बीजेपी सांसद अनिल जैन ने किसान आंदोलन की मौजूदा स्थिति पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों को कहीं न कहीं बरगलाया जा रहा है. बीजेपी सांसद का कहना है कि किसान की हितैषी और उनके लिए संवेदनशील मोदी सरकार ने किसान के लिए कृषि सुधार लाई थी.
बीजेपी सांसद अनिल जैन ने तुकबंदी भरे अंदाज़ में कहा, ''जो सोया है उसको जगाया जा सकता है, जो सोया ही नहीं है उसको कौन जगाएगा? अभिप्राय यह है कि यह किसानों की समस्या का आंदोलन अब नहीं दिखता है. किसानों को कहीं ना कहीं बरगलाया गया है. अगर जो इसमें किसान हैं, निश्चित रूप से कुछ किसान तो हैं, लेकिन पीछे की जो फोर्स है वह इस बात पर टिकी है कि ये आंदोलन, आंदोलन के लिए चलाया जाए. भले देश में झूठ को प्रचारित करके गलत तथ्यों पर आधारित भ्रम फैलाकर ही आंदोलन खड़ा किया जा रहा है.''
अनिल जैन का कहना है कि 6 महीने से कानून लागू है उसके बाद एमएसपी बढ़ गई, उसके बाद खरीदारी हो गई. सबसे ज्यादा खरीदारी पूरे देश में पंजाब की हुई है. वहां 60 प्रतिशत की खरीदारी हुई. मोदी सरकार किसान हितैषी और उनके लिए संवेदनशील है.
अनिल जैन का बयान
सांसद अनिल जैन ने कहा, ''तमाम तरह के लोग हैं. इसमें यह तो आप लोगों का काम है ढूंढना कि कौन-कौन लोग हैं मैं कहूंगा तो लोग कहेंगे कि इनको यही बातें आती हैं लेकिन किसान के तीन झूठ बहुत बड़े फैलाए गए एमएसपी खत्म हो जाएगी एमएसपी बढ़ा कर दे रही है सरकार और पिछली सरकारों में किसी ने इतनी हिम्मत नहीं कि जितनी मोदी जी ने की डेढ़ गुना एमएसपी किया और आज 1-1 फसल पर कई फसलें ऐसी हैं जिन पर 93% तक इंक्रीजमेंट हुआ है 50% ही नहीं 93% तक लेकिन मुझे समझने के लिए तैयार नहीं है. जानते सब हैं लेकिन बरगला रहे हैं दूसरी बात कही की मंडी खत्म हो जाएगी उनका झूठ हो गया मंडी भी खत्म नहीं हुई. तीसरी बात कही की जमीन किसानों की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में किसानों की जमीन सरमायदार ले जाएंगे इससे बड़ा झूठ क्या था आज भी देश में तमाम जगह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग हो रही है और बड़े बड़े कारपोरेट को पंजाब ने ही बुलाया था सबसे सोशल मीडिया पर देखी है ये. सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी हालत में किसान की जमीन कहीं नहीं जाएगी सरकार लिख कर देने को तैयार हैं.
किसानों को जो शंका है उसके समाधान के लिए क्लास बाय क्लोज कृषि मंत्री जी ने गृह मंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी ने आज फिर कहा कि सरकार बात करने को तैयार है लेकिन यह जिद्द बना लेना बना लेना कि हम कानून रद्द करवाएंगे इससे देश नहीं चलता इससे समाज इससे व्यवस्थाएं नहीं चलती व्यवस्था को भंग करना मकसद है जो लोग ऐसी बात करवा रहे हैं या करवा रहे है.
हम तो किसानों के लिए कह रहे हैं कि अगर आपको शंका लगती है तो हम संशोधन करने को तैयार हैं जैसे कुछ किसानों ने कहा कि इसमें न्यायालय में जाने की छूट होनी चाहिए अब तक तो एसडीएम के तहत 30 दिन में निपटारा करने की बात थी अगर फिर भी किसानों को लगता है कि एसडीएम नहीं न्यायालय जाना चाहते हैं तो यह संशोधन कर देंगे हमको लगता है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के थ्रू हमें गारंटीड मनी मिलेगी गारंटी मनी की लिख कर देंगे गारंटीड मनी मिलेगी जो भी आपका तय होगा नहीं देंगे तो इस पर एक्शन सरकार लेगी सरकार ने बात कही है जो सुधार चाहते हो जमीन किसी भी हालत में आपकी खतरे में ना आए इस सब चीजों के लिए सरकार तैयार है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज करना आंदोलन करना सबका अधिकार है करें लेकिन अपने प्रदर्शन से दूसरे के अधिकार नहीं छीन ए जाएं इस बात की व्यवस्था होनी चाहिए मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के साथ में किस किसान भी समझेंगे तो समिति बनाने की बात चल रही है एक्सपोर्ट किसान और सरकार के नुमाइंदे समिति बनाएं और उसमें क्या हो सकता है बेस्ट पॉसिबल को करें. राष्ट्रीय खोले जाएं आंदोलन करने का प्रदर्शन करने का अलग तरीके हैं वह करें कोई स्कीम बनाई नहीं है लेकिन लेकिन यह रास्ते रोक कर बैठ जाना दूसरे के नागरिक अधिकार का हनन करना यह गलत है यह सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है और यह मानना चाहिए इसलिए रास्ते धरने हटने चाहिए अपनी बात कहने के लिए अलग-अलग प्रकार से जो नियम है डेमोक्रेसी में वह करें उसमें कोई आपत्ति नहीं है.