Bihar Liquor Ban News: बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब पीने से अब तक काफी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. शराब के कारण होने वाली मौतों को लेकर नीतीश ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा, शराबबंदी करने के बाद से कुछ लोग मेरे खिलाफ हो गए हैं लेकिन हमने हमेशा लोगों की और महिलाओं की बात सुनी. लोग यह भूल गए हैं कि यह सर्वसम्मति से लागू हुआ है. इसमें किसी पार्टी का विरोध था क्या? सत्ता और विपक्ष दोनों की सहमति से लागू हुआ है. उन्होंने आगे कहा, यह ऐसा नहीं है कि राज्य में क्राइम बढ़ गया है. अपराध के आंकड़े नहीं बढ़े हैं. अगर कुछ होता है तो एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस एक्टिव हैं और कुछ भी गलत होने पर एक्शन लिया जाएगा.
उन्होंने आगे कहा, कुछ अन्य जगहों पर दूसरी घटनाएं हुई हैं. एक जगह से नक्सली घटना की खबर है. इसकी जांच की जा रही है. यह अलग मसला है लेकिन आमतौर पर जो क्राइम होते हैं, उनमें कमी आई है. नीतीश ने यह भी कहा कि शराबबंदी के बाद से अपराध दर में कमी आई है.
बीते दिनों नीतीश कुमार ने राज्य में जहरीली शराब से मौत मामले में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी. मुख्यमंत्री ने कहा था कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों को राज्यभर में प्रतिबंध ठीक तरह से लागू करने को कहा गया है. दीपावली से विभिन्न जिलों में जहरीली शराब के कारण करीब 40 लोगों की जान चली गई है. कुमार ने कहा था कि शराबबंदी समाज हित में की गई है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सरकार के मिशन में उसका सहयोग करें क्योंकि ‘‘शराब एक खराब चीज है.’’ शराबबंदी कानून पर विचार-विमर्श करने के लिए उन्होंने 16 नवंबर को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून के क्रियान्वयन में उन्हें लागू करने वाली एजेंसियों की भूमिका की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी और किसी भी तरह की ढिलाई से सख्ती से निबटा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी शराब आपूर्ति करते या इसका सेवन कर, कानून का उल्लंघन करता पाया गया, चाहे वे सरकारी अधिकारों हों या आम लोग तो उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा.
गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने दिवाली के आसपास पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर जिलों में जहरीली शराब से 40 से अधिक लोगों की मौत के लिए भी सरकार को दोषी ठहराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि शराबबंदी घोषित राज्य में अवैध शराब का कारोबार ‘‘सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं और प्रशासन के पूर्ण समर्थन के साथ फल-फूल रहा है.’’
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