Delhi Air Quality: दिल्ली में प्रदूषण का कोहराम, गोपाल राय बोले- लोगों के पटाखे फोड़ने के लिए बीजेपी जिम्मेदार
Pollution in Delhi: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, भाजपा के नेताओं ने हर समय बयान दिए कि पटाखे जलाने से कुछ नहीं होता है, यह धर्म और त्योहार का मामला है.
दिवाली के अगले दिन दिल्ली का दम घुटता नजर आया. राजधानी की हवा सांस लेने लायक नहीं बची. दिल्ली-NCR में दिवाली पर खूब पटाखे जलाए जाने के बाद शुक्रवार को सुबह घने कोहरे की मोटी परत छायी रही जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं.
इस मामले पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. गोपाल राय ने कहा कि लोगों द्वारा पटाखे जलाए जाने के पीछे बीजेपी है. उन्होंने कहा, दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है. इसके पीछे दो कारण हैं. एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं. 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं. कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI स्तर बढ़ा है.उन्होंने आगे कहा, भाजपा के नेताओं ने हर समय बयान दिए कि पटाखे जलाने से कुछ नहीं होता है, यह धर्म और त्योहार का मामला है. अब सभी वैज्ञानिक कह रहे हैं कि पटाखों से प्रदूषण होता है. दो दिन पहले हवा की जो गुणवत्ता थी, वह आज नहीं है.
#WATCH | Punjab: Stubble burning continues in Amritsar; visuals from Attari village. pic.twitter.com/EjIEfOpUM8
— ANI (@ANI) November 5, 2021
दिल्ली की हवा जहरीली
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले महीन कण यानी पीएम 2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई जो 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है. गुरुवार शाम 6 बजे इसकी औसत सांद्रता 243 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी. पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़े को पार कर गया और सुबह नौ बजे यह 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था. ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक क्रमश: 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता 'इमरजेंसी कैटेगरी' में मानी जाती है.
Delhi recorded lowest pollution levels in Oct this year in comparison to last 5 years. But pollution level is increasing for the last 3 days due to firecrackers bursting & an increase in stubble burning. However, it is lesser than previous years: Delhi Environment Min Gopal Rai pic.twitter.com/VSGQHyTZvZ
— ANI (@ANI) November 5, 2021
दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जीनामणि ने कहा, 'दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता कम होकर 200 से 500 मीटर के दायरे तक रह गयी. शहर के कई हिस्सों में दृश्यता कम होकर 200 मीटर तक रह गयी.'
दिल्ली में 33 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 33 ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया. दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गयी क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए. पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में वायु गुणवत्ता शुक्रवार को सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गयी.
बता दें कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है.
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों और उसके उपनगरों में लोगों ने सुबह सिर में दर्द, गले में जलन और आंखों में पानी आने की शिकायतें की. चिंतित नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर आतिशबाजी की तस्वीरें और वीडियो साझा किए और पटाखों पर प्रतिबंध को 'मजाक' बताया.
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