बिहार -जेडीयू और बीजेपी 50: 50 फ़ीसदी सीट शेयरिंग फार्मूले पर लड़ सकते चुनाव
बिहार -जेडीयू और बीजेपी 50 50 फ़ीसदी सीट शेयरिंग फार्मूले पर लड़ सकते चुनाव, लोकसभा का फार्मूला, विधानसभा चुनाव में लागू करने पर बन सकती है सहमति.
नई दिल्लीः दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है प्रत्याशियों की घोषणा भी होना शुरू हो गई है लेकिन हम बात कर रहे हैं बिहार में विधानसभा चुनाव की. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के बीच सीट शेयरिंग फार्मूला 50-50 पर सहमति बन सकती है.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़े थे जबकि उससे पहले साल 2010 में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. का स्ट्राइक रेट 90 फ़ीसदी से ज़्यादा का था जो कि जेडीयू के स्ट्राइक रेट से बहुत ज्यादा था. दोनों ही परिस्थितियों की तुलना 2020 की परिस्थितियों से नहीं की जा सकती इसलिए जेडीयू और बीजेपी के बीच नया सीट शेयरिंग फार्मूला सामने आएगा.
2020 के विधानसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग फार्मूला लोकसभा चुनाव के फार्मूले पर आधारित हो सकता है. लोकसभा चुनाव में हुए सीट शेयरिंग फार्मूला विधानासभा में भी सीटों के बंटवारे का आधार बन सकता है.लोकसभा चुनाव में इस फार्मूले के तहत बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बंटवारा, गठबंधन के दूसरे साथियों को सीटें देने के बाद बची हुई सीटों पर 50 -50 फ़ीसदी के आधार पर हुआ था. बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में भी यही फार्मूला लागू किया जा सकता है.
हाल ही में जेडीयू के उपाध्यक्ष और नीतीश कुमार के करीबी प्रशांत किशोर ने कहा था कि जेडीयू और बीजेपी के बीच सीटों का बंटवारा 2010 के फार्मूले के तहत होना चाहिए उस समय बीजेपी को 102 सीट है और जेडीयू को 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. हालांकि बाद में जेडीयू के तमाम नेताओं की तरफ से प्रशांत किशोर के बयान को खारिज कर दिया गया तब यह कहा गया था कि नीतीश कुमार के कहने पर ही प्रशांत किशोर 2010 के फार्मूले को लागू करने की बात को हवा में उछाल रहे.
बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर की बात को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता यह मामला बीजेपी के और जेडीयू के शीर्ष नेताओं के बीच ही तय होगा लेकिन बीजेपी 50-50 फ़ीसदी फार्मूले के आधार पर सीट शेयरिंग करना पसंद करेंगी.