know All About Bharat Gaurav Private Train: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने भारत गौरव स्कीम (Bharat Gaurav Scheme) के तहत प्राइवेट ट्रेन की चलाने की शुरुआत कर डाली है. मंगलवार 14 जून को ये भारत गौरव ट्रेन कोयंबटूर उत्तर (Coimbatore North) से शाम को साईंनगर शिरडी (Sai Nagar Shridi ) के लिए चली और गुरुवार 16 जून को सुबह साईनगर शिरडी पहुंची. यह पहली भारत गौरव ट्रेन केंद्र सरकार के डोमेस्टिक टूरिज्म के प्रमोशन के लिए चलाए जा रहे अभियान 'देखो अपना देश' के तहत की गई पहल है. यह पहली प्राइवेट ट्रेन ( Private Train) किस तरह से खास है और क्या हैं इसकी खूबियां ये हम यहां आपको बता रहे हैं. 


पहली प्राइवेट ट्रेन चलाने वाला पहला जोन बना रेलवे का दक्षिणी जोन 


भारतीय रेलवे के दक्षिणी जोन  (Southern Railway) ने 14 जून मंगलवार को भारत गौरव योजना के तहत देश की पहली निजी तौर ( Private) पर चलने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. इसके साथ ही रेलवे के इस जोन को भारत गौरव योजना के तहत भारतीय रेलवे में रजिस्टर सर्विस प्रोवाइड करने वाले पहला जोन होने का गौरव प्राप्त हुआ है. 


भारत गौरव राउंड की पहली ट्रिप


कोयंबटूर नार्थ से शिरडी (Shirdi) साईं नगर के लिए पहली राउंड ट्रिप सर्विस में लगभग 11,000 यात्री सवार हुए. मंगलवार 14 जून को ये भारत गौरव ट्रेन कोयंबटूर उत्तर (Coimbatore North) से साईनगर शिरडी के लिए शाम 6 बजे चली और गुरुवार 16 जून 2022 को सुबह  07:25 बजे साईंनगर शिरडी पहुंची हैं. शिरडी पहुंचने से पहले ट्रेन अपने निर्धारित स्टॉपेज में  तिरुपुर, इरोड, सेलम जोलारपेट, बेंगलुरु येलहंका, धर्मावरा, मंत्रालयम रोड और वाडी स्टेशन पर रुकी. यहां एक दिन यानि 17 जून के हॉल्ट के बाद यह 18 जून शनिवार को वापस कोयंबटूर नॉर्थ के लिए रवाना होगी.


कौन चला रहा है पहली भारत गौरव ट्रेन 


साउथ स्टार रेल (South Star Rail) रजिस्टर्ड सर्विस प्रोवाइडर है जो इस ट्रेन का चलाता है. भारत गौरव योजना (Bharat Gaurav Scheme) के तहत चलाई गई इस ट्रेन को  रेलवे ने इस सर्विस प्रोवाइडर को 2 साल के लिए लीज पर दिया है. यह कोयंबटूर स्थित स्वतंत्र अस्तिव वाली एक पंजीकृत कंपनी है जो फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ग्रुप (Future Gaming & Hotel Services Pvt Ltd.) का हिस्सा है. रेल मंत्रालय के मुताबिक इस सर्विस प्रोवाइडर ने  20 कोच की इस प्राइवेट ट्रेन को चलाने के लिए दक्षिण रेलवे को सिक्योरिटी मनी के तौर पर 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. इसके अलावा कंपनी ने उपयोग के अधिकार शुल्क के लिए 27.79 लाख रुपये और तिमाही ढुलाई शुल्क के तौर पर 76.77 लाख रुपये का भुगतान किया है. इसके अलावा, वर्तमान राउंड ट्रिप के लिए 38.22 लाख रुपये के चर ढुलाई शुल्क (Variable Haulage Charges) भी वसूल किए गए हैं. इस कपंनी से वसूले गए सभी शुल्कों में जीएसटी शामिल नहीं है.   


क्या मिलेगा प्राइवेट ट्रेन के यात्रियों को


भारत गौरव स्कीम की तहत चलाई गई इस ट्रेन में एक फर्स्ट एसी कोच, तीन टू टियर एसी कोच और आठ थ्री टियर कोच के साथ पांच स्लीपर क्लास कोच हैं. रेलवे पुलिस बल (RPF) के साथ प्राइवेट सिक्योरिटी के साथ किसी भी आपात स्थिति निपटने के लिए बोर्ड पर एक डॉक्टर भी होगा. इस सर्विस प्रोवाइडर ने कोचों के अंदरूनी हिस्सों का नवीनीकरण किया है और सभी कोचों में चौबीसों घंटे सफाई कर्मचारी हैं तो यात्रियों को एक अच्छा अनुभव देने के लिए सर्विस प्रोफेशनल्स की पूरी टीम की तैनाती भी की गई है. रेलवे मंत्रालय के मुताबिक इस ट्रेन के सभी कोच में लगातार बातचीत के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है. इसमें भक्ति गीतों के साथ ही मंत्र चलते रहेंगे. 


