नई दिल्ली बिहार में विधानसभा चुनाव के अब तक आए परिणाम और रूझान साफ संकेत दे रहे हैं कि सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) को खासा नुकसान हो रहा है और इसका कारण बन रही है चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) जो इस बार अकेले दम चुनाव मैदान में थी. हालांकि इसके लिए एलजेपी को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.


निर्वाचन आयोग के शाम 7 बजे के आंकड़ों के मुताबिक एलजेपी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है और उसे अब तक करीब 6 फीसदी वोट मिले हैं. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि एलजेपी ने कम से कम 30 सीटों पर जेडीयू को नुकसान पहुंचाया है और उसके हार का कारण बन रही है.


जेडीयू को अभी तक सात सीटों पर जीत मिली है जबकि 36 सीटों पर वह आगे है. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 71 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता के सी त्यागी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि एक ‘‘साजिश’’ के तहत नीतीश कुमार के खिलाफ ‘‘अपमानजनक अभियान’’ चलाया गया. बगैर किसी का नाम लिए उन्होंने कहा, ‘‘अपने भी शामिल थे और बेगाने भी.’’


उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे. उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही राजग सरकार का नेतृत्व करेंगे. भाजपा 71 सीटों पर जीत की ओर आगे बढ़ रही है जबकि राजग के दो अन्य सहयोगी दल आठ सीटों पर जीत की ओर अग्रसर थे. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक राजग के खाते में 122 सीटें जाती दिख रही है.