राजस्थान में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बीजेपी में भी चरम गुटबाजी चल रही है. खास बात ये है कि इस राज्य में देश की दो बड़ी पार्टियों के बीच सीधी टक्कर है.  कांग्रेस में जहां सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अगुवाई में दो अलग-अलग खेमे हैं तो बीजेपी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और गजेंद्र शेखावत में पटरी नहीं खाती है.


इस रस्साकसी में कहीं बीजेपी का नुकसान विधानसभा चुनाव में न हो जाए इसको देखते हुए संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी विधानसभा चुनाव में सीएम पद का चेहरा किसी को नहीं बनाएगी. ये बातें अमित शाह के बीते हफ्ते हुए दौरे के बाद से सामने आ रही हैं.


बीते हफ्ते अमित शाह के दौरे के समय बीजेपी में यह गुटबाजी सड़क पर भी देखने को मिली. शाह के निर्धारित दौरे से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों ने  जयपुर में उनके पोस्टर लगाए, जिनमें जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत की तस्वीर नहीं थी. बाद में फॉलोअर्स ने अन्य पोस्टर भी लगाए जिनमें राजे की तस्वीरें नहीं थीं. 


दरअसल, शेखावत और राजे के बीच प्रतिद्वंद्विता कोई नई बात नहीं है और इसकी शुरुआत 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले हो गई थी. 


बीजेपी शेखावत को पार्टी अध्यक्ष बनाना चाहती थी, राजे इसके लिए झिझक रही थीं और इस तरह से विभाजन शुरू हुआ, जो बढ़ता ही जा रहा है.  पार्टी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है जो अब होर्डिग्स में भी साफ नजर आ रही है. 


शहर भर के ज्यादातर होर्डिग्स में गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे नजर आ रहे हैं. इन दोनों के समर्थक अपने-अपने नेताओं को अहमियत दे रहे हैं.  वसुंधरा के समर्थकों द्वारा लगाए गए होर्डिग्स से शेखावत गायब हैं, जबकि वसुंधरा राजे शेखावत के समर्थकों के होर्डिंग्स से गायब हैं. प्रोटोकॉल के चलते दोनों गुटों के लगभग सभी पोस्टरों में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया मौजूद हैं.


दरअसल हाल ही में तब भौंहें तन गईं जब दिल्ली में पार्टी नेतृत्व द्वारा पूनिया की रामदेवरा पदयात्रा रद्द कर दी गई. सूत्रों ने बताया कि तीन दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष पूनिया को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हस्तक्षेप के बाद पोकरण से रामदेवरा यात्रा रद्द करनी पड़ी थी. 


यात्रा के संबंध में पूनिया को एक विशेष समुदाय द्वारा पूर्ण समर्थन दिया गया था. इसे लेकर बीजेपी से जुड़े लोगों के दूसरे तबके की नाराजगी बढ़ती जा रही थी. ऐसे में प्रभारी अरुण सिंह ने पदयात्रा रद्द करने की सलाह दी.