ये हैं प्राइवेट ट्रेन की स्पेशल सर्विस


दक्षिण रेलवे (Southern Railway) से मिली जानकारी के मुताबिक इसके तहत ये सर्विस प्रोवाइडर एक पैकेज फेयर (Package Fare ) भी भी दे रहा है, जिसमें कोयंबटूर से शिरडी और वापस जाने के लिए परिवहन, वीआईपी दर्शन, बस व्यवस्था, वातानुकूलित आवास, टूर गाइड की सुविधा शामिल है. इस ट्रेन के पैसेंजर्स के लिए शिरडी साईं बाबा (Shirdi Sai Baba Temple) मंदिर में विशेष वीआईपी दर्शन करने की सुविधा भी है. अपनी इस राउंड ट्रिप में भारत गौरव ट्रेन मंत्रालयम रोड स्टेशन पर पांच घंटे तक रुकेगी. यहां इस दौरान यात्री मंत्रालय मंदिर के दर्शनों कर पाएंगे.  रेलवे  मंत्रालय का कहना है कि इस ट्रेन की राउंड ट्रिप को इस तरह से शेड्यूल किया गया है कि इसके यात्रियों को भारत की मशहूर ऐतिहासिक स्थलों को देखने का मौका मिल पाएगा. इससे वे भारत की महान सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने-समझने का मौका मिलेगा. 


भारत गौरव नीति क्या है ?


भारत गौरव नीति ( Bharat Gaurav Policy) बीते साल नवंबर में शुरू की गई थी. इसके जरिए प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को थीम-आधारित सर्किट पर ट्रेनों का संचालन करने की अनुमति दी गई है. इस नीति के तहत कोई भी ऑपरेटर या सेवा प्रदाता, या वस्तुतः कोई भी, विशेष पर्यटन पैकेज के रूप में थीम-आधारित सर्किट पर चलने के लिए भारतीय रेलवे से ट्रेनों को पट्टे पर ले सकता है.  इसके तहत कम से कम दो वर्ष और कोच के अधिकतम कोडल लाइफ के आधार पर ट्रेनों को पट्टे पर दिया जाता है. इसके तहत ऑपरेटर को रूट, स्टॉपेज, सर्विस प्रोवाइड करने सबसे अहम टैरिफ तय करने की आजादी है.


गौरतलब है कि आईआरसीटीसी (IRCTC) भी ऐसी थीम-आधारित पर्यटक ट्रेनें जैसे रामायण एक्सप्रेस आदि चलाती हैं. ऐसे पैकेज्ड टूर में, आमतौर पर यात्री एक जगह पर रुकते हैं, होटलों में ठहरते हैं, दर्शनीय स्थलों की यात्रा करते हैं और ये सभी टूर ऑपरेटरों कराते हैं. भारत गौरव नीति ऑपरेटर को भी कुछ इसी तरह के बिजनेस मॉडल का प्रस्ताव देती है. इसके तहत रेलवे ने फैक्ट्री-डिजाइन 3,033 पारंपरिक इंटीग्रल कोच निर्धारित किए हैं. इन कोच को पट्टे पर लेने के लिए कोई भी रेलवे से संपर्क कर सकता है. अगर ऑपरेटर को सही लगता है,तो वह भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाइयों से रैक खरीद कर उन्हें चला भी सकता है. इस तरह की हर ट्रेन में एसएलआर या दो गार्ड कोच सहित 14 से 20 कोच होंगे. हालांकि बाकी की सेवाओं का पूरा ध्यान प्राइवेट ऑपरेटर को रखना होगा. जिसमें  होटल में ठहरने, स्थानीय व्यवस्था आदि जैसी सेवाएं आती हैं. हालांकि इन ट्रेनों को साधारण परिवहन ट्रेनों की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. 


इस स्कीम में भारतीय रेलवे की भूमिका 


भारतीय रेलवे इस तरह की ट्रेनों को चलाने के लिए स्टाफ, गार्ड और कोचों के लिए बोर्ड पर मेंटेनेंस स्टाफ उपलब्ध कराएगा. अन्य स्टाफ, जैसे हाउसकीपिंग और कैटरिंग, आदि को ऑपरेटर को खुद तैनात करना होगा. ऑपरेटर को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके नेटवर्क में ट्रेन को सुरक्षित और कुशलता से चलाने के लिए पूरा बुनियादी ढांचा मौजूद हो. रेलवे राजधानी और प्रीमियम ट्रेनों की तरह अपने रेलवे ट्रैक्स पर इन ट्रेनों के संचालन को भी प्राथमिकता देगा, ताकि नियमित ट्रेनों के लिए रास्ता बनाने के लिए इन ट्रेनों को रोका या किनारे न किया जाए.


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