नोएडा. बीजेपी के पूर्व नोएडा महानगर अध्यक्ष नरेश शर्मा की गिरफ्तारी के बाद सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया. नरेश शर्मा पर अपने किरायेदार के साथ मारपीट का आरोप लगा था. किरायेदार द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी का विरोध करते हुये उनके समर्थक थाने के बाहर धरने पर बैठ गए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. वहीं इस विरोध में बीजेपी कार्यकर्ता और नेता सोशल डिस्टेंसिंग भूले. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही.
हालांकि धरना थाने के गेट पर हो रहा है और पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है जब एबीपी गंगा की टीम ने बीजेपी महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सवाल पूछा तो वो कुछ भी नहीं बोले और चुप्पी साधे बैठे रहे. यही नहीं जब उनसे पूछा गया कि आप धरने पर क्यों बैठे हैं, तो बोले 'ये धरना नहीं है', जब पूछा कि फिर क्या है तब मौन साधे रहे.
मूक दर्शक बनी रही पुलिस
हालांकि इस पूरे प्रकरण पर जब हमने नोएडा पुलिस से बात की तो उनका कहना है सारी चीजें देखी जा रही हैं और जो भी सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन करता पाया जायेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सीसीटीवी में सबकुछ रिकॉर्ड हो रहा है. लेकिन जब एबीपी गंगा की टीम ने कहा देखिए दस कदम की दूरी पर सोशल डिस्टेंसिंग का उलंघन हो रहा लेकिन पुलिस अधिकारी देखने के बजाय सफाई देते रहे.
वहीं पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली कि नरेश शर्मा ने कुछ दिन पहले पुलिस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी. लेकिन सवाल इस बात का है कि जब कांग्रेस नेता लल्लू सिंह प्रोटेस्ट करते हैं तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है कि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन जब बीजेपी नेता थाना घेर कर धरने पर बैठ जाते है, तो पुलिस खड़ी देखती रहती है। ऐसा क्यों 'अपनो पे रहम गैरो पे सितम'.